चीन के विमानों की तैवान के क्षेत्र में हो रही घुसपैठ उकसा रही है – तैवान का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतैपई/बीजिंग – चीन के लड़ाकू विमानों ने तैवान की सामुद्रधुनी लांघकर की घुसपैठ उकसानेवाली होने का बयान तैवान ने दिया है| चीन के विमानों को तैवान के लड़ाकू विमानों ने भगाया है, फिर भी यह घटना दोनों देशों में हुए करार का उल्लंघन होने का आरोप तैवान के राष्ट्राध्यक्ष त्साई इंग-वैन ने किया है| पिछले हफ्ते में अमरिका से तैवान को दिए जानेवाले लड़ाकू विमानों के मुद्दे पर चीन ने धमकाया था| उसके बाद तैवान की सीमा में घुसपैठ करने का प्रयत्न चीन के आक्रामक धारणा का भाग दिखाई दे रहा है|

रविवार की सुबह ११ के आसपास चीन के दो जे-११ लड़ाकू विमान तैवान के दक्षिणी हवाई सीमा से अंदर घुसे थे| तैवान के रक्षा विभाग ने दिए चेतावनी के बाद भी चीन के इन लड़ाकू विमानों ने वापसी नहीं की थी| इसकी वजह से तैवान ने अपने लड़ाकू विमान भेजकर चीन के विमानों को सीमा पार भगाया है, ऐसा तैवान के रक्षा विभाग से कहा जा रहा है| तैवान के राष्ट्राध्यक्ष इंग वैन ने इस घटना का समर्थन किया है|

तैवान की सामुद्रधुनी के सीमा पर चीन एवं तैवान में करार हुआ है| रविवार को चीन के लड़ाकू विमानों ने इसका उल्लंघन करके तैवान को उकसाने की कोशिश की है| शुरुआत में तैवान के वायुसेना ने दी चेतावनी के बाद, अपने लड़ाकू विमानों ने चीन के विमानों को सीमा के पार भगाया है, ऐसे शब्दों में तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ने चीन की घुसपैठ को प्रत्युत्तर देने की बात घोषित की है| तैवान के रक्षा विभाग ने चीन के विमानों की घुसपैठ अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होने का दावा करके, इस मामले में मित्र देशों को सूचित करने की जानकारी दी है|

पिछले महीने में चीन के वायुसेना ने सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध किए वीडियो में तैवान को धमकाया था| चीन की वायुसेना के जे-२० स्टेल्थ विमान, १६ बॉम्बर विमान और अन्य लड़ाकू विमान तैवान की हवाई सीमा से उड़ते हुए इस वीडियो में दिखाए गए हैं| चीन ने इन लड़ाकू विमानों का उल्लेख ‘वॉर ईगल्स’ ऐसा करके, तैवान चीन में विलीन नहीं होता तबतक यह ‘वॉर ईगल्स’ तैवान से उड़ान करते रहेंगे, ऐसी चेतावनी वीडियो में दी गई थी| रविवार की घटना ने चीन अपनी चेतावनी वास्तव में लाने का प्रयत्न करता सामने आ रहा है|

दौरान चीन रशिया से एसयू-५७ इस फिफ्थ जनरेशन स्टेल्थ प्रकार के लड़ाकू विमान की खरीदारी कर सकता है, ऐसे संकेत रशियन सूत्रों ने दिए हैं| इससे पहले चीन ने रशिया से एसयु-३५ इन लड़ाकू विमानों की खरीदारी की है और जेएफ-१७ इस चीनी बनावट के विमान के लिए रशियन इंजिन का इस्तेमाल किया गया है| जिसकी वजह से चीन एसयु-५७ का संभाव्य खरीदार हो सकता है, ऐसा दावा रशिया के रोस्टेक इस कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने एसयु-५७ यह दुनिया के सर्वोत्तम लड़ाकू विमान होने का दावा किया था|

Leave a Reply

Your email address will not be published.