कोलंबो बम धमकों में ‘आईएसआई’ का हाथ होने की संभावना

कोलंबो – कोलंबो में चर्च और पंचतारांकित होटल में हुए बम धमाके और आत्मघाती हमलों में ३५९ लोगों की मौत हुई है| इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ‘आईएस’ ने स्वीकारी है| लेकिन, दुनियाभर में हुए हर एक आतंकी हमले के तार आखिरकार पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आईएसआई’ से ही जुडते है, यह कहकर पाकिस्तान के एक नेता ने श्रीलंका को धमकाया था| इसीलिए ‘आईएसआई’ एवं पाकिस्तान श्रीलंका में हुए आतंकी हमलें में शामिल होने की संभावना ना ठुकराई जाए और इस दिशा में जांच करे, यह सलाह पाकिस्तान के नेता अल्ताफ हुसैन इन्होंने दी है| उन्होंने जताई आशंका में सच्चाई होने के संकेत प्राप्त होने लगे है|

रविवार के दिन कोलंबो में आठ जगहों पर बम धमाके करनेवाले दहशतगर्दों की जानकारी अब सामने आने लगी है| इनमें से कई दहशतगर्द पाकिस्तान जा चुके है और उन्होंने पाकिस्तान में ही आतंक का प्रशिक्षण प्राप्त करने की जानकारी सामने आ रही है| खास तौर पर श्रीलंका की यंत्रणा ने भी यह संभावना अभी ठुकराई नही है| श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानील विक्रमसिंघ इन्होंने जरूरत पडी तो इस आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान की सहायता लेने का सूचक वक्तव्य किया है| साथ ही कोलंबो में हुए आतंकी हमलों के विषय में अधिक संवेदनशील जानकारी सामने आ रही है और इसमें यहां के हमलों से पाकिस्तान का संबंध होने के अन्य धागे भी सामने आ रहे है| अभी तक अधिकृत स्तर पर इसका समर्थन नही हुआ है, फिर भी श्रीलंकन यंत्रणा यह धागा पकड कर भी कडी जांच कर रही है| पाकिस्तान में नशेली पदार्थों का व्यापार से प्राप्त पैसों का इस्तेमाल श्रीलंका में बम धमाके करने के लिए किया गया है, यह संभावना भारतीय सुरक्षा यंत्रणा भी व्यक्त कर रही है|

भारतीय उपखंड में होनेवाले आतंकी हमलों में पाकिस्तान की गुप्तचर ‘आईएसआई’ संगठन का हाथ होने की जानकारी कई बार स्पष्ट हुई थी| श्रीलंका में पाकिस्तान के दूतावास का इस्तेमाल ‘आईएसआई’ ने जाली नोटा भारत में उतारने के लिए भी किया था| साथ ही चेन्नई में इस्रायल और अमरिका के दूतावास में आतंकी हमले करने के षडयंत्र को अंजाम देने के लिए भी पाकिस्तान के ‘आईएसआई’ ने श्रीलंका में बने दूताास का ही इस्तेमाल किया था| यह षडयंत्र उजागर होने के बाद ‘आईएसआई’ और पाकिस्तान की बदनामी हुई थी| भारत की सुरक्षा यंत्रणाओं ने कोईंबतूर से ‘आईएस’ के कुछ हस्तकों को गिरफ्तार किया था| उनके जरिए ही श्रीलंका में आतंकी हमला करने के षडयंत्र होने की जानकारी प्राप्त हुई थी| इस संबंधी भारत ने श्रीलंका को अलर्ट भी किया था|

श्रीलंका के पूर्वीय क्षेत्र में चरमपंथी विचारधारा बढ रही थी और इस ओर श्रीलंका ने नजरअंदाजी की थी| श्रीलंका ने अपना पूरा ध्यान लिट्टे की ओर रखा था| लेकिन अब चरमपंथ से श्रीलंका को खतरा बनता दिखाई दे रहा है| इसके पिछे ‘आईएसआई’ का षडयंत्र होने की कडी आशंका भारतीय सुरक्षा यंत्रणाओं ने जताई है और इस आशंका का समर्थन करनेवाली जानकारी सामने आने लगी है|

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