लद्दाख के ‘एलएसी’ पर जारी विवाद का हल निकालने की ज़िम्मेदारी चीन की ही है – भारतीय विदेश सचिव श्रृंगला

विदेश सचिवनई दिल्ली – ‘सीमा पर शांति ओर सलोखा बरकरार हुए बगैर भारत और चीन के ताल्लुकात सामान्य नहीं हो सकते। ‘एलएसी’ पर एकतरफा कार्रवाई करके बदलाव करने की कोशिश करनेवाले चीन ने भारत को उकसाया था। अभी भी ‘एलएसी’ के कुछ ठिकानों पर बने विवाद का हल नहीं निकला है। इस वजह से इस विवाद का हल निकालने की ज़िम्मेदारी अब चीन की ही है’, ऐसा बयान भारत के विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने किया है। इसी बीच भारत के पूर्व विदेश सचिव श्‍याम सरन ने यह इशारा दिया है कि, अब खुद को अधिक ताकतवर देश साबित करने के लिए चीन लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव बनाए रखेगा।

चीन ने ही घुसपैठ करके ‘एलएसी’ पर एकतरफा कार्रवाई के ज़रिये बदलाव करने की कोशिश करके देखी थी। ऐसी कोशिश करके भारत के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद चीन नहीं रख सकता। इसी के साथ लद्दाख के ‘एलएसी’ के कुछ हिस्सों से चीन ने अभी तक अपनी सेना नहीं हटाई है, इस ओर विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने ध्यान आकर्षित किया। एक ऑनलाईन कान्फरन्स में बोलते समय विदेश सचिव ने भारत से संबंध सुधारने की ज़िम्मेदारी अब चीन की ही है, यह कहकर चीन ने अपनी सेना पीछे नहीं हटाई गई तो संबंधों में सुधार नहीं होगा, यह संकेत दिए।

बीते वर्ष लद्दाख के ‘एलएसी’ पर चीन ने की हुई घुसपैठ की कोशिशों की वजह से ही भारत के साथ चीन के संबंध बिगड़े थे। चीन ने यहां से पूरी तरह से पीछे हटने तक संबंध सामान्य हो ही नहीं सकते, इस बात का अहसास श्रृंगला ने कराया। बीते कुछ हफ्तों से चीन भारत से यह आवाहन कर रहा है कि, सीमा विवाद का असर द्विपक्षीय सहयोग पर ना पड़ने दें। सीमा विवाद बरकरार रखकर भी दोनों देशों का व्यापार सहयोग जारी रह सकता है, ऐसा चीन का कहना है। सीमा विवाद स्थानीय लष्करी अफसरों के हाथों में सौंपकर इस पर वरिष्ठ स्तर के अफसरों से बातचीत करने की आवश्‍यकता नहीं है, यह भूमिका चीन ने रखी है।

सीमा विवाद का इस तरह से स्थानीकरण करके चीन अपनी घुसपैठ की कोशिशों की तीव्रता कम करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, भारत ने चीन की यह माँग स्पष्ट रूप से ठुकराई है। लद्दाख के ‘एलएसी’ के करीबी क्षेत्र से चीन की सेना बीते वर्ष अप्रैल में जिस स्थिति में थी उसी स्थिति तक पीछे हटे, ऐसी स्पष्ट भूमिका भारत ने ड़टकर अपनाई है। इस पृष्ठभूमि पर भारत के पूर्व विदेश सचिव और जेष्ठ कुटनीतिज्ञ श्‍याम सरन ने चीन के मुद्दे पर सावधानता की सलाह दी है।

चीन ने बीते वर्ष लद्दाख के ‘एलएसी’ पर की हुई घुसपैठ की कोशिश वरिष्ठ नेतृत्व के आदेशों के बगैर मुमकिन नहीं है। इस ओर स्थानीय स्तर की घटना के तौर पर देखने की भूल ना करें, यदि यह स्थानीय स्तर की घुसपैठ होती तो चीन के नेतृत्व ने इस विवाद का हल निकालने के लिए पहल की होती, ऐसा श्‍याम सरन ने कहा।

चीन का वर्चस्व सभी एशियाई देश स्वीकारें, वरना परिणाम भुगतें, यह संदेश देने की कोशिश चीन कर रहा है। हमारा देश अधिक ताकतवर है, यही दिखाने के लिए चीन लद्दख के ‘एलएसी’ का विवाद जारी रखेगा, इस बात का अहसास श्‍याम सरन ने भारत से कराया। चीन से भिड़ने की क्षमता रखनेवाला भारत एकमेव देश है और इसके लिए भारत को देश के अंदरुनि और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सख्त निर्णय लेने ही होंगे, यह इशारा सरन ने दिया है। 

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