माओवादियों को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने की तैयारी; ‘कोब्रा’ की और २० कंपनियाँ बस्तर में तैनात; ‘सीआरपीएफ’ की अतिरिक्त बटालियन

नयी दिल्ली, दि. ९ : छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में माओवादियों ने दो हफ़्तें पहले किये हमले में २५ जवान शहीद हुए थे| इस हमले की पृष्ठभूमि पर, माओवादीविरोधी मुहिम को और भी आक्रामक बनाने का निर्णय लिया गया है| इसी दौरान, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को, माओवादियों का प्रभाव रहनेवाले दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक संपन्न हुई थी| इस बैठक के बाद माओवादियों का सबसे ज़्यादा प्रभाव रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर में अतिरिक्त दो हज़ार कोब्रा जवानों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है| इसीके साथ, इससे पहले लिए गए निर्णय के तहत ‘सीआरपीएफ’ और ‘बीएसएफ’ के जवानों की बटालियन्स की बस्तर में तैनाती होगी|

‘कोब्रा’‘माओवादियों के हमले के बाद प्रत्युत्तर देने के बजाय, ऐसे हमले ना हों इसलिए अथवा हमले होने से पहले उसको नाकाम बनाने के लिए आक्रामक मुहिम चलाने की ज़रूरत है’ ऐसा केंद्रीय गृहमंत्री ने स्पष्ट किया है| इसके लिए दिल्ली में हुई बैठक में अहम निर्णय लिया गया है, ऐसा सामने आ रहा है| फिलहाल देश के ३५ जिलों तक ही माओवादियों का प्रभाव है| ये जिले जिन राज्यों में आते हैं उन दसों राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस और वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया था| इस बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महासंचालक के.के.शर्मा, सीआरपीएफ के महासंचालक आर.आर.भटनागर, सशस्त्र सीमा बल की (एसएसबी) महासंचालिका अर्चना रामसुंदरम ये उच्चअधिकारी भी शामिल हुए थे|

इस समय माओवादियों का बंदोबस्त करने के लिए ‘यूनिफाईड कमांड’ के जरिए सुरक्षा बल, सरकार और अन्य यंत्रणाओें में प्रभावी समन्वय बनाने पर चर्चा हुई| माओवादियों का सबसे बड़ा प्रभाव रहे छत्तीसगढ़ में माओवादीविरोधी मुहिम के लिए खास प्रशिक्षित किए कोब्रा कमाडों की तैनाती बढ़ाने का इस समय निश्चित किया गया| माओवादियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए बनाये गए कोब्रा पथक की १५४ में से ४४ कोब्रा कंपनियों की तैनाती छत्तीसगढ़ में की गई है| इसमें और भी २० कंपनियाँ शामिल होनेवालीं हैं| हर एक कोब्रा कंपनी में १०० कोब्रा कमांडो शामिल होने की वजह से छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दो हजार अतिरिक्त कोब्रा जवानों की तैनाती की जायेगी| इन कोब्रा जवानों को ‘एअरलिफ़्ट’ के जरिए जल्द ही छत्तीसगढ़ में उतारा जायेगा|

इसके अलावा माओवादीविरोधी मुहिम के लिए फिलहाल छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में जो ‘कंट्रोल सेंटर्स’ है उसीकी तरह बिहार के गया और झारखंड के सिंगभूम में ‘जॉईंट कमांड एवं कंट्रोल सेंटर्स’ की स्थापना की जाएगी; इससे आंतर्राज्यीय मुहिम को हाथ में लेना और आपसी समन्वय बनाये रखना आसान होगा|

इसके अलावा जगदलपुर हवाई अड्डा जल्द ही कार्यान्वित किया जानेवाला है| सितंबर तक यह हवाई अड्डा शुरू करने का उद्दिष्ट रखा गया हैं| यह हवाई अड्डा सुरक्षादलों को माओवादीविरोधी मुहिमों में हवाई सहायता की दृष्टि से काफी अहम साबित होगा| कोब्रा द्वारा रची जा रही मुहिम को हवाई सहायता करने के लिए, हवाई दल के हेलिकॉप्टर्स को महीने में १२० घंटे की उड़ानें भरने की विद्यमान मंज़ुरी को बढ़ाकर १६० घंटे किया जायेगा| माओवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मानवरहित हवाई वाहन (यूएव्ही) विमानों का प्रभावी इस्तेमाल भी कराया जायेगा|

‘प्री फॅब्रिकेटेड स्लॅब ऍण्ड सॉईल स्टेबिलायझेशन’ के आधुनिक प्राद्योगिकी का इस्तेमाल माओवादियों का प्रभाव रहने वाले इलाके में सड़के बनाने के लिए किया जायेगा| इसके अलावा ‘आयईडी’ को ढूँढ़ निकालनेवाले और उसको नाकाम करनेवाले अतिरिक्त पथक सीआरपीएफ की माओवादीविरोधी मुहिम की सहायता करने के लिए भेजे जायेंगे| इसीके साथ माओवादियों को आर्थिक रूप से घेरना, माओवादियों का जिन इलाकों में प्रभाव है वहाँ बिजली और अन्य सुविधाएँ मुहैय्या करना, ये काम युद्धस्तर पर हाथ में लिये जायेंगे|

इस बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने की सूचनाओं पर भी विचारविमर्श किया जायेगा| इस बैठक में लिए गए सभी निर्णयों पर यदि अमल हुआ, तो आनेवाले समय में माओवादियों का पूरी तरह से खात्मा होते हुए दिखायी देगा, ऐसा विश्‍वास जताया जा रहा है|

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