‘जय’ से सावधान रहे चीन – चीन के अभ्यासकों की चेतावनी

बीजिंग – जापान, अमरिका और भारत का सहयोग यानी ‘जेएआई’ मतलब ‘जय’ है, यह कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने इस त्रिपक्षीय सहयोग की ओर पूरे विश्‍व का ध्यान आकर्षित किया था| इस पर अधिकृत तौर पर प्रतिक्रिया दर्ज करते वक्त चीन ने सावधानी बरती है| यह सहयोग सकारात्मक रहेगा, यह कहकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ताने इस सहयोग की ओर अपना देश खुले दिल से देख रहा है, यह दावा किया है| अधिकृत स्तर पर यह प्रतिक्रिया दे रहे चीन की इस सहयोग से बनी बेचैनी इस देश के सरकारी समाचार पत्र से व्यक्त हुई है|

अर्जेंटिना में हुए ‘जी-२०’ परिषद में जापान, अमरिका और भारत की त्रिपक्षीय बातचीत हुई| तीनों देशों के आर्थिक, राजनीतिक और सामरिक सहयोग चीन के लिये चुनौती साबित होगी, यह विश्‍व भर के विश्‍लेषकों का कहना है| बल्कि ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में चीन के बढते सामर्थ्य और आक्रामकता की वजह से निर्माण हुआ असंतुलन हटाने के लिये यह तीन देश एक हुए है, यह दावा किया जा रहा है| इस परिस्थिति में इस त्रिपक्षीय सहयोग पर चीन की ओर से अत्यंत सतर्क प्रतिक्रिया दर्ज हुई| चीन की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग इन्होंने अपना देश जापान, अमरिका और भारत के बिच बने सहयोग की ओर खुले दिल से देख रहा है, यह दावा किया|

यह सहयोग एकदुसरे के साथ विश्‍वास अधिक पुख्ता करेगा, यह उम्मिद शुआंग ने व्यक्त की| साथ ही इस त्रिपक्षीय सहयोग से इस क्षेत्र में शांति, विकास और समृद्धी बढेगी, यह विश्‍वास भी शुआंग ने व्यक्त किया| अधिकृत स्तर पर इस त्रिपक्षीय सहयोग पर आलोचना करने से या कडी प्रतिक्रिया दर्ज करने से चीन दूर रहा है| फिर भी चीन की वास्तविक प्रतिक्रिया और चेतावनी ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस सरकारी समाचार पत्र से सामने आयी है| इस समाचार पत्र के साथ बातचीत में चीन के शिंघूआ विद्यापीठ के ‘नैशनल स्ट्रेटजी इन्स्टिट्युट’ के अभ्यासक ‘कियान फेंग’ इन्होंने जापान, अमरिका और भारत के त्रिपक्षीय सहयोग से चीन को सावधान रहना होगा, यह सलाह दी है|

‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र को लेकर सहयोग करने की बात यह तिनों देश भले ही कर रहे हो फिर भी इस क्षेत्र में हर एक देश के हिंतसंबंध काफी अलग है| भारत और जापान चीन को दुखाने की ख्वाईश नही रखता| लेकिन भारत और जापान को अमरिका के साथ अच्छे संबंध रखने है| वही, अमरिका चीन ही हानि करने में दिलचस्पी रखता है, यह बताकर फेंग इन्होंने इस सहयोग को लेकर चीन को सावधान रहना होगा, यह स्पष्ट रूप से कहा है| फेंग भी इस त्रिपक्षीय सहयोग पर कडी भुमिका अपनाने से बच रहे है, फिर भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ में इसके पहले भी भारत, अमरिका और भारत, जापान के सहयोग पर कडे शब्दों में आलोचना हुई है| यह सहयोग चीन का विकास सामने रखकर ही हो रहा है, यह इस समाचार पत्र ने जमकर कहा था|

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