चीन के रक्षादल की निष्ठा कम्युनिस्ट नेतृत्त्व पर होनी चाहिए – राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग का आवाहन

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बीजिंग – चीन में राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के एकतंत्रवाद को धक्के मिलने की खबरें प्रकाशित हुई थी| चीन के रक्षादलों को राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने एक आवाहन करते हुए इसकी अप्रत्यक्ष रुप से कबुली दी है| चीन के रक्षादलों की पूरी निष्ठा कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्त्व को ही अर्पण होनी चाहिए, ऐसा संदेश राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने दिया है| चीन को समर्थ बनाना है तो मुझपर निष्ठा रखने के अलावा अन्य विकल्प नही है, यह राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग चीन के रक्षादलों को बता रहे है, यही बात इस से साफ होती हुई दिखाई देती है|

‘चीन के रक्षादलों मे कम्युनिस्ट पार्टी का नेतृत्व और मजबूत करना चाहिए| चीन और चीन के रक्षादलों को समर्थ बनाने के लिए यह आवश्यक है| चीन के रक्षादलों पर हमेशा सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का नियंत्रण रहेगा, इस लिए सावधानता बरतनी चाहिए| रक्षादलों की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए रही निष्ठा यही उनका मूल आधार होना चाहिए|’ ऐसे शब्दों में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने चीन के रक्षादलों को सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी से एकनिष्ठ रहने का आवाहन किया|

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पिछले कुछ दिनों में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के एकतंत्रवाद को झटके बैठ रहे है तथा उनका नेतृत्त्व असफल होने के दावे हो रहे है| चीन के विश्‍लेषकों द्वारा ही जिनपिंग का नेतृत्त्व तथा कार्यपद्धती पर आलोचना की जा रही है| राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग कुछ समय त महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम तथा मीडिया से दूर रहने के बाद, वह आलोचना टालने का प्रयास कर रहे है, ऐसा भी कहा जा रहा था| इस पृष्ठभूमी पर थेट रक्षादलों को किये आवाहन से चिनी जनता के सामने आने की उनकी कोशिश ध्यान बटोरनीवाली साबित हो रही है|

अमरिका और चीन के बीच छिडे कारोबारी जंग का चीन की अर्थव्यवस्था को बडा झटका लगा है| चीन के यंत्रणाओं द्वारा प्रसिद्ध हुए सांख्यिकी से यह बात सामने आयी है| चिनी यंत्रणाओं की सांख्यिकी में पारदर्शकता ना होने का मसला इससे पहले ही सामने आया है| इसलिए चीन के अर्थव्यवस्था को मिल रहे झटके पहले से ज्यादा व्यापक है, ऐसा बताया जाता है| हर दिन कारोबारी जंग और तेज होते जा रही है और उससे चीन के सत्ताधारियों की कमजोरी सामने आ रही है, ऐसे संकेत अंतरराष्ट्रीय अभ्यासकों द्वारा दिये जा रहे है|

इसी समय अंतर्गत स्तर पर भी चीन को काफी उलथपुलथ का मुकाबला करना पड रहा है| अर्थव्यवस्था को मिल रहे झटकों की पृष्ठभूमी पर चीन में राजनीतिक और आर्थिक सुधारणों की मॉंग तेज होते जा रही है| साथ ही सामाजिक असंतोष तीव्र होने की भी खबरें है| चीन में अल्पसंख्य गुट रहें इस्लामधर्मी तथा ख्रिस्तधर्मिय अस्वस्थ है और चीन के हुकुमत के खिलाफ तेज प्रदर्शन शुरु हो चुके है|

चीन के राष्ट्राध्यक्ष की महत्त्वाकांक्षी परियोजना रही ‘वन बेल्ट, वन रोड’ को भी अनेक स्तर पर कठिणाइयों का सामना करना पड रहा है| अनेक देशों से उस योजना को हो रहे विरोध की धार तेज हो गयी है| ‘साऊथ चायन सी’ और तैवान के मसले पर चीन को मिलनेवाली चुनौती बढने के संकेत मिल रहे है| इस कठीण समय में चीन के रक्षादलों की निष्ठा राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग और सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकुमत के लिए महत्त्वपूर्ण है| जिनपिंग द्वारा किये आवाहन से इसको पुष्टी मिलती दिखाई पड रही है|

पिछले साल चीन के ‘सेंट्रल मिलिटरी कमिशन’ ने चीन के रक्षादलों को आदेश दिये थे की वे जिनपिंग के प्रती निष्ठा जाहीर करे| उस में कहा गया था कि, रक्षादल द्वारा शी जिनपिंग के आदेशों का पालन किया जाए, वह आदेश पालने की शपथ ली जाये तथा उनकी चिंता बढेगी, ऐसा कोई भी काम न करे, ऐसा आवाहन किया गया था|

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