सायबर हमला करके चीन ने ही मुंबई की बिजली खण्ड़ित की थी – सायबर सुरक्षा से संबंधित अमरिकी कंपनी का दावा

वॉशिंग्टन – चीन ने सायबर हमला करके बीते वर्ष के १२ अक्तूबर के दिन मुंबई को रहीं बिजली की आपूर्ति कुछ घंटे के लिए खण्ड़ित की थी, ऐसा दावा अमरीका स्थित कंपनी ने किया है। लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारत और चीन के बीच तनाव निर्माण होने के दौरान, चीन ने अपने हैकर्स के द्वारा यह हमला करके भारत को शांत रहने का इशारा दिया है, ऐसा इस गुट ने कहा है। अमरीका के अखबार ने इस सायबर हमले से संबंधित जानकारी प्रकाशित की है। लद्दाख की ‘एलएसी’ को लेकर विवाद होने के दौरान और गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद चीन लगातार भारत को इसके परिणामों से संबंधित धमकियाँ दे रहा था। इस पृष्ठभूमि पर प्राप्त हुई यह खबर, चीन की भारत विरोधी साज़िश की पोलखोल करनेवाली साबित होती है।

बीते वर्ष के १२ अक्तुबर के दिन तकनीकी खराबी होने से मुंबई की बिजली सप्लाई कुछ घंटों के लिए खण्डित हुई थी। इस वजह से मुंबई का कारोबार बंद पड़ा था। कुछ समय बाद बिजली आपूर्ति सामान्य करने में सफलता प्राप्त हुई थी। फिर भी इस मामले की जाँच करने के आदेश राज्य सरकार ने दिए थे। लेकिन, देशों के इंटरनेट इस्तेमाल पर नज़र रखनेवाली एवं सायबर सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों का अध्ययन कर रहीं अमरीका के मैसाच्युसेटस्‌ स्थित कंपनी ने इस मसले से संबंधित अलग ही जानकारी प्रदान की हैं। चीन सरकार से संबंधित ‘रेडइको’ नामक हैकर्स के गुट ने सायबर हमलें करके मुंबई की बिजली सप्लाई खण्डित की थी, ऐसा इस कंपनी ने कहा है। अमरीका के ‘द न्यूयॉर्क टाईम्स’ अखबार ने इस कंपनी का दावा प्रकाशित किया हैं और इससे संबंधित खबर विस्तार के साथ प्रकाशित की है।

लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बना था। दोनों देशों ने एक-दूसरें के खिलाफ सेना की तैनाती की थी। इसके साथ ही गलवान की घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू होने की स्थिति बनी थी। ऐसें दौर में चीन के सरकारी मुखपत्र भारत को गंभीर परिणामों की चेतावनी देकर पीछे हटने के लिए धमका रहे थे। भारत के विरोध में चीन ‘एनर्जी वेपन्स’ का इस्तेमाल कर सकता हैं, ऐसें इशारे भी चीन द्वारा अलग अलग तरिकों से दिए जा रहे थे। इस पृष्ठभूमि पर सायबर हमला करके चीन ने भारत की आर्थिक राजधानी के मुंबई शहर की बिजली आपूर्ति खण्डित की। इसके ज़रिये भारत को परिणामों का एहसास कराने की चीन की कोशिश होने की संभावना भी इस अखबार ने व्यक्त की है।

लेकिन, इसके बाद भी भारत की भूमिका में बदलाव नही हुआ। बल्कि भारत अपनी संप्रभुता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार होने का भरोसा देश के रक्षाबलों ने दिया था। इसके बाद चीन को लद्दाख की ‘एलएसी’ के पैन्गोन्ग त्सो के क्षेत्र से पीछे हटना पड़ा। अभी भी लद्दाख की ‘एलएसी’ पर बना तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसके बावजूद, सीमा विवाद का असर दोनों देशों के संबंधों पर ना होने दें, यह माँग भारत के सामने रख रहा हैं। गलवान की घाटी में भारत के कर्नल संतोष बाबू के साथ २० सैनिक शहीद हुए थे और इसके बाद भारत ने चीन के उत्पादों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगाई थी। इन निर्णयों से भारत पीछे हटें, यह माँग चीन कर रहा हैं।

लेकिन, चीन ने सायबर हमला करके मुंबई की बिजली सप्लाई खण्डित करने की खबर की पुष्टी होने के बाद भारतीय जनता के मन में बनी चीन विरोधी गुस्से की भावना अधिक तीव्र होने की संभावना बनी हैं। इस मामले पर भारत की अधिकृत प्रतिक्रिया प्राप्त नही हुई हैं। लेकिन, न्यूयॉर्क टाईम्स में प्रकाशित हुई इस खबर को भारतीय माध्यमों ने बड़ी अहमियत दी है। भारत के साथ व्यापारी संबंध बढ़ाने की मंशा रखनेवाले चीन को इससे नया झटका लग सकता है। ऐसें में अगले दिनों में देश की बिजली सप्लाई को भी चीन द्वारा लक्ष्य किया जाएगा, यह अहम बात इस वजह से सामने आयी हैं। देश को गंभीरता से इसकी दखल लेनी होगी और अगले दिनों में इस ‘फ्रंट’ पर सुरक्षा तय करने के लिए तेज़ कदम उठाना देश के लिए अनिवार्य होने की बात इस घटना से सामने आयी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.