अस्थिसंस्था भाग – १८

अस्थिसंस्था भाग – १८

अब तक हमने अ‍ॅपेन्डीक्युअर पिंजरे की सर्वसाधारण जानकारी प्राप्त की अथवा यह कहें कि सिंहावलोकन किया। हमारे चलने, दौड़ने, खड़े रहने में हमारे हाथों का सहभाग नहीं होता। परन्तु आवश्यकतानुसार इन क्रियाओं में सहायता कर सकते हैं। हमारे शरीर व हाथ के पंजे में हाथ के भाग में स्वतंत्र हलचल कर सकनेवाले सांधे व इसमें […]

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अस्थिसंस्था भाग – १७

अस्थिसंस्था भाग – १७

पिछले लेख में हमने पेलविस एवं कंधों के गर्डल (पेक्टोरल) की जानकारी ली। ये दोनों गर्डल्स और उनसे संबंधित हाथ एवं पैर की अस्थियों व उनके सांधों में समानता व अंतर अब हम देखेंगें। मुक्त हलचल कर सकने वाले अवयवों से यानी हाथों व पैरों से भी ये गर्डल्स जुड़ी होती है। यह सांधा फिर […]

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अस्थिसंस्था भाग -१६

अस्थिसंस्था  भाग -१६

मानवशरीर के अस्थियों से बने पिंजरे का हमें अध्ययन करना है। सभी सजीव प्राणियों की गति के लिये जो उपयुक्त होता है वह है यह पिंजरा। चार पैरोंवाले प्राणियों में आगे के तथा पीछे के पैर कहते हैं। द्विपाद प्राणियों में पहले के पिछले पैर सिर्फ पैर बनते है और आगे के पैर हाथ बन […]

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अस्थिसंस्था भाग – १५

अस्थिसंस्था भाग – १५

सायनोवियल जोड की रचना हमने देखी। सांधों में उनके जोड़ और गति के आधार पर इनका वर्गीकरण किया जा सकता है। रचना के अनुआर इसके तीन उपप्रकार हैं – १)सर्वसाधारण अथवा सिंपल सांधा :- जिस सांधे में सिर्फ  दो हड्डियाँ ही सहभागी होती हैं उसे सिम्पल सांधा कहते हैं। इस में एक हड्डी का उभरा […]

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अस्थिसंस्था -१४

अस्थिसंस्था -१४

जोड़ों के दूसरे प्रमुख समूह के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पहले हमने ठोस जोड़ अथवा सिनआरथ्रोसिस की जानकारी प्राप्त की। सिन यानी नजदीक आना अथवा होना, जुड़ना अथवा संलग्न होना और अरथ्रॉस यानी जोड़ अथवा सांधा। उपरोक्त प्रकार में हमने देखा कि सांधे की दोनो हड्डियाँ एकत्र आकर कुछ समय तक एक ही […]

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जोड़ों का वर्गीकरण – अस्थिसंस्था भाग – १३

जोड़ों का वर्गीकरण – अस्थिसंस्था  भाग – १३

जोड़ों (Joints) का वर्गीकरण हमने पिछले लेख में देखा। आज हम जोड़ों के प्रत्येक प्रकार का अध्ययन करेंगे। सिनआरथ्रोसिस जोड़ों का एक मुख्य प्रकार है। इसे सामान्य अंग्रेजी में (Solid Joints) अर्थात ठोस जोड़ कहते हैं। ठोस क्यों? क्योंकि इसमें दो हड्डियों के मिलन के बाद उनके बीच में रिक्त स्थान अथवा पोकली शेष नहीं […]

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अस्थिसंस्था भाग -१२

अस्थिसंस्था भाग -१२

अ‍ॅपेडीक्युलर पिंजरे के बारे में जानकारी प्राप्त करते समय हमने थोड़ासा विषयान्तर किया है। हमारे हाथों और पैरों में अनेकों जोड़ हैं। इनके बारे में अच्छी तरह समझने के लिये यह विषयांतर किया गया है। लगभग दो-तीन महिना पहले मेरा एक मित्र सबेरे-सबेरे मेरे घर आया। उसके चेहरे पर गुस्से के भाव थे। गर्दन हिलाते-हिलाते […]

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अस्थिसंस्था भाग – ११

अस्थिसंस्था भाग – ११

मानवी शरीर में रहनेवाले अस्थियों के पिंजरे की शास्त्रीय जानकारी हम लें रहे हैं। पिंजरे के प्रमुख दो भाग होते हैं, यह हमने जान लिया। शरीर के बीचों बीच स्थित आक्सिजल पिंजरा व उससे जुड़ा हुआ अ‍ॅपेन्डीक्युलर पिंजरा। आजतक हमने ऑक्सिअल पिंजरे की जानकारी प्राप्त की। सिर, रीढ़ की कशेरुकाएँ और छाती का पिंजरा मिलकर […]

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अस्थिसंस्था भाग – १०

अस्थिसंस्था भाग – १०

सिर की अस्थियों के विकास का हम अध्ययन कर रहे हैं। आज हम देखनेवाले हैं कि जन्म के बाद इनमें कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं।खोपड़ी का ऊपरी भाग, चेहरा और खोपड़ी का निचला भाग इन सबके विकास का वेग अलग-अलग होता है। ऊपरी भाग का विकास तेजी से होता है और वह मष्तिष्क़ के विकास […]

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अस्थिसंस्था भाग – ९

अस्थिसंस्था भाग – ९

मानव के सिर की अस्थियों के बारे में अध्ययन करते समय हमने शुरुआत में देखा की, गर्भावस्था से लेकर ही एज तक आने तक हमारा सिर बढ़ता व बदलता रहता है। यह बदलाव व बुद्धि कहाँ और किस उम्र में होती हैं, अब हम यह देखेंगे। साथ ही साथ लिंग व वंश का इस वृद्धि […]

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