अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्चस्व स्थापित करने के लिए चीन कर रहा है ‘न्यू वर्ल्ड मीडिया ऑर्डर’ स्थापित करने की कोशिश – ‘रिपोर्टर्स विदाऊट बॉर्डर्स’ का अहवाल

Third World Warपैरिस/बीजिंग: पिछले वर्ष प्रसिद्ध हुए ‘वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स’ में १८० देशों की सूची में चीन की क्रम संख्या १७६वीं हैं| परंतु इस देश का सत्ताधारी शासन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विचारधारा का प्रसार करने के लिए प्रसार माध्यमों का आक्रमक उपयोग कर रहा है और इसके लिए लगभग १.३ अरब डॉलर्स खर्च कर रहा हैं| जागतिक स्तर पर माध्यम क्षेत्र की प्रमुख संस्था के रूप में पहचाने जाने वाले ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के रिपोर्ट से यह चौकाने वाली बात सामने आई हैं| अंतरराष्ट्रीय महासत्ता बनने के लिए चीन के सत्ताधारी शासन से विविध रणनीतियों का उपयोग करके जागतिक प्रसार माध्यमों पर प्रभुत्व प्राप्त करके माध्यमों को नियंत्रित करना यह उसी का एक हिस्सा होने की बात ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के रिपोर्ट से उजागर हुई हैं|

‘चायनाज् पर्स्युट ऑफ ए न्यू वर्ल्ड मीडिया ऑर्डर’ इस रिपोर्ट में चीन विश्व भर के प्रसार माध्यमों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए करने वाली गतिविधियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया हैं| चीन ने खुद की वृत्तसंस्था और टीवी नेटवर्क्स का विस्तार भी बडी तादाद में बढ़ाया है औल फिलहाल विश्व के १४० देश और ६५ भाषाओं में चीन के प्रसार माध्यमों ने अपना अस्तित्व निर्माण किया हैं|

अंतरराष्ट्रीय स्तर, वर्चस्व स्थापित, चीन, न्यू वर्ल्ड मीडिया ऑर्डर, स्थापित, कोशिश, रिपोर्टर्स विदाऊट बॉर्डर्स, अहवालवर्तमान स्थिति में विश्व की प्रमुख माध्यम कंपनियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड रहा है और उन्हें जाल में खींचने के लिए चीन बडी मात्रा में धन का इस्तेमाल करेगा, यह जिक्र ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने अपने रिपोर्ट में किया हैं| विश्व के प्रमुख माध्यमों में विज्ञापन देने के लिए चीन से लगभग ढाई लाख डॉलर्स की राशि खर्च होने की जानकारी सामने आई हैं| उसी समय अफ्रीका जैसे देशों में माध्यम तथा पत्रकारों को चीन की यात्रा करा कर अपना पक्ष रखने के लिए प्रयत्न किए जा रहे हैं|

विश्व की कुछ प्रमुख माध्यम कंपनियों में हिस्सा प्राप्त करने के लिए भी चीन से बहुत सारा धन खर्च किया जा रहा हैं| यह हिस्सा चीन के संदर्भ के लेख तथा जानकारी पर नियंत्रण रखने के लिए इस्तेमाल करने का दावा ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने किया हैं| पिछले वर्ष दक्षिण अफ्रीका के प्रसिद्ध न्यूज़ वेबसाइट पर चीन के अल्पसंख्यकों पर लिखने वाले पत्रकार का लेख रद्द किया गया था| यह वेबसाइट चलानेवाली कंपनी में चीनी निवेशकों का २० प्रतिशत हिस्सा होते हुए उसका उपयोग कर चीन के विरोध की जानकारी रोकी गई थीं|

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को चीन के बाहर की जानकारी पर नियंत्रण रखने की महत्वाकांक्षा होते हुए उसके लिए यह प्रयत्न शुरू होने का दावा ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ की रिपोर्ट में किया गया हैं| जिनपिंग के ‘वन बेल्ट वन रोड’ इस महत्वाकांक्षी परियोजना को विश्व भर में प्रसिद्धि मिली हैं और उस पर आलोचना भी हो रही हैं| प्रसार माध्यमों पर प्रभुत्व प्राप्त करने के लिए शुरू गतिविधियों की तुलना भी इसी परियोजना से की जा सकती है, ऐसा ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने कहा हैं|

‘अपने रिपोर्ट में चीन के माध्यम क्षेत्र की गतिविधियों के बारे में दी जाने वाली जानकारी मतलब केवल हिमखंड की नोक हैं| इस रिपोर्ट का उद्देश्य विश्व के हर विभाग का पत्रकार चीन की इस क्षेत्र में शुरू गतिविधियों की ओर कड़ी नजर रखें और उन्हें सामने लाए यही है’, इन शब्दों में ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के ईस्ट एशिया ब्यूरो के प्रमुख सेड्रिक अल्विआनी ने इस रिपोर्ट का उद्देश्य स्पष्ट किया हैं| उसी समय केवल चीन के सत्ताधारीयों से चलाए जा रहे प्रचार अभियान का खुलासा करना यही उद्देश्य नहीं है, बल्कि पत्रकारिता भी दाव पर लगी हैं इसकी अनुभूति कराना भी महत्वपूर्ण है, इस ओर अल्विआनी ने ध्यान आकर्षित कराया हैं|

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