‘तैवान’ के मुद्दे पर भारतीय माध्यमों ने अपनाई भूमिका से चीन हुआ बेचैन

नई दिल्ली/तैपेई, दि. ८ (वृत्तसंस्था) – भारत सरकार ने ‘वन चायना पॉलिसी’ को मंजूरी दी है। भारतीय माध्यम भी अपने देश की इस अधिकृत नीति का सम्मान करके तैवान को बतौर आज़ाद देश ज़िक्र करने से बचें, यह माँग करनेवाला निवेदन भारत में स्थित चीन के दूतावास ने जारी किया है। इसपर भारतीय विदेश मंत्रायल ने हमारे देश में माध्यमों को अपना मत रखने की पुरी आज़ादी होने की बात कही हैं। तभी, इस तरह से भारतीय माध्यमों को तैवान के मसले पर छेड़कर चीन ने बड़ी गलती की हैं, यह निष्कर्ष भारतीय पत्रकार और विश्‍लेषक दर्ज़ कर रहे हैं। अगले दिनों में भारतीय माध्यमों में स्वतंत्र तैवान का मुद्दा अधिक आक्रामकता से उठाया जाएगा और उस समय चीन को अपनी की हुई गलती का अहसास होगा, ऐसा पत्रकारों का कहना हैं। इसी के साथ चीन की इस आक्रामकता पर गुस्सा हुए तैवान ने चीन को ‘गेट लॉस्ट’ इन शब्दों में फटकार लगाई हैं।

Indian-media-chinaअगले शनिवार १० अक्तुबर के दिन तैवान का राष्ट्रीय दिवस है। इस अवसर पर भारत में तैवान का बतौर स्वतंत्र देश ज़िक्र हो सकता है, यह ड़र चीन को असुरक्षित कर रहा है। ऐसा होने पर स्वतंत्र तैवान, तिब्बत, हाँगकाँग के लिए शुरू प्रदर्शनों का जोर बढ़ेगा, यह चिंता चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत को परेशान कर रही है। इस पृष्ठभूमि पर भारत में स्थित चीन के राजदूत ने भारतीय प्रसार माध्यमों के लिए सीधे ‘मार्गदर्शक तत्व’ घोषित करके अप्रत्यक्ष रूप से भारत को चेतावनी दी है।

‘चीन, विश्‍व में एक मात्र देश है और इसके अलावा दूसरा चीन मौजूद नहीं है। इसकी वजह से भारतीय माध्यम भारत सरकार की भूमिका से एकरूप रहकर तैवान का स्वतंत्र देश के तौर पर ज़िक्र करके ‘वन चायना’ नीति का उल्लंघन ना करें। साथ ही त्साई ईंग वेन का ज़िक्र भी ’राष्ट्राध्यक्ष’ कहकर ना करें। इससे आम नागरिकों में गलत संदेश पहुँचता है’, यह माँग चीन के दूतावास ने की है। यह माँग करके चीन महासत्ता की तरह नहीं बल्कि रास्ते के गुंड़े की तरह बर्ताव कर रहा है, ऐसी आलोचना भारत के नामांकित पत्रकार और विश्‍लेषकों ने की है। साथ ही इस पत्र से चीन भारतीय माध्यमों को नहीं बल्कि भारत को छुपा इशारा दे रहा है, यह आरोप भी कुछ विश्‍लेषकों ने किया था।

Indian-media-chinaचीन के दूतावास ने माध्यमों के सामने रखी इस माँग पर भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की हैं। भारत में माध्यमों को खुली आज़ादी हैं और उचित मुद्दों पर वह बिना ड़रे लिखते हैं, इस एक विधान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन की माँग पर प्रतिक्रिया दर्ज़ की। इसके बाद पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, लीबिया के मुद्दों पर भारत की भूमिका उन्होंने रखी।

भारतीय माध्यमों पर ‘सेन्सॉरशिप’ लगाने की चीन की इस कोशिश पर तैवान के विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है। ‘भारत विश्‍व का सबसे बड़ा जनतांत्रिक देश है। यहां के प्रसार माध्यमों को अपनी आज़ादी प्रिय है। लेकिन, कम्युनिस्ट विचारधारा का चीन भारतीय उप-महाद्विप पर सेन्सॉरशिप थोंपने की कोशिश करता हुआ दिख रहा हैं। तैवान के भारतीय मित्रों से चीन को ‘हट जा’, यह एक ही जवाब मिल सकता है’, यह टिप्पणी तैवान के विदेशमंत्री जोसेफ वू ने लगाई है।

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