राष्ट्रपति के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन का आक्षेप

बीजिंग: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन ने आक्षेप लिया है। इस दौरे से द्विपक्षीय संबंधों पर परिणाम होंगे, ऐसा इशारा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कैंग ने दिया है। इन दौरों की वजह से भारत के चीन से साथ संबंध अधिक उलझनभरे बनने की टिप्पणी भी, कैंग ने की है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर भी चीन ने आक्षेप जताया था।

आक्षेप

रविवार को राष्ट्रपति कोविंद अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर थे, इस पर चीन से अपेक्षित प्रतिक्रिया आई है। अरुणाचल प्रदेश यह दक्षिण तिबेट होकर यह चीन का भूभाग होने का दावा चीन कर रहा है। पिछले दशक से चीन ने समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश पर भारत का कब्जा अवैध होने की बात कहकर, भारत को चेतावनी दी थी। पर इस बारे में किसी भी प्रकार की चर्चा एवं समझौता संभव न होने की बात कहकर भारत ने चीन का दावा ठुकराया था। तथा इस सीमा भाग में परिवहन तथा अन्य सुरक्षा विषयक सुविधा बढ़ाने के लिए भारतने गतिमान कदम उठाए हैं।

ऐसा होते हुए भी चीन लगातार भारतीय नेताओं के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर अपना आक्षेप जता रहा है। चीन ने कितने भी आक्षेप जताए हो और अरुणाचल प्रदेश पर दावा किया हो, फिर भी वास्तविक स्थिति बदलने वाली नहीं है। अरुणाचल प्रदेश का भारत का ही भूभाग था और आगे चलकर रहेगा ऐसा रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने सूचित किया है। सीतारामन के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर भी चीन ने आक्षेप लिया था। उसके बाद उन्होंने यह प्रतिक्रिया देकर चीन को फटकारा था।

दूसरे देश के भूभाग पर अपना अधिकार दिखाकर, यह अधिकार छोड़ने के बदले में चीन अन्य चीज़े प्राप्त करने का प्रयत्न कर रहा है। इसके लिए चीन ऐसे प्रकार के दावे करने की बात इससे पहले भी सामने आई थी। फिलहाल ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र से ‘ईस्ट चाइना सी’ में चीन यही षड्यंत्र करने के बाद दिखाई दे रही है।

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