चीन के राजदूत भूटान की यात्रा पर

नई दिल्ली – भारत में नियुक्त चीन के राजदूत भूटान की यात्रा कर रहे है| इस यात्रा से भूटान के साथ संबंध स्थापित करने के लिए चीन कोशिश कर रहा है, यह फिर से सामने आ रहा है| ‘डोकलाम’ विवाद के दौरान चीन ने भारत को नजरअंदाज करके भूटान से सीधे संबंध बनाने की कोशिश शुरू की थी| यह कोशिश भारत की सुरक्षा के लिए चुनौती साबित होगी, यह चेतावनी विश्‍लेषकों से दी जा रही है|

भूटान से डोकलाम छिनने के लिए चीन ने की हुई कोशिश भारत ने सफल नही होने दी थी| इस विवाद में भारत और चीन की सेना आमने सामने खडी हुई थी| आखिर कार विवश हो कर चीन की सेना को पीछे हटना पडा था| लेकिन, इस अवमान का बदला लेने के लिए चीन अभी भी बेचैन है और सीधे भूटान के साथ राजनीतिक स्तर पर संबंध स्थापित करने की तैयारी अब चीन ने की है| भूटान और भारत के बीच हुए समझौते के नुसार भूटान के विदेश व्यवहार भारत ही संभालेगा यह तय हुआ आहे. लेकिन, चीन को यह समझौता मंजूर नही है और अपने और भूटान के संबंधों के बीच भारत बेवजह आ रहा है, यह आरोप चीन करता रहा है|

इस पृष्ठभुमि पर चीन ने भूटान के साथ बातचीत के दौर बढाए है और चीन के राजनीतिक अधिकारी कई स्तरों पर इसके लिए कोशिश कर रहे है| भारत में नियुक्त चीन के राजदूत कर रहे भूटान की यात्रा इसी कोशिशों का हिस्सा बनता है| राजनीतिक स्तर पर चीन से यह कोशिश शुरू होते हुए, डोकलाम के जिस हिस्से में भारत और चीन की सेना एक दुसरे के सामने खडी हुई थी, वहा से थोडी ही दूरी पर चीन ने लष्करी गतिविधियां बढाई है, ऐसा वृत्त भी है| चीन की इन गतिविधियों पर भारत बारिकीसे नजर रखकर है, यह गवाही भारत के सियासी और लष्करी नेतृत्व लगातार दे रहे है|

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