कार्ल लिनीयस (१७०७-१७७८)

कार्ल लिनीयस (१७०७-१७७८)

७७०० वनस्पति, ४४०० प्राणि और केवल एक मनुष्य! कुल मिलाकर ४५ वर्षों के कार्यकाल के अन्तर्गत कार्ल लिनियस नामक शास्त्रज्ञ द्वारा किया गया संशोधन। अठारहवी सदी में केवल एक टेलिस्कोप, सूक्ष्म दर्शक यंत्र, एक बड़ी छुरी एवं कागज़ इतनी ही साधनसामग्री उपलब्ध होने के बावजूद भी अपनी पूरी लगन एवं (परिश्रम के साथ) कुछ करने […]

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डॉ. जॉर्ज वॉशिंग्टन कार्व्हर

डॉ. जॉर्ज वॉशिंग्टन कार्व्हर

क्या आप रहस्य जानना चाहते हो? तो फिर वस्तुओं को सूक्ष्मता से, गहराई से देखना सीखो| उसका विश्‍लेषण करो, उसके घटक द्रव्यों के प्रति ध्यान रखो| इसी में से विश्‍व की नवीन संरचना की जा सकती है| ‘जहॉं हो वहीं से आरंभ करो, हाथ में जो भी है, उसी का उपयोग करो| लगातार निर्मिति करने […]

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जॉन हॅरिसन (१६९३-१७७६)

जॉन हॅरिसन (१६९३-१७७६)

टायटॅनिक …..पोसायडन…..! कुछ याद आया? घबराइए मत, मैंने किसी फ़िल्म के बारे में लिखना आरंभ नहीं किया है। ये दो नाम लेने का कारण इतना ही है कि ये दोनों नाम एक ही समय में कुछ समान वस्तुओं के साथ जुड़े हैं। इसके बारे में यहॉं पर देखा जाये तो ये दोनों नाम समुद्री यात्रा […]

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लिओ बेकलँड (१८६३-१९४४)

लिओ बेकलँड (१८६३-१९४४)

आधुनिकयुग के युग के प्लॅस्टिक के रूप में जाने-माने ‘बेकेलाइट’ ने बहुत बड़े पैमाने में लोकप्रियता प्राप्त की है। १९२४ में टाइम्स इस मशहूर साप्ताहिक ने ‘आधुनिक संस्कृति में स्वेच्छापूर्वक प्रवेश कर जानेवाला पदार्थ’ इन शब्दों में बेकेलाइट का वर्णन किया था। जी हॉं! प्लॅस्टिक के बारे में कुछ विशेष कहने की आवश्यकता नहीं है। […]

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अबु अली सिन्ना (ऍव्हिसेन्न) ९८०-१०३७

अबु अली सिन्ना (ऍव्हिसेन्न) ९८०-१०३७

आधुनिक वैद्यकशास्त्र के पर्शियन जनक  किसी भी शास्त्र के संशोधन अथवा नये खोज के विषय में जब विचार किया जाता है, तब हमारे सामने तुरंत ही यूरोपीय अथवा अमेरिकन संशोधकों के नाम सामने आते हैं। लेकिन हमारे भारतीय अथवा एशिया के किसी संशोधक का नाम मात्र हमारे सामने नहीं आता। वैसे देखा जाये तो अनेक […]

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डॉ. जगदीशचंद्र बोस- भारतीय वनस्पति शास्त्रज्ञ

डॉ. जगदीशचंद्र बोस- भारतीय वनस्पति शास्त्रज्ञ

विज्ञान क्षेत्र के मौलिक संशोधन भारत में भी हो सकते हैं, यह भारतीय शास्त्रज्ञ डॉ. जगदीशचंद्र बोस ने इ.स.१८९५ में सारी दुनिया को दिखा दिया। सन १८८७ वर्ष में हाईनीश हर्टस नाम के जर्मन शास्त्रज्ञ ने विद्युत लहर के प्रकाशीय गुणधर्म सिद्ध कर दिखाया। ‘क्ष’ किरण की तरह हार्झियन लहर उस काल में बड़ा ही […]

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पर्सी स्पेंसर (१८९४-१९७०)

पर्सी स्पेंसर (१८९४-१९७०)

प्राची की बर्थ डे पार्टी में सब ने खूब धमाल की । कार्यक्रम के बाद प्राची ने पार्टी में आए हुए सभी से एक मिनट रुकने की विनति की। उस ने सब से एक ही सवाल पूछा- पार्टी का मेनू कैसा था? सभी ने एक सुर में जवाब दिया- अच्छा। मगर, यह सब कुछ किसी […]

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मायकेल फॅरेडे (१७९१-१८६७)

मायकेल फॅरेडे (१७९१-१८६७)

तकरीबन सन १८४० के आसपास की बात है। एक बार ब्रिटन की रानी व्हिक्टोरिया मायकेल फॅरेडे की प्रयोगशाला देखने गई। उस वक्त फॅरेडे वहां पर उपस्थित लोगों को एक संशोधित नियम के परिणामों के संदर्भ में जानकारी दे रहे थे। कुछ देर सुनने के बाद रानी ने अचानक पूछा, आपकी बात सच हो भी सकती […]

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राइट बंधु

राइट बंधु

बचपन में जब मैंने रामायण की कथा सुनी थी तब उन में से मुझे दो चीजों की जिज्ञासा थी। एक तो जटायु की कथा और दूसरे ‘पुष्पक’ विमान की। उस दौर में यह चीजें कैसी दिखती होंगी और कैसे उडती होंगी इस की मुझे हमेशा जिज्ञासा रहती थी। फिर जब मैंने आस्मान में बडे विमान […]

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जॉर्ज ईस्टमन (१८५४-१९३२)

जॉर्ज ईस्टमन (१८५४-१९३२)

क्या आप फोटो खींच सकते हैं? नहीं। क्या? तो आइए मैं आपको एक आसान तरीका बताता हूं। कांच का एक बडा चौरस टुकडा ले लीजिए और उसे धोकर उस पर आयोडाइड, ब्रोमाइड में से कोई संयुक्त लेप लगाइए। उस पर सिलवर नायट्रेट की परत चढाइए। और हां, एक महत्वपूर्ण बात तो रह ही गई। यह […]

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