ईरान से ईंधन खरीद कर रहे चीन को सहुलियत प्राप्त नही होगी – अमरिका ने दी कडी चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ईरान से ईंधन की खरीद कर रहे चीन को अमरिका अपने प्रतिबंधों से किसी भी प्रकार की सहुलियत नही देगी, यह धमकी अमरिका ने दी है| इस वजह से इसी हफ्तें से जारी हो रहे प्रतिबंधों पर कडा अमल करने के लिए अमरिका आक्रामक भूमिका अपनाने के संकेत प्राप्त हो रहे है| अमरिकाके निर्णय पर खाडी क्षेत्र के सौदी एवं अन्य सहयोगी देशों ने भी समर्थन दिया है और इस पर ईरान ने कडी आलोचना की है| साथ ही अमरिका के प्रतिबंधों का लाभ रशिया को होगा और उसका खाडी क्षेत्र में प्रभाव बढेगा, यह संभावना विश्‍लेषकों ने व्यक्त की है|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने ईरान के साथ किए परमाणु समझौते से पीछे हटने का निर्णय करने के बाद ईरान पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगाने की शुरूआत की थी| यह प्रतिबंध लगाते समय ईरान से हो रही ईंधन की निर्यात ‘झिरो’ करके ईरान को घुटने टेकने के लिए विवश किया जाएगा, यह इशारा अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दिया था| इसके पहले के चरण में ईरान के विरोध में प्रतिबंध लगाते समय राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के साथ ईंधन व्यापार कर रहे भारत, चीन इन बडे देशों के साथ जापान, दक्षिण कोरिया, इटली, ग्रीस, तुर्की एवं तैवान इन आठ देशों को खास सहुलियत दी थी|

लेकिन, मई महीने से जारी हो रहे नए प्रतिबंधों में यह सहुलियत हटाई जा रही है| इस सहुलियत को दिए गए अवधि में किसी भी प्रकार की बढोतरी नही की जाएगी, यह अमरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है| वर्तमान में ईरान से चीन प्रतिदिन चार से पाच लाख बैरल ईंधन की खरीद कर रहा है| मई महीने से यह आयात पूरी तरह से बंद होगी और इसके बजाए चीन सौदी अरब एवं अमरिका से हो रही ईंधन की खरीद में बढोतरी करने के संकेत दिए जा रहे है|

इस दौरान, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों का फंदा कंसना शुरू करने के बाद सौदी अरब और सहयोगी देशों ने इस पर समर्थन दिया है| अमरिका के ऐलान के बाद केवल २४ घंटों में सौदी एवं बाहरिन इन देशों ने ईरान के विरोध में किए निर्णय का समर्थन करने पर ईरान ने कडी आलोचना की है| सौदी, बाहरिन एवं अन्य देश अमरिका के निर्णय का अंधता के साथ अनुकरण कर रहे है, यह आरोप ईरान के विदेश प्रवक्ता ने रखा है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इन्होंने इस बारे में वक्तव्य करते समय, ‘ओपेक’ और अन्य सहयोगी देश नजदिकी समय में ईंधन उत्पाद में बढोतरी नही करेंगे, यह संकेत दिए है| साथ ही रशिया के कुछ अभ्यासकों के गुटों ने ईरान पर अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों का लाभ रशिया को होगा, यह संभावना व्यक्त की है| ईरान की ईंधन निर्यात बंद होती है तो रशिया को करीबन छह अरब डॉलर्स का लाभ होगा, यह दावा ‘फिच रेटिंग्ज्’ ने किया है| वही, सीरिया में ईरान ने दिखाई आक्रामकता को रोकने के लिए रशिया इन प्रतिबंधों से लाभ उठा सकती है, यह मत ‘मास्को पॉलिसी ग्रुप’ ने व्यक्त किया है|

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