सीमा पर यथास्थिति में बदलाव करने के चीन के प्रयास बर्दाश्‍त नही करेंगे – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भारत-चीन की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर जारी गतिविधियों को लेकर सरकार की अधिकृत भूमिका चुनिंदा और स्पष्ट शब्दों में रखी। ‘चीन प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा में बदलाव करने का एकतरफा प्रयास करके दोनों देशों में हुए समझौते का उल्लंघन कर रहा है। भारत ऐसी कोशिशें कभी भी बर्दाश्‍त नहीं करेगा। अपनी संप्रभुता से भारत समझौता करेगा, इस भ्रम में कोई भी ना रहे’, ऐसे पुख्ता शब्दों में रक्षामंत्री ने चीन को इशारा दिया।

संसद में किए बयान में राजनाथ सिंह ने सीमा विवाद का हल निकालने के लिए चीन के साथ चर्चा जारी होने की बात कहकर बातचीत के ज़रिए ही सीमा विवाद का हल निकालने का भारत का निर्धार होने की बात बताई। साथ ही दिखाने के लिए बातचीत करने पर जोर दे रहा चीन प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करके भारत का विश्‍वासघात कर रहा है, यह बात रक्षामंत्री ने संसदीय भाषा में पेश की। भारत का गुप्तचर विभाग, लष्करी गुप्तचर यंत्रणा और सुरक्षा से संबंधित अन्य विभागों ने प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर चीन बड़ी मात्रा में सेना और हथियारों का जमावड़ा करने की बात स्पष्ट की है। ऐसे में सावधानी बरतने के लिए भारत ने भी प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर अपनी तैनाती बढ़ाई है, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा।

१५ जून के दिन चीनी सेना ने किए हमले में कर्नल संतोष बाबू समेत २० सैनिक शहीद हुए। भारत के वीर सैनिकों ने वहां पर हुए संघर्ष में सर्वोच्च बलिदान किया, साथ ही चीन को काफी बड़ा नुकसान पहुँचाया। इस संघर्ष में भारतीय सैनिकों ने जहां वीरता दिखाने की ज़रूरत थी वहां पर वीरता का प्रदर्शन किया। जहां पर संयम दिखाने की आवश्‍यकता थी वहां पर संयम दिखाया, इन शब्दों में रक्षामंत्री ने खुले मन से सराहना की।

२९-३० अगस्त के दौरान भी चीन ने प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा की स्थिति में बदलाव करने की कोशिश की। भारत को राजनीतिक बातचीत के ज़रिए चीन के साथ जारी सीमा विवाद का हल निकालना है, लेकिन, भारत अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा। इस बारे में किसीको किसी भी प्रकार का भ्रम ना हो, यह बयान करके राजनाथ सिंह ने चीन को कड़ी चेतावनी दी। प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर जारी गतिविधियों पर काफी कुछ बोलना संभव है, लेकिन हमारी इच्छा के बावजूद सुरक्षा के कारणों से इस मुद्दे पर अधिक बोलना संभव नहीं होगा, यह बात राजनाथ सिंह ने स्पष्ट की। रक्षामंत्री ने संसद में किए इस निवेदन की गूँज चीन में सुनाई पड़ी है।

चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने अपना देश शांति और युद्ध दोनों के लिए तैयार है, ऐसा धमकी का स्वर लगाया है। इससे पहले उत्तर कोरियो जैसे गैरज़िम्मेदार देश से इस्तेमाल हो रही भाषा अब चीन का सरकारी मुखपत्र इस्तेमाल करने लगा है और इससे कम्युनिस्ट हुकूमत की विफलता व्यक्त हो रही है। चीन की सेना संयम दिखा रही है, वरना युद्ध भड़कने पर चीनी सेना भारत को धूल चटाएगी, ऐसी फिज़ुल बयानबाज़ी इस समाचार पत्र ने की है।

असल में भारतीय सेना का प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर वर्चस्व है और विश्‍वभर के तटस्थ निरिक्षकों ने भी यह बात स्वीकार की है। भारतीय जनता अपनी सेना के पीछे ड़टकर खड़ी है और भारतीय सेना की वीरता, मनोबल उच्चकोटी का है। हमने स्वयं सीमा पर सैनिकों से भेंट करके चर्चा की और इसका अनुभव किया, इस बात का रक्षामंत्री ने संसद में ड़टकर बयान किया। इन दोनों बातों का अभाव चीन की सेना को परेशान कर रहा है। इसी कारण भारतीय सैनिकों से संघर्ष करने के लिए चीन ने अपने लष्करी सैनिकों के बजाय अपराधि, कैदी, बॉक्सर्स, क्लब फाईटर्स को भर्ती किया है। यह बात चीनी सेना की मानसिकता और अव्यावसायिकता पूरे विश्‍व को दिखा रही है।

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