फ्लॉईड मामले में चीन द्वारा की गई आलोचना ने कम्युनिस्ट हुक़ूमत का असली चेहरा दिखाया – अमरिकी विदेशमंत्री की चीन को फ़टकार

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘अमरीका में जॉर्ज फ्लॉईड की दुर्भागी मृत्यु के बाद चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने, संवेदनाशून्य तरीक़े से उसका नाजायज़ फ़ायदा उठाने की कोशिशें चलायीं है। इससे इस हुक़ूमत का असली चेहरा फिर एक बार दुनिया के सामने आया है’, ऐसी कड़ी फ़टकार अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने लगाई। फ्लॉईड की मृत्यु के बाद अमरीका में शुरू हुए प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर चीन ने यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र संगठन में उपस्थित किया था। उसी समय, अमरीका के आंदोलन का विपर्यस्त चित्रण होनेवाले कुछ व्हिड़िओज़ भी चीन द्वारा जारी किये गए थे। इसी बीच, अमरीका में लगातार १३ दिन चल रहे प्रदर्शनों का असर अब आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखायी देने की शुरुआत हुई होकर, शनिवार को युरोप, एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था।

फ्लॉईड, चीन, अमरीका

पिछले महीने २५ मई के दिन, अमरीका के मिनेसोटा राज्य में एक पुलिसी कार्रवाई में कृष्णवर्णीय नागरिक जॉर्ज फ्लॉईड की मृत्यु हुई थी। इस मृत्यु के बाद अमरीका के कृष्णवर्णीय समाज में ग़ुस्से की लहर उमड़ी होकर, पुलिस के अत्याचारों के निषेध में व्यापक प्रदर्शन सुरू हुए हैं। फ्लॉईड की मृत्यु के उपलक्ष्य में देशभर में शुरू हुए आंदोलन ने हिंसक मोड़ लिया होकर, उसका फ़ायदा अमरीका के कुछ राजनीतिक गुटों के साथ ही अमरीका के प्रतिस्पर्धी देश भी उठाते दिख रहे हैं। कोरोना और हाँगकाँग के मुद्दों पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय का लक्ष्य बने चीन ने अपने बचाव के लिए अमरीका की आलोचना करना शुरू किया था। अमरिकी विदेशमंत्री ने उसे क़रारा जवाब दिया हुआ उनके बयान से दिखायी दे रहा है।

‘चीन में हाँगकाँग से तिआनमिन तक सत्ताधारी हुक़ूमत के ख़िलाफ़ा आवाज उठानेवाले प्रदर्शनकारियों को सशस्त्र पुलीस द्वारा बेरहमी से मारधाड़ की जाती है। ऐसी कार्रवाई की जानकारी देनेवाले पत्रकारों को जेल भेजा जाता है। लेकिन अमरीका में प्रदर्शनकारियों का स्वागत किया जाता है। दुर्व्यवहार करनेवाले पुलीस अफ़सर को सज़ा सुनायी जाती है और लूटपाट तथा आगजनी करनेवालों पर कठोर जुर्माना थोंपा जाता है। संविधान ने प्रदान किए अधिकारों के दायरे में रहते हुए नागरिकों की आज़ादी तथा सुरक्षा का ख़याल रखा जाता है। अमरीका के माध्यम देश के कोने कोने में घटित सभी घटनाओं की दखल लेते हैं और उन्हें दुनिया को दिखाते हैं’, इन शब्दों में अमरीका के विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने अमरीका एवं चीन में होनेवाले फ़र्क़ का एहसास करा दिया। 

फ्लॉईड, चीन, अमरीका

तानाशाही हुक़ूमत में सत्ता बरक़रार रखने के लिए किसी भी हद तक जाकर असत्य का मनचाहा इस्तेमाल किया जाता है, इन शब्दों में पॉम्पिओ ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी को फटकार लगाई। अमरीका की घटनाओं की पृष्ठभूमि पर चीन द्वारा किया जा रहा प्रचार हास्यास्पद होकर कोई भी उसे महत्त्व नहीं देगा, ऐसा भी अमरीका के विदेशमंत्री ने इस समय जताया। इस समय पॉम्पिओ ने कोरोना महामारी के मुद्दे पर भी चीन को लक्ष्य किया और यह हुक़ूमत डॉक्टर तथा पत्रकारों को ग़ायब करके झूठी जानकारी के आधार पर दुनिया को गुमराह कर रहा होने का आरोप किया।

फ्लॉईड, चीन, अमरीका

इसी बीच, अमरीका में जॉर्ज फ्लॉईड इस कृष्णवर्णीय नागरिक की मृत्यु के बाद शुरू हुए प्रदर्शन लगातार तेरहवें दिन भी क़ायम हैं। शनिवार को अमरीका की राजधानी वॉशिंग्टन के साथ ही, देश के कई शहरों में फिर एक बार लाखों प्रदर्शनकारी फ्लॉईड की मृत्यु का निषेध करने के लिए सड़कों पर उतरे। अमरीका के प्रमुख शहरों में संचारबंदी लागू होने के बावजूद भी, उसका भंग करके प्रदर्शनकारियों ने, कृष्णवर्णीय नागरिकों पर होनेवाले अत्याचार और पुलीस बल का प्रयोग इनके विरोध में अपना असंतोष ज़ाहिर किया। शनिवार को हुए प्रदर्शनों में हालाँकि हिंसाचार की कोई बड़ी घटना दर्ज़ नहीं हुई है, फिर भी कुछ जगहों पर आक्रमक प्रदर्शनकारी और पुलीस के बीच शाब्दिक मुठभेड़ हुई, ऐसा बताया जा रहा है।

अमरीका में शुरू हुए प्रदर्शनों का असर दुनिया के अन्य प्रमुख देशों में भी फ़ैला हुआ शनिवार को दिखायी दिया। युरोप के ब्रिटन, जर्मनी, फ्रान्स, बेल्जियम के साथ अन्य कुछ देशों में, अमरीका में चल रहे आंदोलन को समर्थन देनेवाले जुलुसों का आयोजन किया था। एशिया महाद्वीप के जापान और दक्षिण कोरिया में भी प्रदर्शन हुए। ऑस्ट्रेलिया तथा दक्षिण अफ़्रीका में भी बड़े प्रदर्शन हुए होने की जानकारी माध्यमों ने दी है।

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