भूतपूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंग के घर और ऑफिस पर ‘सीबीआई’ का छापा

नई दिल्ली/मुंबई – भूतपूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंग और उनका पति आनंद ग्रोव्हर के घर और दफ्तर समेत उनकी ‘लॉयर्स कलेक्टिव्ह’ इस स्वयंसेवी संस्था के दफ्तर पर ‘सीबीआई’ ने छापा किया है| नई दिल्ली और मुंबई स्थित उनके दफ्तर पर सीबीआईने किया छापा यानी हमाले विरोध में सियासी बदले की भावना से की गई कार्रवाई होने का आरोप इंदिरा जयसिंग ने किया है| वही, ‘फॉरिन कॉन्ट्रिब्युशन (रेग्युलेशन) एक्ट’ का (एफसीआरए) उल्लंघन करने की तकरार पर सीबीआई ने यह कार्रवाई की है, यह कहा जा रहा है|

वर्ष २००६-०७ से २०१४-१५ के दौरान ‘लॉयर्स कलेक्टिव्ह’ इस संस्था ने विदेश से लगभग ३२.३९ करोड रुपयों का नीधि पाया था| इसके विरोध में वर्ष २०१५ में तकरार दर्ज की गई थी| इस मामले में काफी अनियमितता है और इससे ‘एफसीआरए’ कानून का उल्लंघन होने का आरोप तकरार में रखा गया था| वर्ष २००९ से २०१४ तक इंदिरा जयसिंग भारत की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के तौर पर काम कर रही थी| इस दौरान उनका पति आनंद ग्रोव्हर ने स्थापित की ‘लॉयर्स कलेक्टिव्ह’ संस्था को विदेश से नीधि प्राप्त हुआ था, इस ओर ध्यान केंद्रीत किया जा रहा है|

तकरार पर सीबीआई ने कार्रवाई करके लॉयर्स कलेक्टिव्ह के नई दिल्ली और मुंबई के दफ्तर पर छापा किया है| लेकिन, इस कार्रवाई का ब्यौरा अभी सीबीआई ने अधिकृत स्तर पर घोषित किया नही हा| लेकिन, इंदिरा जयसिंग ने इस कार्रवाई के बाद माध्यमों से की बातचीत में आरोप रखे है| हम मानवाधिकार के लिए लडाई कर रहे है और इस वजह से सियासी बदले की भावना से यह कार्रवाई की गई, यह दावा जयसिंग ने किया|

इस दौरान, पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार ने विदेश से निधी प्राप्त कर रही संस्थाओं को पुरा ब्यौरा घोषित करने को कहा था|

केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्षों में ४,८०० एनजीओं का लाइसन्स जब्त किया है, यह जानकारी उस समय के केंद्रीय गृहमंत्री किरेन रिजिजू ने दी थी| इन संस्थाओं ने ‘एफसीआरए’ कानून का उल्लंघन करने से यह कार्रवाई की गई है, ऐसा रिजिजू ने कहा था| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फरवरी महीने में संसद में बोलते समय स्वयंसेवी संस्थाओं के कारोबार में देखी गई अनियमितता पर सवाल किया था|

‘विदेश से इन एनजीओ को कितना निधी प्राप्त होता है और इस पैसे का उपयोग कहा होता है, इसकी जानकारी देने के लिए सरकार ने कहा था| इसके बाद विदेश से निधी स्वीकार रहे २० हजार स्वयंसेवी संस्थाओं ने भारत में शुरू अपना कारोबार बंद किया था’, यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में रखी थी|

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