चीन का तैवान के समुद्री क्षेत्र में ‘लाईव्ह फायर’ युद्धाभ्यास – चीन के युद्धाभ्यास पर तैवान की टीका

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बीजिंग/तैपाई: ‘साउथ चाइना सी’ के युद्धाभ्यास के बाद चीन की नौसेना ने तैवान के समुद्री क्षेत्र में ‘लाईव्ह फायरिंग’ का युद्धाभ्यास शुरू करने की जानकारी सरकारी न्यूज़ चैनल ने दी है। तैवान के द्वीप के पास चल रहे इस युद्धाभ्यास पर तैवान ने प्रतिक्रिया दी है। सदर युद्धाभ्यास आशिया-प्रशांत समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरनाक होने का इशारा तैवान ने दिया है। दौरान, अमरिका और तैवान के बीच बढ़ रहे रक्षा सहकार्य की पृष्ठभूमि पर चीन यह युद्धाभ्यास आयोजित करने वाला है, ऐसी घोषणा चीन ने पिछले हफ्ते ही की थी।

चीन के ‘कुआंझोउ’ शहर और तैवान के ‘किनमेन’ द्वीपसमूहों के समुद्री क्षेत्र में चीन की नौसेना ने यह युद्धाभ्यास किया है। चीन के सरकारी न्यूज़ चैनल ने दी जानकारी के अनुसार, १६२ चौरस किलोमीटर समुद्री क्षेत्र में यह युद्धाभ्यास चलेगा। इस युद्धाभ्यास में चीन की विनाशिकाएं और हेलिकॉप्टर्स का पथक शामिल हुआ है। चीन के हेलिकॉप्टर्स ने ‘लाईव्ह फायरिंग ड्रिल’ की है और चीनी न्यूज़ चैनल ने इसकी खबर प्रसिद्ध की है। बुधवार सुबह आठ बजे से शुरू हुआ यह युद्धाभ्यास मध्यरात्रि तक जारी था।

पिछले हफ्ते चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ‘साउथ चाइना सी’ में चल रहे युद्धाभ्यास को भेंट दी थी। उस समय तैवान के समुद्री इलाके के युद्धाभ्यास की घोषणा की थी। चीन के सरकारी और लष्करी सूत्रों ने इस युद्धाभ्यास का तपशील घोषित नहीं किया है। लेकिन चीन की नौसेना का यह युद्धाभ्यास तैवान के लिए इशारा होने का दावा चीन की सरकारी मीडिया कर रही हैं। स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता मिले इसके लिए तैवान की तरफ से चल रही कोशिशों के खिलाफ चीन का यह युद्धाभ्यास चल रहा है, ऐसा चीनी न्यूज़ चैनल ने कहा है।

तैवान अपना भूभाग है ऐसा दावा चीन कर रहा है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी तैवान के साथ स्वतंत्र राजनीतिक और लष्करी सहकार्य प्रस्थापित नहीं करना चाहिए, ऐसी चीन की भूमिका है। लेकिन चीन की इस भूमिका की तरफ नजरअंदाज करके अमरिका ने तैवान के साथ राजनीतिक और लष्करी सहकार्य प्रस्थापित किया है। पिछले महीने में अमरिका ने तैवान को प्रगत लड़ाकू विमान और मिसाइलों की सहायता करने की घोषणा की थी। साथ ही अमरिका और तैवान के बीच सामरिक सहकार्य बढाने के लिए ट्रम्प प्रशासन ने ‘तैवान ट्रैवल एक्ट’ संमत किया है। इस अनुबंध की वजह से अमरिका की तरफ से तैवान को पनडुब्बी की तकनीक मिल सकती है। अमरिका और तैवान के बीच के इस सहकार्य पर चीन ने आपत्ति जताकर तैवान को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, ऐसी धमकी दी थी।

दौरान, अपने द्वीपसमूह के क्षेत्र में चीन ने शुरू किए युद्धाभ्यास पर तैवान ने टीका की है। चीन के इस युद्धाभ्यास पर तैवान की तिरछी नजर है और सदर अभ्यास इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक साबित हो रहा है, ऐसा आरोप तैवान सरकार ने किया है। कुछ दिनों पहले ही तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ‘त्साई ईंग-वेन’ की देखरेख में तैवान ने भी युद्धाभ्यास का आयोजन किया था।

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