युद्ध के समय पर चीन को कृत्रिम द्विपों का लाभ नहीं होगा – चीन स्थित लष्करी पत्रिका का इशारा

बीजिंग – ‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र में चीन ने निर्माण किए कृत्रिम द्विप और उस पर की हुई लष्करी तैनाती की वजह से इस क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ है। लेकिन, अगले दिनों में युद्ध शुरू हुआ तो यह कृत्रिम द्विप चीन के लिए ही परेशानी साबित होंगे। यह कृत्रिम द्विप शत्रु के हमलों के लिए आसान निशाना साबित होंगे और लष्करी स्तर पर चीन के लिए यह द्विप सहायक भी साबित नहीं होंगे, ऐसा इशारा चीन स्थित पत्रिका ‘नेवल ऐण्ड मर्चंट शिप्स’ ने दिया है। चीन की वायुसेना में सबसे प्रगत जाने जा रहे ‘जे-१६’ लड़ाकू विमान भी इन द्विपों पर तैनात नहीं किए जा सकते, इस बात का अहसास इस लष्करी पत्रिका ने दिलाया है।

china-artificial-islandsबीते कुछ वर्षों से चीन ने ‘साउथ चायना सी’ के समुद्री क्षेत्र में भराव करके बड़ी संख्या में कृत्रिम द्विपों का निर्माण किया है, ऐसे दावे हो रहे हैं। स्प्रार्टले, पैरासेल के क्षेत्र में निर्माण किए गए यह द्विप अपनी संप्रभुता के लिए चुनौती होने का आरोप वियतनाम और फिलिपाईन्स ने किया है। तभी इन कृत्रिम द्विपों का लष्करीकरण करके चीन इस समुद्री क्षेत्र पर अधिकार स्थापीत करने की कोशिश कर रहा है। इस वजह से ‘साउथ चायना सी’ के क्षेत्र में सफर करनेवाली विदेशी जहाज़ों की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण हुआ है, ऐसा आरोप अमरीका एवं मित्रदेश कर हे हैं।

वहां के वुडी आयलैण्ड, फेरी रिफ, स्कारबोरो द्विपों पर रनवे, राड़ार यंत्रणा, विमान विरोधी तोंप एवं मिसाइलों की हुई तैनाती के फोटो अमरिकी अभ्यासगुट ने प्रसिद्ध किए थे। लेकिन, चीन की ‘पिपल्स लिब्रेशन आर्मी’ से संबंधित ‘चायना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन’ कंपनी की लष्करी पत्रिका में यही कृत्रिम द्विप अगले दौर में चीन के लिए कमज़ोरी साबित होंगे, यह इशारा दिया है। इसके लिए चीनी पत्रिका ने चार मुद्दे भी उपस्थित किए हैं।

यह कृत्रिम द्विप चीन की मुख्य भूमि से दूर ‘साउथ चायना सी’ में हैं। चीन के हैनान प्रांत से एक हज़ार किलोमीटर दूरी पर स्थित ‘फेरी क्रॉस रीफ’ द्विप पर रनवे निर्माण किया गया है। इस वजह से इस द्विप पर हमला हुआ तो वहां तक समुद्री मार्ग से राहत पहुँचाने के लिए कम से कम २० घंटों का समय लग सकता है, ऐसा दावा वर्णित पत्रिका ने किया है। यह द्विप लंबी दूरी पर होने से इस द्विप की सुरक्षा के लिए ‘जे-१६’ लड़ाकू विमान भेजे तो बीच के क्षेत्र में गश्‍त करनेवाली शत्रु के युद्धपोत विमान विरोधी तोंप से चीनी विमानों पर हमला कर सकते हैं, इस ओर वर्णित चीनी पत्रिका ने ध्यान आकर्षित किया है।

china-artificial-islandsसाथ ही चीन के सभी कृत्रिम द्विप खुले और सतल हैं। उन्हें पर्वत या पहाड़ियों की नैसर्गिक सुरक्षा प्राप्त नहीं है। इस वजह से यह द्विप युद्धपोतों से होनवाले हमलों का सीधा लक्ष्य बन सकते हैं। साथ ही इन द्विपों पर विमानों की सुरक्षा के लिए हैंगर ना होने की याद भी वर्णित लष्करी पत्रिका ने दिलाई है। सबसे अहम बात यह है कि, नैसर्गिक आपत्ति यानी त्सुनामी, ज्वार एवं उष्णकटिबंधीय मौसम इस द्विपों को नुकसान पहुँचा सकते हैं, यह दावा भी इस पत्रिका ने किया है।

ऐसी स्थिति में अगले दौर में ‘साउथ चायना सी’ में बनाए गए इन द्विपों पर हमले हुए तो इन द्विपों की सुरक्षा के लिए आगे बढ़ना चीन के लिए बड़ा मुश्‍किल होगा। इस वजह से इन द्विपों का निर्माण एवं उनका लष्करीकरण करने के बावजूद युद्ध के समय चीन इन द्विपों का काफी ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर सकेगा, ऐसा इशारा वर्णित पत्रिका ने दिया है।

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