एलएसी पर तनाव कम करने की ज़िम्मेदारी चीन की ही है – विदेश मंत्री एस. जयशंकर

एलएसी पर तनावनई दिल्ली/बीजिंग – लद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के अधिकारियों के बीच चर्चा का १२वाँ सत्र शुरू हो रहा है। उससे पहले, भारत के साथ संबंध सुधारने की ज़िम्मेदारी अब चीन पर ही है, इसका एहसास विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने करा दिया। लद्दाख की एलएसी पर की लष्करी तैनाती, चीन ने अभी भी पूरी तरह से नहीं हटाई है। यहाँ से अपने जवान हटाने की बात चीन ने लिखित रूप में मान्य की थी, इसकी याद भारत के विदेश मंत्री ने करा दी। वहीं, इस क्षेत्र में अपनी तैनाती बचावात्मक होकर, घुसपैंठ रोकने के लिए होने का दावा चीन के विदेश मंत्रालय ने किया। साथ ही, भारत सीमा विवाद का संबंध द्विपक्षीय सहयोग से नहीं जोड़ेगा, ऐसी उम्मीद चीन के विदेश मंत्रालय ने व्यक्त की।

लद्दाख की एलएसी से सटे कुछ भागों में अभी भी चीन के लष्कर की तैनाती कायम है। यहाँ से लष्कर हटाने का आश्वासन चीन ने लिखित रूप में दिया था। चीन उसके लिए उत्तरदाई है, इसका एहसास विदेश मंत्री जयशंकर ने करा दिया। इस संदर्भ में होनेवाली भारत की संवेदनशीलता को चीन अनदेखा नहीं कर सकता, ऐसा विदेश मंत्री ने चीन को जताया है। साथ ही, चीन यहाँ से अपने जवान हटाए बगैर यहाँ का तनाव कम नहीं होगा और भारत के साथ संबंध भी अच्छे नहीं बनेंगे, ऐसे संकेत जयशंकर ने दिए हैं। इस कारण एलएसी पर तनाव कम करके भारत के साथ सौहार्द स्थापित करने की ज़िम्मेदारी अब चीन की ही है, ऐसा विदेशमंत्री जयशंकर ने जताया। उस पर चीन के विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया आई।

लद्दाख की एलएसी के पास चीन की तैनाती बचावात्मक होकर, यह नियमित तैनाती का भाग है। अन्य कोई घुसपैठ ना करें, इसके लिए यह तैनाती है, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा। उसी समय, सीमा विवाद शांतिपूर्ण चर्चा से सुलझाया जाए और उसका द्विपक्षीय सहयोग पर असर ना हों,
ऐसी उम्मीद लिजिआन ने ज़ाहिर की। इससे यही स्पष्ट हो रहा है कि भारत और चीन लद्दाख की एलएसी पर बने तनाव को लेकर अपनी अपनी भूमिका पर अडिग हैं। सीमा पर हज़ारों जवान तैनात रखकर चीन भारत से सहयोग की उम्मीद ना करें, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने इससे पहले कई बार जताया था। वहीं, सीमा विवाद का द्विपक्षीय सहयोग पर असर ना होने दें, ऐसा चीन भारत को बताता आया है। इतना ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों की चर्चा से भी लद्दाख की एलएसी का विषय हटाने की माँग चीन कर रहा है। उसके बजाय स्थानिक लष्करी अधिकारी चर्चा से यह समस्या सुलझाएँ, ऐसा चीन का कहना है।

इसलिए दोनों देशों के अधिकारियों के बीच का चर्चा का १२वां सत्र भी नाकाम साबित होने की गहरी संभावना है। लेकिन इस चर्चा से पहले, भारत ने ही अपने भूभाग में घुसपैंठ की, ऐसा झूठा प्रचार चीन ने शुरू किया है। भारत ‘सलामी स्लायसिंग’ का इस्तेमाल करके चीन के भूभाग में अपनी सेना की घुसपैंठ करा रहा होने का आरोप चीन का मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने हाल ही में किया था। उसी समय, पिछले साल हुए गलवान के संघर्ष में ज़ख्मी हुए चिनी लष्करी अधिकारी ने, अपने देश की भूमि भारत के हाथ जाने देने के बजाय मैं मौत को गले लगाऊँगा, ऐसे दावे चिनी न्यूज़ चैनल्स पर किए थे। इस कारण सीमा विवाद को लेकर चीन की भाषा पूरी तरह बदली दिख रही है।

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