चीन और रशिया के बीच द्विपक्षीय सहकारिता में बढ़ोत्तरी; सन २०१७ में ८४ अरब डॉलर्स का व्यापार

मॉस्को/बीजिंग: रशिया और चीन के बीच सभी स्तर पर संबंध मजबूत होते दिखाई दे रहे हैं। सन २०१७ में चीन और रशिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगभग २० प्रतिशत से अधिक बढ़ोत्तरी होकर, यह व्यापार ८४ अरब डॉलर्स पर पहुँच गया है। व्यापार के अलावा, रक्षा, प्रादेशिक सुरक्षा, इंधन, मुद्रा, सामरिक भागीदारी इन जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच सहकारी बढाने के लिए गतिविधियाँ शुरू हुई हैं। पिछले हफ्ते ही रशिया के उपविदेश मंत्री इगोर मोरगुलोव्ह और रशिया के अमरिका में स्थित राजदूत एनातोली अन्तानोव्ह ने चीन के अमरिका में स्थित राजदूत कुई तिआंकाई से मुलाकात करके, विविध मुद्दों पर चर्चा करने की बात सामने आई है।

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चीन के ‘जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ कस्टम्स’ इस विभाग ने हाल ही में रशिया के साथ के व्यापार के आंकड़े प्रसिद्ध किए हैं। उसमें सन २०१७ में दोनों देशों के बीच का व्यापार ८४.०७ अरब डॉलर्स होने की जानकारी दी है। चीन की तरफ से रशिया को की जाने वाली निर्यात में १४.८ प्रतिशत से बढ़ोत्तरी होकर ४२.८८ अरब डॉलर्स तक पहुंचा है। उसी समय रशिया की तरफ से चीन में होने वाली आयात में भी बहुत बढ़ोत्तरी हुई है। रशिया की तरफ से होने वाली आयात करीब २८ प्रतिशत से बढ़कर ४१.२ अरब डॉलर्स पर पहुंची है।

चीन और रशिया के बीच सिर्फ दिसम्बर महीने में द्विपक्षीय व्यापार आठ अरब डॉलर्स पर पहुंचा है। सन २०१६ मे चीन और रशिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार ६६ अरब डॉलर्स पर था। उस समय द्विपक्षीय व्यापार बढाने के लिए सन २०१८ तक ८० अरब डॉलर्स और सन २०२० तक २०० अरब डॉलर्स का उद्दिष्ट रखा गया था। इस वजह से पिछले वर्ष हुई बढ़ोत्तरी ध्यान आकर्षित करने वाली साबित हुई है। व्यापार के साथ साथ निवेश, तकनीक, विज्ञान, संशोधन, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में भी सहकार्य बढाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और दोनों देशों ने १० अरब डॉलर्स के प्रावधान वाले ‘इन्वेस्टमेंट फंड’ का निर्माण भी किया है।

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दोनों देशों के बीच के इस सहकार्य को अधिक बढ़ावा देने के लिए नियोजनबद्ध कदम उठाए जा रहे हैं, ऐसा पिछले कुछ घटनाक्रमों से दिखाई दे रहा है। पिछले महीने में ही चीन में ‘एयरस्पेस सिक्यूरिटी २०१७’ नाम का संयुक्त मिसाइल अभ्यास पूरा हुआ है। उसके पहले रशिया और चीन के बीच ‘एस-४००’ इस रशियन मिसाइल भेदी यंत्रणा के बारे में करार हुआ है और इस साल यह यंत्रणा चीन के बेड़े में दाखिल हो जाएगी, ऐसा कहा जा रहा है। रशिया के प्रगत लड़ाकू विमानों में भी चीन ने रूचि दिखाई है और इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू है, ऐसा कहा जा रहा है।

नवम्बर महीने में चीन और रशिया के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र के सहकार्य के बारे में एकमत हुआ है और चाँद की मुहीम के साथ साथ ‘डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन’ मुहीम में दोनों देश एकदूसरे को सहकार्य करने वाले हैं। दोनों देश संयुक्तरूप से ‘स्पेस वेपन्स’ विकसित कर रहे हैं, ऐसा आरोप भी अमरिका ने किया है। रशिया और चीन के बीच इंधन सहकार्य पर बढ़ोत्तरी हो रही है और दोनों देशों के बीच दूसरा इंधन चैनल इस वर्ष की शुरुआत में ही शुरू हुई है और उसमें से हर साल १.५ करोड़ टन तेल की आपूर्ति की जाने वाली है। उसीके साथ ही चीन ने रशिया के ‘ट्रांसनेफ्ट’ इस इंधन कंपनी में बड़ा निवेश करने के लिए तैयारी दर्शाई है, यह जानकारी सूत्रों ने दी है।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को नए साल के अवसर पर दी हुई शुभकामनाओं में २०१८ और २०१९ यह दोनों साल दोनों देशों के बीच सहकार्य का होगा, ऐसा विश्वास व्यक्त किया था। पुतिन ने जिनपिंग को भेजे हुए सन्देश में सन २०१७ में रशिया-चीन संबंधों में प्रगति होने की और आने वाले साल में सामरिक भागीदारी बढाने का आश्वासन भी दिया है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने भी इस बात की पुष्टि की है।

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