चीन का ‘युआन’ अमरिकी ‘डॉलर’ का स्थान प्राप्त करेगा – ‘बैंक ऑफ इंग्लंड’ के प्रमुख का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

लंडन/बीजिंग/वॉशिंगटन – वर्तमान में जागतिक व्यवस्था का पुनर्गठन हो रहा है और वित्त जगत और वास्तविक स्थिति में बनी खाई कम होने की संभावना है| यह प्रक्रिया शुरू है, तभी अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में नई रक्षित चलन का उदय हो सकता है| वर्तमान के प्रमुख राष्ट्रीय चलनों में से एक, उसमें चीन के युआन का स्थान अग्रीम स्थान पर है, यह चलन विश्‍व में नया रक्षित चलन साबित होगा, यह मेरा एहसास है, इन शब्दों में ब्रिटेन के मध्यवर्ती बैंक के प्रमुख ने चीन का युआन अमरिकी डॉलर्स का स्थान प्राप्त कर सकता है, यह दावा किया|

जागतिक स्तर पर अमरिका का प्रमुख सहयोग और व्यापारी साझीदार रहे ब्रिटेन जैसे देश से चीन के युआन को रक्षित चलन के तौर पर मिल रहा बढावा ध्यान आकर्षित करता है| अबतक जागतिक स्तर की शीर्ष वित्त संस्था, विश्‍लेषक, सलाहकार और कई देशों के वित्त शास्त्री ‘युआन’ अमरिकी डॉलर्स को चुनौती दे सकता है, यह अंदाजा व्यक्त करते रहे है| लेकिन विश्‍व की प्रमुख अर्थव्यवस्था के तौर पर पहचानी जा रही ब्रिटेन की मध्यवर्ती बैंक के प्रमुख अधिकारी ने इस तरह ‘युआन’ अमरिकी डॉलर्स का स्थान प्राप्त कर सकता है, यह संकेत देना खलबली मचाने वाली घटना हो रही है|

युआन की प्रशंसा करने के साथ ही ‘बैंक ऑफ इंग्लंड’ के प्रमुख मार्क कार्नी इन्होंने अमरिकी डॉलर की हुई गिरावट का भी एहसास कराया है| जागतिक व्यवस्था में अमरिकी डॉलर के अलावा दुसरे चलन ने रक्षित चलन का स्थान प्राप्त करता दिखाई देगा, यह कार्नी इन्होंने कहा है| यह बदलाव एक रात में या कुछ दिनों में नही होगा| उसके लिए काफी समय लगेगा, यह भी ब्रिटेन के मध्यवर्ती बैंक के प्रमुख ने स्पष्ट किया है| यह कहते हुए उन्होंने जागतिक अर्थव्यवस्था में महासत्ता के तौर पर ब्रिटेन का स्थान अमरिका ने प्राप्त करने की प्रक्रिया का दाखिला भी दिया|

पिछले कुछ वर्षों में चीन ने युआन का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक बढाने के लिए योजना से कदम बढाए है| कुछ वर्ष पहले सोने के कारोबार के लिए शुरू किया हुआ ‘एक्सेंज’ और पिछले वर्ष मार्च महीने में ईंधन के व्यवहारों ‘बेंचमार्क’ शुरू करने की प्रक्रिया ध्यान खिंचनेवाली साबित हुई है| इस वजह से ईंधन और सोना इन दो प्रमुख वस्तूओं के व्यवहारों पर कुछ मात्रा में नियंत्रण करने में चीन सफल हुआ है और इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युआन का हिस्सा बढ रहा है, यह भी स्पष्ट हुआ है|

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्‍लेषक लगातार अमरिकी डॉलर की गिरावट और चीन से युआन की कक्षा बढाने के लिए शुरू कोशिशों की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे है| वर्तमान में विश्‍व की इन दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच शुरू व्यापार युद्ध ने इस संबंधी दावों को और भी अहमियत प्राप्त हुई है| कुछ महीनों पहले, चीन अपने सोने के भांडार के बलबुते पर अमरिकी डॉलर्स का वर्चस्व खतम करेगा, यह दावा कनाडा के अर्थ विशेषज्ञ ऍलेस्दर मॅक्लिऑढ़ इन्हों ने किया था| वही, अर्थ विशेषज्ञ पीटर शीफ इन्होंने व्यापार युद्ध की वजह से अमरिकी डॉलर टूट जाएगा, यह चेतावनी दी थी|

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