अमरिका के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए चीन ने गठित किया स्वतंत्र शेअर बाजार

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/वॉशिंगटन – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में शुरू की हुई कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर चीन की हुकूमत ने अमरिका की वर्चस्व को चुनौती देने की कोशिश शुरू की है| ट्रम्प ने लगाए कर और प्रतिबंधों का झटका तकनीकी क्षेत्र की चीनी कंपनियों को बडी मात्रा में लग रहा है| अमरिका के इस कार्रवाई का असर दूर रखकर तकनीकी क्षेत्र में खुद का प्रभाव बरकरार रखने के लिए चीन ने सीधे स्वतंत्र शेअर बाजार का गठन किया है और यह शेअर बाजार सोमवार से कार्यरत हुआ|

‘स्टार मार्केट’ नाम से सक्रिय हुआ यह शेअर बाजार अमरिका के ‘नैस्डेक’ इस तकनीकी क्षेत्र के शेअर बाजर को सीधा चुनौती देने के लिए शुरू किया गया है, यह समझा जा रहा है| अमरिका का यह शेअर बाजर निवेष के नजरिए से दुनिया में दुसरे क्रमांक का शेअर बाजार के तौर पर पहचाना जा रहा है| इस शेअर बाजार में तकनीकी क्षेत्र की सर्वोच्च और प्रमुख कंपनियों का समावेश है और इस क्षेत्र के लिए यह शेअर बाजार और इसका झुकाव मानदंड के तौर पर जाना जा रहा है|

चीन ने शुरू किया ‘स्टार मार्केट’ शेअर बाजार में तकनीकी क्षेत्र की २५ चीन की कंपनियों ने पंजी की है| कुछ देर बाद विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र की अधिकांश चीन की कंपनियां इस शेअर बाजार में पंजी करेगी, यह जानकारी सूत्रों ने दी| दुनिया के शेअर बाजार में अमरिका के पीछे चीन दुसरे स्थान पर होने की बात समझी जा रही है| लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में चीन के शेअर बाजारों में बडी उथल पुथल हुई है और निवेषक और कंपनियों को भी बडा नुकसान उठाना पडा है|

इसी के साथ चीन के कानुन की वजह से विदेशी कंपनियां और निवेषक चीन के शेअर बाजार में ज्यादा सक्रिय नही है| यह कमी दूर करके तकनीकी क्षेत्र की कंपनियों को उत्तेजन देने के लिए चीन ने नए शेअर बाजार का गठन किया है, यह समझा जा रहा है| चीन ने तकनीकी क्षेत्र के लिए ‘मेड इन चाइना २०२५’ यह प्लैन तयार किया है और इसमें तकनीकी क्षेत्र और भविष्य में उद्योगों को अधिक से अधिक अहमियत दी गई है| इसके लिए बडी तादाद में विदेशी निवेष आकर्षित करने की जरूरत है और नए शेअर बाजार के गठन के पिछे यह भी एक उद्देश्य होने की बात कही जा रही है|

पिछले कुछ वर्षों में चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर एक क्षेत्र में अमरिका को चुनौती देना शुरू किया है| पिछले कुछ वर्षों में शुरू किया गया ‘गोल्ड एक्सेंज’ और ‘ऑइल मार्केट’ यह इसी का अहम स्तर था| इन दोनों क्षेत्रों का निवेष और बाजार अपने कब्जे में रहे, इसके लिए चीन की हुकूमत ने सोना और ईंधन के व्यवहार के लिए यंत्रणा खडी की है| ‘स्टार मार्केट’ शेअर बाजार भी इसका अगला स्तर होने की बात दिख रही है|

चीन ने भविष्य की तकनीक के तौर पर जाने जा रहे ‘५जी’, ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’, ‘रोबोटिक्स’ जैसे क्षेत्रों में काफी बडा निवेष किया है| लेकिन, पश्‍चिमी देशों के समेत कई देशों से आज भी इसे जरूरी और सही मात्रा में समर्थन प्राप्त नही हुआ है| इसका असर चीन की अर्थव्यवस्था पर हो रहा है और विकासदर भी लगातार गिरावट का सामना कर रहा है| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने शुरू किए व्यापार और तकनीकी युद्धतंत्र को जवाब देकर अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चीन बडी कोशिश कर रहा है| तकनीकी क्षेत्र के शेअर बाजार का गठन इसी कोशिश का हिस्सा होता दिखाई दे रहा है|

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