नेताजी-२४

नेताजी-२४

आय.सी.एस. की पढ़ाई करने के लिए सुभाष को पहले ही बहुत थोड़ासा समय मिला था। इसलिए छुट्टी के दिनों के अलावा वह सामान्यतः कहीं बाहर जाकर लोगों से नहीं मिलता था। इस आय.सी.एस. की पढ़ाई का और कुल मिलाकर इंग्लैंड़ में किये हुए वास्तव्य का उपयोग सुभाष की ज्ञानसीमाओं का विस्तार होने में अवश्य हुआ। […]

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नेताजी-२३

नेताजी-२३

आय.सी.एस. की पढ़ाई के साथ साथ सुभाष बदलते सामाजिक सन्दर्भों का भी अध्ययन कर रहा था। ज़ाहिर है कि असामान्य बुद्धिमत्ता की देन के कारण तथा उसके मन एवं बुद्धि के द्वार हमेशा खुले रहने के कारण उसे इस कार्य के लिए कुछ ख़ास मशक्कत नहीं करनी पड़ती थी। आते जाते आसानी से दिखायी देनेवाली, […]

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नेताजी- २२

नेताजी- २२

ईश्वर हमारे जीवन में उचित ही करते हैं, ऐसा सुभाष का भरोसा रहने के कारण उसके जीवन में होनेवाली हर एक घटना में उसे एक चुनौती ऩजर आती थी। अत एव पिताजी को दिये हुए वचन के अनुसार वह आय.सी.एस. की पढ़ाई दिलोजान से कर रहा था। इतनी कि भूगोल इस विषय के लिए उसे […]

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नेताजी-२१

नेताजी-२१

हालाँकि सुभाष के मन में आय.सी.एस. की परीक्षा देने की इच्छा नहीं थी, मग़र फिर भी उसने इस मामले में अपने पिता के साथ झूठ नहीं बोला। वह तो इंग्लैंड़ जाने के बाद बिना पढ़ाई किये भी आय.सी.एस. परीक्षा दे सकता था और फेल होने के बाद, ‘वैसे तो यह परीक्षा काफी मुश्किल रहती है […]

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नेताजी-२०

नेताजी-२०

आसमान की बुलंदियों को छूने की चाह से इंग्लैंड़ आये सुभाष ने बड़ी उमंग और दृढ़निश्चय के साथ इंग्लैंड़ की भूमि पर कदम रखा| जिंदगी ने एक और नया मोड़ ले लिया था| मन में दृढ़निश्चय था, अँग्रे़ज छात्रों को भारतीयों की क़ाबिलियत दिखाने का; इच्छा थी, खुले वातावरण में बिना किसी तनाव के उच्च […]

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नेताजी-१९

नेताजी-१९

आय.सी.एस. की डिग्री प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड़ जाने का निर्णय लेते समय सुभाष के मन में निर्माण हुए वैचारिक आन्दोलन, भारतमाता से किसी भी परिस्थिति में प्रतारणा न करने के स्वयं के मन से किये हुए निर्णय से शान्त हो गये। साथ ही हेमन्त ने भी उसके विचारों का समर्थन करने के कारण उसके […]

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नेताजी-१८

नेताजी-१८

दुनिया पर हुकूमत करनेवाले अँग्रे़जों के सामर्थ्य को जानने के लिए इंग्लैंड़ जाने के उत्सुक सुभाष को आय.सी.एस. की परीक्षा देने की कल्पना से दूध में नमक की डली पड़ने जैसा हुआ। क्या किया जाये, यह उसकी समझ में नहीं आ रहा था। उसका जिगरी दोस्त हेमंत भी पास नहीं था। क्या अन्य किसी दोस्त […]

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नेताजी-१७

नेताजी-१७

जानकीबाबू से अनपेक्षित रूप से प्राप्त हुई इस सूचना के कारण सुभाष हक्काबक्का रह गया| दरअसल उस जमाने में आय.सी.एस. को भारत में रहनेवाली सर्वोच्च प्रतिष्ठा को देखते हुए वह प्रलोभन ही काफ़ी था| साथ ही, पिछले वर्ष ही आय.सी.एस. के लिए इंग्लैंड़ गये अपने कुछ सहपाठियों के उदाहरण भी सुभाष के सामने थे कि […]

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नेताजी-१६

नेताजी-१६

बी.ए. की परीक्षा में प्राप्त हुए उज्ज्वल यश के कारण सुभाष पर लगा असफलता का धब्बा पूरी तरह मिट चुका था| अब बुरे दिन ख़त्म हो चुके थे| नयी उमंग के साथ उसने एम.ए. में ऍडमिशन लिया था| ‘एक्स्परिमेंटल सायकॉलॉजी’ इस विषय में एम.ए. करने का ध्येय उसने निश्चित किया था| ऊपरि तौर पर देखा […]

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नेताजी – १५

नेताजी – १५

सन १९१९ के मार्च महीने में सुभाष ने बी.ए. की परीक्षा दी। कॉलेज के इस आख़री साल में अपनी क़ाबिलियत को साबित करने के लिए उसने सच्चे दिल से मेहनत की थी। उसकी कुछ भी ग़लती न होने के बावजूद भी प्रेसिडेन्सी कॉलेज में से अपमानित होकर निकाल बाहर कर दिये जाने की चुभन भी […]

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