‘अजहर’ संबंधी भूमिका में बदलाव करने की तैयारी में है चीन – पश्‍चिमी माध्यमों का दावा

नई दिल्ली – ‘मसूद अजहर’ का बचाव कर रहे चीन पर अमरिका, फ्रान्स और ब्रिटेन ने बढाए दबाव का असर दिखने लगा है| इस वजह से संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में अपने विशेष अधिकार का इस्तेमाल करनेवाला चीन अब अलग भाषा बोलने लगा है| तकनिकी कारण आगे करके चीन ने ‘अजहर’ पर कारवाई करने से सुरक्षा परिषद को रोका था| लेकिन, अब चीन अजहर पर होनेवाली कार्रवाई नही रोकेगा, यह दावा पश्‍चिमी माध्यमों ने किया है| इस मामले में चीन सिर्फ अपना आब बरकरार रखने की कोशिश में है और दबाव में हमने यह निर्णय नही किया है, यह दिखाने की कडी कोशिश करता दिख रहा है|

पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भारत ने अपने ४० सैनिक खोए थे| इसके बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में दुबारा ‘जैश ए मोहम्मद’ का प्रमुख मसूद अजहर पर कार्रवाई करने के प्रस्ताव रखा गया| फ्रान्स, अमरिका और ब्रिटेन ने इस प्रस्ताव के पक्ष में जोर लगाया है और सुरक्षा परिषद में अकेले चीन ने यह प्रस्ताव रोक रखा था| इसके लिए चीन ने तकनिकी कारण पेश किया था| लेकिन, सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों ने ‘अजहर’ के विरोध में भूमिका स्वीकारने से चीन की मुश्किले बढी थी| फ्रान्स, अमरिका और ब्रिटेन ने इस मामले में चीन को खरीखोटी सुनाई| वही, भारत ने यह चेतावनी दी थी की, चीन दहशतगर्दों का बचाव ना करें|

भारतीय जनता से चार बार ‘अजहर’ पर कार्रवाई करने से रोकनेवाले चीन के विरोध में गुस्से से भरी भावनाएं व्यक्त हो रही थी| तभी, चीन ने अपनी भूमिका में बदलाव नही किया तो अजहर पर कार्रवाई करने के लिए अलग विकल्पों पर अमल करना मुमकिन होगा, लेकिन ऐसी कार्रवाई करने के लिए चीन हमें विवश ना करे, यह इशारा अमरिका ने दिया था| कुछ दिन पहले ही अमरिका, फ्रान्स और ब्रिटेन ने इस मामले में चीन पर दबाव बढाकर निर्णयक चेतावनी दी थी| लेकिन, इन देशों ने ऐसी चेतावनी देने से इन्कार करके चीन ने इस मामले में अपनाई भूमिका में बदलाव ना करने के संकेत दिए थे| साथ ही समय पर अजहर पर कार्रवाई करने के लिए चीन विरोध नही करेगा, यह जानकारी उजागर हुई है|

इस बार अजहर का बचाव नही करेंगे, यह संदेश चीन ने पाकिस्तान को दिया है, यह कहा जा रहा है| लेकिन, अजहर पर कार्रवाई करने से पहले हमें थोडा समय प्राप्त हो, यह पाकिस्तान की मांग है| इसपर चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त नही हुई है| अगले समय में चीन ‘अजहर’ मामले में और दबाव सहन करने की स्थिति में ना होने की बात स्पष्ट हो रही है| पश्‍चिमी पत्रों ने इस बारे में वृत्त प्रसिद्ध किए है| फिलहाल चीन अधिकृत स्तर पर इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नही है| भारत के विदेश सचिव २२ अप्रैल के रोज चीन की यात्रा करने की तैयारी में है| इस दौरान ‘अजहर’ के मामले में भी बातचीत होगी, यह कहा जा रहा है| इस बातचीत के बाद चीन अपनी भूमिका में बदलाव करने का ऐलान करने की संभावना है| ऐसा हुआ तो यह भारत की काफी बडी राजनयिक जीत साबित होगी|

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