चीन ने भारत में ‘सायबर जासूसी’ करने के प्रयास किए तेज़ – रक्षा यंत्रणा की चेतावनी

नई दिल्ली – चीन ने भारत के रक्षा एवं रक्षा अनुसंधान से संबंधित संवेदनशील जानकारी की चोरी करने के लिए सायबर जासूसी शुरू कर दी है। पिछले कुछ महीनों में चीन की इन कोशिशों में बड़ी बढ़ोतरी हुई है और चीन की सेना से संबंधि खुफिया युनिट इसके पीछे होने की रपट सुरक्षा यंत्रणा ने पेश किए होने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

‘सायबर जासूसी’

चीन ने विश्‍वभर में इसी तरह जासूसी करना शुरू कर दिया है। बीते महीने में ऑस्ट्रेलिया ने अपने सरकारी, व्यावसायिक यंत्रणाओं पर सायबर हमले बढ़े हैं और इन हमलों के पीछे चीन होने के संकेत दिए थे। साथ ही अमरीका ने भी इन सायबर हमलों के पीछे चीन होने का आरोप किया था। इसी बीच यूरोपियन महासंघ ने चार वर्ष पहले हुए सायबर हमलों के लिए चीन को ज़िम्मेदार ठहराकर चीन पर सायबर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था।

लद्दाख में घुसपैठ करने पर भारत ने दिए प्रत्युत्तर से बेचैन हुए चीन ने भारत में सायबर हमले बढ़ाए हुए दिखाई दे रहे हैं। गलवान वैली के संघर्ष के बाद सिर्फ पांच दिनों में चीन से 40 हज़ार सायबर हमले करने की कोशिश होने की ख़बरें प्राप्त हुई थीं। इस पृष्ठभूमि पर केंद्रीय वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के दाखिले से चीन ने सायबर जासूसी करने की कोशिश तेज़ होने की जानकारी सामने आ रही है।

सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी की चोरी करने के लिए रक्षा एवं अनुसंधान से संबंधित संस्थाओं को लक्ष्य किया जा रहा है। चीन के शांघाय के करीबी पुडोन्ग से भारत में सायबर जासूसी करने के लिए हमले होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। वहां पर चीन की सेना ने सायबर जासूसी करने के लिए तैयार की गई ‘61398’ इस युनिट का मुख्यालय है। चीनी सेना के इस युनिट ने भारत के विरोध में अपनी गतिविधियां बढ़ाई हुई दिखाई दे रही हैं। खास तौर पर कंप्युटर प्रोग्राम के माध्यम से मालवेअर भेजकर सरकारी एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं को लक्ष्य किया जा रहा है। रक्षा और रक्षा संबंधित अनुसंधान की जानकारी चुराने के लिए यह जासूसी हो रही है, ऐसादावासंबंधितअधिकारीनेकियाहै।

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