‘‘साऊथ चायना सी’ के मसले पर भारत ने यदि जपान के समर्थन में भूमिका अपनाई, तो भारत का नुकसान’ : चीन की धमकी

बीजिंग, दि. ९ (वृत्तसंस्था) – ‘साऊथ चायना सी’ के विवाद में भारत ने यदि चीन के खिलाफ और जपान के समर्थन में भूमिका अपनायी, तो इस वजह से भारत का काफ़ी नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी चीन के सरकारी अखबार ने दी है| भारत की ‘एनएसजी’ सदस्यता और ‘मसूद अझहर’ पर कार्रवाई रोकनेवाले चीन को झटका देने के लिए, भारत ‘साऊथ चायना सी’ के सागरी विवाद के बारे में चीन के खिलाफ भूमिका अपनाने की तैयारी कर रहा है| प्रधानमंत्री मोदी के जपान दौरे में भारत आक्रामक भूमिका अपनानेवाला है, ऐसी खबर प्रकाशित होने के बाद चीन द्वारा यह चेतावनी दी गयी है|

‘साऊथ चायना सी’यदि भारत ने ‘साऊथ चायना सी’ के विवाद में चीन के खिलाफ और जपान के समर्थन में भूमिका अपनायी, तो भारत का ही नुकसान हो सकता है| चीन को रोकने के लिए जापान का इस्तेमाल करने के भारत के प्रयास कभी भी कामयाब नहीं हो सकते| इससे पहले भी इस तरह के प्रयास नाकाम हुए थे| ‘साऊथ चायना सी’ के सागरी विवाद में चीन के खिलाफ भूमिका अपनानेवाले ‘फिलिपाईन्स’ का उदाहरण सामने है, ऐसा ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस चीन के सरकारी अखबार ने कहा| चीन के खिलाफ सख़्त भूमिका अपनानेवाले फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष दुअर्ते अब चीन के साथ अच्छे संबंध स्थापित करते हुए, इस सागरी विवाद का चर्चा के माध्यम से हल ढूँढ़ने की तैयारी कर रहे हैं, इसपर ग्लोबल टाईम्स ने ग़ौर फ़रमाया| इससे भारत बहुत कुछ सीख सकता है, ऐसा दावा इस अखबार ने किया है|

भारत ने सिंगापूर का इस्तेमाल करते हुए, ‘साऊथ चायना सी’ के सिलसिले में आक्रामक बयानबाज़ी करने का प्रयास किया था| लेकिन सिंगापूर ने भारत के इस प्रस्ताव को नकारा था, ऐसा दावा चीन के दैनिक ने किया है| फिर भी भारत ने ये प्रयास छोड़े नहीं हैं| जपान का इस्तेमाल करते हुए चीन को रोकने की कोशिश करनेवाले भारत के प्रयासों की वजह से, भारत और चीन के बीच विसंवाद तथा अविश्‍वास और भी बढ़ेगा| इसका असर दोनों देशों के बीच के व्यापार पर भी होगा, ऐसा भी ग्लोबल टाईम्स ने कहा था| साथ ही, भारत को इस विवाद में दख़लअंदाज़ी करने की जरुरत नहीं है, ऐसा दावा इस दैनिक ने किया है| इसीके साथ, ‘एनएसजी’ में भारत का प्रवेश होने में चीन रोडा डाल रहा है, ऐसा भारतीय मिडिया का प्रचार भी गलत है, ऐस ग्लोबल टाईम्स ने स्पष्ट किया|

चीन केवल नियमों के पालन के लिए आग्रहशील होकर, इसी वजह से ‘एनएसजी’ में भारत का प्रवेश रोका जा रहा है, ऐसा दावा चीन के सरकारी अखबार में किया है| साथ ही, इस मामले में आक्रामक भूमिका अपनाकर भारत अपने ‘एनएसजी’ प्रवेश की प्रक्रिया को और भी उलझा रहा है, ऐसा इल्ज़ाम ‘ग्लोबल टाईम्स’ने लगाया|

‘अमरीका और जापान ये देश भारत को अपनी ओर खींचने के लिए प्रयास कर रहे हैं| चीन की तरक्की की वजह से बेचैन हुआ भारत इस गुट में शामिल हो रहा है| लेकिन चीन के प्रति लग रही असुरक्षितता की भावना के कारण, भारत अपनी चीन संदर्भ की नीति में गलती कर रहा है’ ऐसा निष्कर्ष भी इस अखबार ने दर्ज किया है|

दरअसल, चीन के सरकारी अखबार द्वारा दी जा रही यह चेतावनी, भारत से ज़्यादा चीन की ही बेचैनी एवं असुरक्षितता को बडे पैमाने पर बयान कर रही है| भारत एवं जापान के बीच के द्विपक्षीय संबंधों पर चीन की बारिक़ी से नजर है और दोनों देशों के संबंध अपने ही खिलाफ हैं, यह इल्ज़ाम चीन की ओर से लगाया जा रहा है| इस वजह से, ‘भारत ‘साऊथ चायना’ सी के विवाद में आक्रामक भूमिका अपना रहा है’ ऐसी ख़बरें जारी होने के बाद चीन के सरकारी अखबार की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है|

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