चीन आर्थिक संकट के कगार पर- केन्द्रीय बैंक के प्रमुख का इशारा

बीजिंग: लगातार किए जाने वाले कर्जो से चीन के वित्तीय व्यवस्था को खतरा निर्माण हुआ है और देश आर्थिक संकट की कतार पर होने का इशारा चीन के केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने दिया है। चीन में हालही में हुए सत्ताधारी कम्युनिस्ट पक्ष के अधिवेशन में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग एवं अन्य प्रमुख नेताओंने अर्थव्यवस्था योग्य मार्ग पर होने की गवाही दी थी। पर उसके बाद कुछ ही दिनों में केंद्रीय बैंक के गवर्नर से गंभीर इशारा देना, ध्यान केंद्रित कर रहा है। पिछले कई महीनों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ अर्थतज्ञ और विश्लेषकों ने वित्तव्यवस्था के बारे में चिंता व्यक्त की थी।

आर्थिक संकट

चीन की केंद्रीय बैंक होने वाले ‘पीपल्स बैंक ऑफ चाइना’ के वेबसाइट पर प्रसिद्ध किए एक लेख में गवर्नर झोऊ शिओचान ने देश की वित्त व्यवस्था के बारे में गंभीर मुद्दे उपस्थित किए हैं। चीन की व्यवस्था में लगातार लिए जाने वाले कर्जो की व्याप्ति बड़ी तादाद में बढ़ने का मुद्दा शिओचान ने उठाया है। बड़ी तादाद में लिए जाने वाले कर्जे यह वित्तीय क्षेत्र के संकट का मूल है, ऐसा केंद्रीय बैंक के गवर्नर सूचित किया है। इसकी वजह से चीन के बाजार में नुकसान होने का खतरा निर्माण हुआ है, इस पर उन्होंने ध्यान केंद्रित किया है।

चीन के वित्तीय बाजार में होने वाले खतरे छुपे, उलझने, अत्यंत खतरनाक एवं जल्द गति से फैलने वाले होने का इशारा गवर्नर शिओचान ने दिया है। असली वित्त व्यवस्था को गति देने के क्षेत्र में यह बात अतिरिक्त कर्जो के बोझिल रूप मे तथा वित्तीय व्यवस्था में गतिमान रूप से बढ़ने वाले वित्त सहायता के रूप में यह बात दिखाई देती है, ऐसा उन्होंने स्पष्ट किया है। वित्तीय व्यवस्था को होने वाले खतरों की वजह से आर्थिक संकट हो सकता है और वित्त व्यवस्था एवं रोजगार निर्माण को उसका बड़ा झटका लग सकता है, ऐसा भी ‘पीपल्स बैंक ऑफ़ चाइना’ के गवर्नर ने सूचित किया है।

संभाव्य आर्थिक संकट टालने के लिए चीन सरकारने नियम अधिक कठोर पालना और बाजार पर सच्चे वित्त व्यवस्था रहे इस पर ध्यान देना, ऐसी सलाह शिओचान ने दी है। पूंजी पर नियंत्रण एवं चीन के बाहरी वित्तीय कंपनियों के साथ प्रतिबंध हटाते हुए वित्तीय बाजार को अधिक मुक्त करना होगा, ऐसा भी उन्होंने कहा है।

अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख वित्त संस्था एवं अर्थतज्ञ से चीन में कर्ज के बढ़ते बोझ की वजह से चीन में लगातार गंभीर इशारे दिए जा रहे हैं। चीन के निजी क्षेत्र में कर्जा का प्रमाण लगभग १६० प्रतिशत से अधिक होकर, कुल मिलाकर कर्ज का बोझ २०७ प्रतिशत तक गया है। यह कर्ज का बोझ मतलब चीन की वित्त व्यवस्था को आई सूजन होने का मत कुछ विश्लेषकों से व्यक्त किया जा रहा है।

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