चीन का ज़िक्र ‘खतरा’ ऐसा करना बंद नहीं किया, तो संवाद रोकेंगे – चीन ने ऑस्ट्रेलिया को धमकाया

बीजिंग/कॅनबेरा – ऑस्ट्रेलिया के लिए चीन एक सामरिक ‘खतरा’ हैं ऐसा समझकर यदि ऑस्ट्रेलिया ने इसके आगे भी चीन विरोधी निर्णय करना जारी रखा, तो चीन के मंत्री एवं नेता ऑस्ट्रेलियन नेताओं के फोन का भी जवाब नहीं देंगे, ऐसी धमकी चीन के वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। ऑस्ट्रेलिया में स्थित चीन के दूतावास के अधिकारी ने ऐसा धमकाया होने का वृत्त सामने आया है। ऑस्ट्रेलिया के एक अख़बार से बातचीत करते समय चीन के दूतावास के अधिकारी ने, दो देशों के बिगड़े संबंधों के लिए ऑस्ट्रेलिया ही ज़िम्मेदार होने का आरोप किया। इसके साथ ही, ऑस्ट्रेलिया शीतयुद्ध के दौर की मानसिकता से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है, यह आरोप भी उन्होंने रखा।

china-austचीन और ऑस्ट्रेलिया इन प्रमुख व्यापारी भागीदार देशों का तनाव, बीते कुछ वर्षों से धीरे धीरे सामने आ रहा था। ऑस्ट्रेलिया की अंदरूनी राजनीति में दखलअंदाज़ी करना, सायबर हमलें इन जैसें मुद्दों की वजह से बढ़ रहें तनाव में, इस वर्ष कोरोना की महामारी का इज़ाफा हुआ है। इसके साथ ही हाँगकाँग, तैवान एवं साउथ चायना सी के मुद्दे पर भी ऑस्ट्रेलिया ने आक्रामक भूमिका अपनाई हैं। बीते साल भर में ऑस्ट्रेलिया ने, चीन की हरकतें रोकने के लिए तीन कानून पारित किए हैं और नए विधेयकों के संकेत भी दिए हैं। ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त हो रहें आक्रामक प्रत्युत्तर की वजह से चीन अच्छा खासा बौखला गया है और अब सीधे सीधे धमकी दे रहा है।

इससे पहले अगस्त महीने में, चीन के दूतावास के अधिकारी ने कोरोना की महामारी के मुद्दे पर चेतावनी देते समय, ऑस्ट्रेलिया ने विश्‍वासघात किया है, यह आरोप रखा था। अब उसके आगे जाकर ऑस्ट्रेलियन नेताओं के साथ बातचीत बंद करने की धमकी चीन के दूतावास द्वारा दी गई है। यह धमकी देने के साथ ही, दो देशों में बने इस तनाव का ठिकरा पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया पर ही फोड़ने की गैरज़िम्मेदाराना हरकत भी चीन ने दिखाई है। ‘चीन और ऑस्ट्रेलिया के टूट रहें संबंधों को सुधारने के लिए, ऑस्ट्रेलिया को आत्मपरीक्षण करके कदम उठाना होगा। ताली दो हाथों से बजती है, ऐसा कहा जाता है। लेकिन, यहाँ पर सभी समस्याएँ ऑस्ट्रेलिया के कारण ही उभरीं हैं। ऑस्ट्रेलिया शीतयुद्ध के दौर की मानसिकता से ही चीन के साथ संबंध निभाता दिख रहा है। यह मानसिकता छोड़कर, ‘चीन कोई खतरा नहीं, बल्कि अवसर है’ यह भूमिका ऑस्ट्रेलिया को अपनानी होगी। यदि ऐसा नहीं किया, तो दोनों देशों के सहयोग की नींव ही तहस नहस होगी’, ऐसा चीन के दूतावास के अधिकारी ने चेताया है।

china-australiaचीन से प्राप्त हो रहीं धमकियों एवं इशारों के बाद भी ऑस्ट्रेलिया ने अपनी भूमिका बरकरार रखी है। दूतावास के अधिकारी ने दी धमकी पर ऑस्ट्रेलिया ने अभी प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। लेकिन, फिर भी प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने दो दिन पहले ही चीन को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी थी। ‘चीन के दबाव के सामने झुककर ऑस्ट्रेलिया अभिव्यक्ती की आज़ादी, मानव अधिकार और सुरक्षा के साथ बिल्कुल समझौता नहीं करेगा। ऑस्ट्रेलिया हमेशा के लिए ऑस्ट्रेलिया ही रहेगा’, यह बयान प्रधानमंत्री मॉरिसन ने ड़टकर किया था। अपनी सरकार ने आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन के खिलाफ अपनाई भूमिका में कोई भी बदलाव नहीं होगा, यह बात भी प्रधानमंत्री मॉरिसन ने स्पष्ट की थी।

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