‘रेमडेसिवीर’ के निर्यात पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक

नई दिल्ली – देश में कोरोना संक्रमण का नया विस्फोट हुआ है और ऐसे में कोरोना संक्रमितों के लिए जीवनदान ‘रेमडेसिवीर’ इंजेक्शन की कमी हो गई है। इस पृष्ठभूमि पर कोरोना संक्रमण पर रोक लगने तक इस इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश केंद्र सरकार ने रविवार के दिन जारी किया।

remedesivir-export‘रेमडेसिवीर’ इंजेक्शन कोरोना का अधिक मात्रा में संक्रमण हुए मरीजों की जान बचाने के लिए काफी उपयोगी साबित हो रहा है। ‘रेमडेसिवीर’ एक ऐण्टी-वायरस इंजेक्शन है और ‘सार्स’ एवं ‘मर्स’ जैसी बीमारियों के लिए काफी प्रभावी साबित हुआ था। बीते वर्ष कोरोना की पहली लहर उठने के बाद कोरोना संक्रमितों पर इलाज़ कैसे करना है, इसको लेकर स्वास्थ्य यंत्रणा अनभिज्ञ थी। उस समय ‘रेमडेसिवीर’ इंजेक्शन काफी प्रभावी साबित हुआ था। जागतिक स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह इंजेक्शन प्रभावी साबित हो सकता है, यह विश्‍वास व्यक्त करने के बाद भारत ने इन इंजेक्शन का बांगलादेश से आयात किया था क्योंकि, उस समय भारत में एक भी कंपनी ‘रेमडेसिवीर’ का उत्पादन नहीं कर रही थी।

बीते वर्ष जून में भारत के ड्रग्ज कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने ‘रेमडेसिवीर’ के निर्माण एवं इसके आपातकालिन इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। इस इंजेक्शन का पेटंट प्राप्त अमरीका की गिलियड सायन्सेस के साथ समझौता करके भारत में कुछ कंपनियों ने इस इंजेक्शन का उत्पादन शुरू किया। इस वजह से कई लोगों के जान की रक्षा होने का दावा किया जा रहा है। देश में इस इंजेक्शन का उत्पादन शुरू होने से सितंबर में कोरोना की पहली लहर चोटी पर होते हुए भी इस इंजेक्शन की कमी महसूस नहीं हुई थी।

लेकिन, नवंबर के बाद देश में कोरोना संक्रमण कम हुआ और संक्रमितों की संख्या भी कम होती गई। इसके बाद इस इंजेक्शन की माँग कम होने से कंपनियों ने उत्पादन भी कम किया था। मार्च में यकायक कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज़ी से बढ़ने पर इन कंपनियों ने इस इंजेक्शन का फिर से उत्पादन शुरू किया। लेकिन, इस इंजेक्शन के लिए आवश्‍यक कच्चा सामान भारत को आयात करना पड़ता है और इस वजह से इसके लिए आवश्‍यक गति और इंजेक्शन उत्पादन की अन्य प्रक्रिया के लिए आवश्‍यक अवधि देखे तो इस इंजेक्शन का यकायक उत्पादन बड़ी मात्रा में बढ़ाना इन कंपनियों के लिए संभव नहीं है। इस वजह से इस इंजेक्शन की कमी हो गई है और इसी से इस इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग शुरू होने की बात सामने आयी है।

बीते वर्ष ६.५ हज़ार रुपये कीमत में प्राप्त हो रहे इस इंजेक्शन की कीमत महाराष्ट्र सरकार ने दिसंबर महीने में २३६० रुपये तय की थी। लेकिन, फिर भी महाराष्ट्र में यह इंजेक्शन अब भी ४.५ से ५ हज़ार रुपयों में बेचा जाने की बात सामने आयी है। साथ ही सिर्फ अस्पतालों की फार्मसी से यह इंजेक्शन उपलब्ध होने से संक्रमितों के परिजनों को यह इंजेक्शन प्राप्त करने के लिए काफी भटकना पड़ रहा है। इस पृष्ठभूमि पर महाराष्ट्र सरकार ने इस इंजेक्शन के वितरण और सप्लाई पर नज़र रखने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्णय किया होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। साथ ही ‘रेमडेसिवीर’ इंजेक्शन की किमत १४०० रुपये तय करने के प्रस्ताव पर भी सरकार विचार कर रही है।

महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में भी ‘रेमडेसिवीर’ की कमी और कीमतों को लेकर धांधली हो रही है। इस पृष्ठभूमि पर केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण काबू में आने तक ‘रेमडेसिवीर’ इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगाने का निर्णय किया है। इस वजह से देश में इस इंजेक्शन की सप्लाई ठीक रहेगी। इसके अलावा ‘रेमडेसिवीर’ का उत्पादन बढ़ाने की सूचना भी केंद्र सरकार ने संबंधित कंपनियों को की है। साथ ही इस इंजेक्शन का उत्पादन कर रही कंपनियों को सप्लाई और वितरण की जानकारी सरकार को देने के आदेश भी दिए गए हैं।

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