फिलिपाईन्स में चीन ‘ब्लैकआउट’ करा सकता है – फिलिपाईन्स सरकार का आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमनिला/बीजिंग: फिलिपाईन्स को बिजली की आपुर्ति कर रही पुरी यंत्रणा पर फिलहाल चीन की हुकूमत का नियंत्रण है| चीन की हुकूमत फिलिपाईन्स को हो रही बिजली की आपुर्ति कभी भी तोड सकती है, इन शब्दों में फिलिपाईन्स की सरकार ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए है| फिलिपाईन्स सरकार की यंत्रणा ने एक रपाट पेश किया है और इसमें देश को बिजली प्रदान कर रही पुरी यंत्रणा और इसके कान्ट्रैक्ट की जांच हो, यह मांग भी की गई है| फिलिपाईन्स से किए गए इन आरोपों की वजह से चीन और फिलिपाईन्स के बीच बना तनाव और भी तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

वर्ष २००९ से फिलिपाईन्स को बिजली की आपुर्ति करने की जिम्मेदारीनैशनल ग्रीड कॉर्पोरेशन ऑफ फिलिपाईन्सइस निजी उपक्रम को दी गई है| यह उपक्रम कई निजी कंपनियों ने एक होकर कार्यरत किया है और इसमें चीन केस्टेट ग्रीड कॉर्पोरेशनका ४० प्रतिशत हिस्सा है| फिलिपाईन्स को बिजली प्रदान करने की जिम्मेदारी संभाल रहे इस उपक्रम के कई अहम पदों पर चीन के अभियंता कार्यरत है| यह अफसर और अभियंता चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के आदेश पर कभी भी फिलिपाईन्स की बिजली तोड सकते है, यह डर एक रपट में व्यक्त किया गया है|

इस रपट ने फिलिपाईन्स की संसद में सनसनी निर्माण की है| देश के विपक्षी दलों के सांसदों नेनैशनल ग्रीड कॉर्पोरेशन ऑफ फिलिपाईन्सके कान्ट्रैक्ट को लेकर और इस से जुडे रपट पर जताई चिंता और डर की जांच करने की मांग तीव्रता से की है| ‘नैशनल ग्रीड कॉर्पोरेशन ऑफ फिलिपाईन्सकी फिलिपीनी कंपनी ने बिजली की आपुर्ति करनेवाली यंत्रणा का नियंत्रण चीन के हाथ में देने से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बना है, इस ओर ध्यान आकर्षित किया|

चीन के विदेश मंत्रालय ने फिलिपाईन्स में प्रसिद्ध हुआ रपट और सांसदों की मांग पर तुरंत प्रतिक्रिया दर्ज की है| इसमें चीन और फिलिपाईन्स की भागिदारी का जिक्र करके सांसदों ने द्विपक्षीय सहयोग की ओर खुले दिल से देखें, यह सलाह भी दी है| फिलिपिनी सांसद चिंता ना करें एवं हवां में ढुंढकर आरोप ना करें, यह इशारा भी चीन के विदेश मंत्रालय ने दिया है|

पर, फिलिपिनी सांसदों ने संसद में हुई बातचीत में फिलिपाईन्स की बिजली आपुर्ति पर चीन का होनेवाला नियंत्रण राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा होे का दावा कायम रखकर पिछले वर्ष से चीन ने की हरकतों की ओर ध्यान आकर्षित किया| कुछ महीने पहले चीन के सैकडों जहाजों ने फिलिपाईन्स के समुद्री क्षेत्र में घुसपैठ की थी| इस मुद्दे पर फिलिपाईन्स और चीन के संबंधों में काफी तनाव बना था|

फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो दुअर्ते ने सुसाईड मिशन भेडकर चीन पर हमलें करने की धमकी भी दी थी| ‘साउथ चायना सीके विवाद पर हल निकालने के लिए राष्ट्राध्यक्ष दुअर्ते ने अमरिका के सामने अपनी नौसेना कीसेवन्थ फ्लिटइस समुद्री क्षेत्र में तैनात करने के लिए प्रस्ताव भी रखा था| वही, अगस्त महीने में फिलिपाईन्स के रक्षामंत्री देल्फिन लौरेंझाना ने यह आरोप किया था की, ‘चीन हमारे स्कारबोरो शोल इस द्विप समुह पर अपना अधिकार सिद्ध करने के लिए ने फिलिपाईन्स पर धौंक जमाने की कोशिश कर रहा था|’

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