हुवेई पर पाबंदी लगाना ब्रिटेन में चीन के निवेश को खतरा बनेगा – चीन के वरिष्ठ अधिकारी का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन/बीजिंग – ब्रिटेन ने ‘५जी’ क्षेत्र से ‘हुवेई’ को बाहर रखने की कोशिश की तो उसके कडे परिणाम ब्रिटेन में चीन से हुई निवेश पर होंगे, यह चेतावनी ब्रिटेन स्थित चीन के वरिष्ठ अधिकारी ने दी है| पिछले सप्ताह में अमरिका ने ‘हुवेई’ को ‘ब्लैक लिस्ट’ करने का ऐलान किया था| उसके बाद तीन प्रमुख ब्रिटीश कंपनियों ने ‘हुवेई’ के साथ बने संबंध खंडित करने की घोषणा की थी| इस पृष्ठभूमि पर चीन के अधिकारी ने दिया इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है|

ब्रिटेन में ‘सेमिकंडक्टर चिप्स’ तैयार करनेवाली कंपनी ‘आर्म’ ने हुवेई के साथ होनेवाला समझौता और उत्पाद की आपुर्ति रोकने का निवेदन जारी किया है| साथ ही ब्रिटेन की ‘ईई’ और ‘वोडाफोन’ इन दूरसंचार सेवा देनेवाली कंपनियों ने अपने सेवाओं में ‘हुवेई’ के स्मार्टफोन्स का स्थान नही रहेगा, यह ऐलान किया था| अमरिका के बाद ब्रिटीश कंपनियों से लगा यह झटका ‘हुवेई’ की ‘५जी’ तकनीक संबंधी महत्वाकांक्षा को सुरूंग लगानेवाला साबित हुआ है|

चीन के प्रसारमाध्यमों के साथ हुकूमत ने भी इस स्थिति का संज्ञान लिया है| लंदन में चीन के दूतावास के प्रमुख रहे चेन वेन इन्होंने ब्रिटेन में चीन ने किए निवेश को खतरा बनेगा, यह चेतावनी दी है| इससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को भी झटका लग सकता है, यह धमकी वेन इन्होंने स्पष्ट शब्दों में ब्रिटेन को दी है| ब्रिटेन अभी भी खुली अर्थव्यवस्था है क्या? और ब्रिटेन में चीन के निवेशकों का स्वागत होगा क्या? इन सवालों के उत्तर अगले समय में अहम साबित होंगे, यह दावा भी उन्होंने किया है|

इसके पहले पिछले महीने में ब्रिटेन ने ‘हुवेई’ को देश की ‘५जी’ सेवा विकसित करने की परियोजना में प्राथमिक स्तर पर शामिल होने के लिए मंजुरी भी दी थी| लेकिन, इस निर्णय पर ब्रिटेन के सियासी दायरे में भी हडबडी मची थी| ब्रिटेन के उससमय के रक्षामंत्री गेविन विल्यमसन इन्होंने इस मुद्दे पर इस्तिफा देना पडा था| ब्रिटेन के भूतपूर्व अधिकारियों ने भी ‘हुवेई’ को दी हुई मंजुरी को लेकर प्रधानमंत्री थेरेसा मे पर कडी आलोचना की थी|

ऐसी स्थिति में अमरिका ने ‘ब्लैक लिस्ट’ जारी करने की पृष्ठभूमि पर ब्रिटिश कंपनियों ने किया निर्णय ध्यान आकर्षित कर रहा है| अमरिकी कंपनियोंने सहयोग करने से इन्कार करने पर ब्रिटीश कंपनियों का साथ प्राप्त करने की हुवेई की कोशिश थी| लेकिन, ब्रिटेन जैसे प्रमुख देशों की कंपनियों ने दिया इन्कार हुवेई के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगा जोरदार झटका साबित होता है| इसी लिए चीन ने सिधे ब्रिटेन में चीन ने किए निवेश को लक्ष्य करने का इशारा दिया है|

‘ब्रेक्जिट’ की पृष्ठभूमि पर अर्थव्यवस्था संवरने के लिए ब्रिटेन अब चीन और अमरिका जैसे प्रमुख देशों के साथ हो रहे व्यापारी समझौते और निवेश पर निर्भर है| इस कारण इन देशों ने निवेश में कटौती की तो उसका विपरित असर ब्रिटीश अर्थव्यवस्था पर हो सकता है| यह बात ध्यान में रखकर ब्रिटीश नेतृत्व चीन के धमकाने पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करते है, यह बात ध्यान आकर्षित कर रही है|

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