अमरिका और रशिया पीछे हटे बिना चीन एटमी हथियारों में कटौती नही करेगा – अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक एवं राजनयिक अधिकारी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमॉस्को – परमाणु हथियारों की संख्या सीमित रखने संबंधी प्रस्ताव में चीन को भी शामिल कर लेने के लिए अमरिका और रशिया के प्रयत्न शुरू हैं| हाल ही में ही हुई ‘जी-२०’ परिषद में अमरिका ने ऐसे संकेत दिए हैं| परंतु अमरिका और रशिया ने आवाहन करने पर भी, चीन इस प्रस्ताव में शामिल नहीं होने वाला| अमरिका और रशिया ने अपने-अपने परमाणु हथियारों की संख्या चीन के बराबर लाकर रखी तो ही चीन इस पर विचार करेगा, ऐसा दावा विशेषज्ञ और भूतपूर्व राजनैतिक अधिकारियों ने किया हैं|

पिछले सप्ताह में जापान के ‘ओसाका’ में हुई जी-२० परिषद में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन में द्विपक्षीय चर्चा हुई थी| उस समय दोनों देशों में परमाणु हथियारों के संबंध में ‘इंटरमिजिएट-रेंज न्यूक्लिअर फोर्सेस’ (आईएनएफ) संबंधी नए तौर से समझौता करने पर चर्चा हुई और इस नए प्रस्ताव में चीन को भी शामिल करने के लिए अमरिका और रशिया प्रयत्न करेंगे, ऐसा व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया था| परंतु अमरिका और रशिया के बीच के ‘आईएनएफ’ के प्रस्ताव में शामिल नहीं होने की भूमिका चीन ने स्वीकारने की याद फ्रान्स के भूतपूर्व राजनैतिक अधिकारी और ‘आर्म्स प्रोलिफरेशन’ गुट के प्रमुख ‘मार्क फिनॉद’ ने कराई हैं|

दुनिया के कुल परमाणु हथियार भंडारों में से ९० प्रतिशत परमाणु हथियार अमरिका और रशिया के पास हैं| अमेरिका के पास ६४५० तो रशिया के पास ६४९० परमाणु हथियार होने की बात कही जाती है| तो अपने पास लगभग ३०० परमाणु हथियार होने का दावा चीन कर रहा हैं| इस कारण अमरिका और रशिया पहले स्वयं के पास होने वाले परमाणु हथियार निष्क्रिय करके उसमें चीन के पास होने वाले परमाणु हथियारों जितनी कटौती करें, ऐसी चीन की मांग हैं| परंतु इसके बाद भी चीन अमरिका और रशिया के साथ चर्चा करके परमाणु हथियार बंदी प्रस्ताव में शामिल होगा, इसकी गारंटी नहीं होने का फिनॉद ने बताया हैं|

इतना ही नहीं तो अमरिका और रशिया खुद के पास होनेवाली मिसाइल भेदी यंत्रणाओं की क्षमता भी छोड़ दे, ऐसी चीन की मांग होने का फिनॉद ने कहा हैं| अमरिका और रशिया के पास होने वाले मिसाइल भेदी यंत्रणाओं से उन्हें चुनौती मिलने की चिंता चीन को सता रही हैं| इस कारण परमाणु हथियारों के साथ यदि अमरिका और रशिया ने मिसाइल भेदी यंत्रणाओं की क्षमता में कटौती की तो चीन इस चर्चा में शामिल होगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती हैं, ऐसा फिनॉद ने रशियन वृत्तसंस्था से बात करते हुए स्पष्ट किया हैं|

अमरिका के ‘मिडलबरी इन्स्टिट्यूट ऑफ इंटरनॅशनल स्टडिज्’ अभ्यास गुट के जोशुआ पोलाक और कनाडा के ‘लियू इन्स्टिट्यूट फॉर ग्लोबल इश्यूज’ एस अभ्यास गुट के एम. व्ही. रामना ने भी फिनॉद के दावे का समर्थन किया हैं| अमरिका और रशिया के पास परमाणु हथियारों के भंडार की ओर उंगली दिखाकर चीन स्वयं के पास होने वाले परमाणु हथियारों की संख्या में कटौती नहीं करेगा, ऐसा दावा पोलाक और रामना ने किया हैं|

इस वर्ष फरवरी महीने में अमरिका रशिया के साथ के ऐतिहासिक ‘आईएनएफ’ प्रस्ताव से पीछे हटा था| अमरिका परमाणु हथियार तथा मिसाइल निर्माण पर मर्यादा डालते हुए रशिया, चीन से खुले तौर पर परमाणु हथियार और हायपरसोनिक मिसाइलों का निर्माण शुरू होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया था| चीन इस प्रस्ताव में शामिल नहीं होता तब तक ‘आईएनएफ’ संभव नहीं होगा, यह ट्रम्प ने घोषित किया था|

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