अस्थिसंस्था भाग – २८

अस्थिसंस्था भाग – २८

पेलविस मानवी अस्थिपंजर का अध्ययन करते समय स्त्री व पुरुष के अस्थिपंजर में यदि फर्क  ढू़ढ़ँने लगे तो उसके लिये पेलविस जैसा अन्य कोई भी भाग नही हैं। इसमें इन दोनों में रहने वाला अंतर काफी  स्पष्ट होता है। यहाँ तक कि गर्भावस्था में भी यह अंतर स्पष्ट दिखायी देता है। सामने की तरफ़ रहनेवाली […]

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अस्थिसंस्था भाग – २७

अस्थिसंस्था भाग – २७

पेलविस कमर की दोनो हड्डियाँ और सॅक्रम इनके मिलने से जो जोड़ बनता है, उसे पेलविस अथवा पेलविक गर्डल कहते हैं। कमर और जाँघों को जोड़ने वाला यह भाग है। शरीररचनाशास्त्र के अनुसार जाँघों की  फिमोरल  अस्थि के सिरे से लेकर सॅक्रल कशेरुकाओं के बीच का भाग है पेलविस। जोड़ का यह भाग बड़ा और […]

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अस्थिसंस्था भाग – २६

अस्थिसंस्था भाग – २६

अब हम कमर की अस्थियाँ तथा पेलविस अथवा पेल्विक गर्डल की जानकारी प्राप्त करने वाले हैं। कमर की हड्डी को इनॉमिनेट अस्थि कहते हैं। कमर के दोनो ओर एक-एक इनॉमिनेट अस्थि होती हैं। इसका मध्यभाग थोड़ा संकरा होता है तथा ऊपरी व निचला भाग ज्यादा चौड़ा होता है। इसके बाहरी ओर कप के आकार का […]

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अस्थिसंस्था भाग – २५

अस्थिसंस्था भाग – २५

अब तक हम ने हाथों की अस्थियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। अब इसके बाद हम अपने पैरों की अस्थियों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें। अपने पैरों के कार्यों के अनुसार उनकी अस्थियों में आवश्यक बदलाव होते गये। पैरों के दो प्रमुख कार्य हैं शरीर का भार उठाना तथा शरीर को विविध गतियाँ […]

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अस्थिसंस्था भाग – २४

अस्थिसंस्था भाग – २४

हमारे हाथ का महत्त्वपूर्ण भाग है हमारा पंज़ा। आज हम इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं। हाथ के पंजे में कुल पाँच हड्डियां होती हैं। इन्हें कोई नाम तो नहीं दिया गया है परन्तु नंबर अवश्य दिये गये  हैं। अंगूठे से लेकर छोटी ऊँगलि तक इन्हें क्रमश: एक से पाँच नम्बर दिये गये […]

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अस्थिसंस्था भाग – २३

अस्थिसंस्था भाग – २३

अब हम हाथ की अस्थियों से संबंधित अध्ययन के अंतिम पडाव पर आ गए है। हमें कलाई और पंजे के बारे में जानकारी प्राप्त करती हैं। अस्थिसंस्था की दृष्टि से १)कारपल – कलाई की हड्डी २)मेटॅकारपल – पंजा / हथेली की अस्थि ३)फेलेनजेस – ऊंगलियों की हड्डियां अब हम उपरोक्त सभी भागों के बारे में […]

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अस्थिसंस्था भाग – २२

अस्थिसंस्था भाग – २२

हाथों की दो हड्डियों को बीच का जोड़ मानवों के लिये काफी   महत्त्वपूर्ण है। इसकी सहायता से बाहरी हड्डी (रेडिअस) अंदर की हड्डी (अल्ना) पर घूमती है। साधारण भाषा में – हाथ की हथेलियां, जो शरीर के सामने होती हैं, वे मुड़कर शरीर के पीछे की ओर हो जाती हैं। इसे प्रोनेशन ऑफ हैड़ कहते […]

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अस्थिसंस्था भाग – २१

अस्थिसंस्था भाग – २१

अब तक हमने कंधों एवं बाँहों के बारे में जानकारी प्राप्त की। आज हम बाँह के नीचे हाथ का भाग- जो कलाई तक आता है, उसकी जानकारी प्राप्त करेंगें। हाथ के इस भाग में दो लम्बी अस्थियाँ होती हैं। बाहर की ओर की अस्थि है ‘रेडिअस’ और अंदर की ओर की अस्थि है ‘अल्ना’। हम […]

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अस्थिसंस्था भाग – २०: कंधों का जोड़ एवं पेक्टोरल गर्डल

अस्थिसंस्था भाग – २०: कंधों का जोड़ एवं पेक्टोरल गर्डल

हम अपने कंधों एवं पेक्टोरल गर्डल की जानकारी ले रहे हैं। उस में कंधों का जोड़ व उसकी गति समझकर लेना हैं। कंधों के जोड़ों की दो अस्थियों की जानकारी हमने ली. (स्कॅप्युला व क्लॅविकल)। अब हम इसकी तीसरी अस्थि ह्युमरस के बारे में जानकारी लेंगें। ह्युमरस : यह हमारे हाथों की सबसे लम्बी एवं […]

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अस्थिसंस्था भाग – १९

अस्थिसंस्था भाग – १९

स्कॅप्युला और क्लॅविकल, कंधे की इन दो अस्थियों की जानकारी प्राप्त की। कंधे की तीसरी हड्डी है हाथ की ह्युमरस हड्डी। इसकी गति की एक तय शृंखला होती हैं। क्लॅविकल के जो दो जोड़ होते हैं, स्टरनोक्लॅविक्युलर और अ‍ॅकरोमियोक्लॅनिक्युलर इन में जब गति होती है तभी स्कॅप्युला की जगह बदलती है उर उसके परिपाक स्वरूप […]

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