नेताजी-५४

नेताजी-५४

दासबाबू के निधन के कारण सुभाषबाबू के जीवन में, जिसे कभी भी भरा नहीं जा सकता ऐसा अवकाश उत्पन्न हुआ और निराशा ने उन्हें घेर लिया। दासबाबू के अन्तिम समय में मैं उनके साथ नहीं था, इस बात की और मुख्य रूप से माँ – वासंतीदेवी पर हुए इस वज्राघात के वक़्त उन्हें सहारा देने […]

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नेताजी-५३

नेताजी-५३

अँग्रे़जी हुकूमत की दृष्टि से ‘भारत के सबसे ख़तरनाक इन्सान’ माने गये सुभाषबाबू को अँग्रे़ज सरकार ने कपटपूर्वक अध्यादेश के जाल में फाँसकर, तड़ीपार कर ठेंठ मंडाले की जेल में रख दिया। उस नरकसदृश जेल में सुभाषबाबू के दिनक्रम की शुरुआत हुई। कुछ ही दिनों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रहनेवाली वहाँ की जलवायु के […]

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नेताजी-५२

नेताजी-५२

सुभाषबाबू के मार्ग में अड़ंगा डालने के लिए गव्हर्नर ने जल्दबा़जी करके जिस अध्यादेश को पारित कराया था, उसीके साथ ख़ास बंगाल के लिए एक अन्य अध्यादेश भी जारी करवाया था। उसके अनुसार सरकार के लिए किसी को भी बिना पूछताछ के, पाँच साल तक जेल में रखना मुमक़िन था। यह जहरीला ‘बंगाल क्रिमिनल लॉ […]

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नेताजी-५१

नेताजी-५१

जिस तरह मुग़लों को जल में भी सन्ताजी-धनाजी दिखायी देते थे, उसी तरह बंगाल के गव्हर्नर लॉर्ड लिटन को भी सब जगह दिनरात सुभाषबाबू ही दिखायी दे रहे थे और कुछ भी करके उनको रास्ते से हटाये बिना गव्हर्नर को चैन मिलनेवाला नहीं था। क़ानून का सीधा सीधा सहारा ले न सकने के कारण उसने […]

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नेताजी – ५०

नेताजी – ५०

कोलकाता म्युनिसिपालिटी के सीईओ के तौर पर शहर में घूमते हुए सुभाषबाबू की मुलाक़ात एक पुरानी पहचान के क्रान्तिकारी की वृद्ध पत्नी से हुई और उनकी दयनीय सांपत्तिक स्थिति को देखकर सुभाषबाबू का दिल दहल गया। इस घटना से सुभाषबाबू के मन में इस समस्या को हल करने के लिए विचारचक्र शुरू हो गया। देशसेवा […]

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नेताजी – ४९

नेताजी – ४९

कोलकाता की जनता को म्युनिसिपालिटी के इन ‘मुख्य कार्यकारी अधिकारी’ (चीफ एक्झिक्युटिव्ह ऑफिसर – सीईओ) के प्रति आत्मीयता लगने लगी; वहीं, गोरे अँग्रे़ज अफ़सरों की आँखों में वे उतने ही चुभने लगे। शुरू शुरू में इस नौजवान अफ़सर को अपने चँगुल में फँसाना आसान है, इस भ्रम में वे गोरे अफ़सर थे। कई बार सुभाषबाबू […]

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नेताजी – ४८

नेताजी – ४८

काफी टालमटोल करने के बाद गव्हर्नर ने सुभाषबाबू की नियुक्ति की सिफारिश को मंज़ूरी दे दी और १४ अप्रैल १९२४ को सुभाषबाबू ने कोलकाता म्युनिसिपालिटी के ‘मुख्य कार्यकारी अधिकारी’ के रूप में पदभार सँभाला। उससे पहले उन्होंने संपादकपद तथा बंगाल प्रांतीय काँग्रेस की कार्यकारिणी से भी इस्तीफ़ा दे दिया और स्वयंसेवक दल के प्रमुख पद […]

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नेताजी – ४७

नेताजी – ४७

असेंब्ली के चुनाव में मिली काफी कामयाबी से हौसला बढ़कर दासबाबू के स्वराज्य पक्ष ने स्थानिक स्वराज्य संस्था के यानि कि म्युनिसिपालिटी के चुनाव में भी उत्साह के साथ हिस्सा लिया। सबसे प्रतिष्ठा की मानी जानेवाली कोलकाता की म्युनिसिपालिटी पर स्वराज्य पक्ष का झंडा लहराने के लिए दासबाबू और सुभाषबाबू ने जी जान से मेहनत […]

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नेताजी – ४६

नेताजी – ४६

  गाँधीजी के जेल में रहते हुए भी बहुमत में रहनेवाले उनके अनुयायियों के बलबूते पर, उस समय के काँग्रेस के अध्यक्ष रहनेवाले दासबाबू का असेंब्ली-प्रवेश का प्रस्ताव परास्त हुआ था। अत एव अब अध्यक्षपद पर बने रहना दासबाबू को उचित नहीं लग रहा था और इसीलिए उन्होंने अध्यक्षपद से इस्तीफ़ा दे दिया और १ […]

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नेताजी – ४५

नेताजी – ४५

  चौरीचौरा में असहकार आन्दोलन ने हिंसक मोड़ ले लेने के कारण गाँधीजी व्यथित हुए और उन्होंने उस घटना के प्रायश्चित्त के रूप में सम्पूर्ण आन्दोलन को ही बिनाशर्त स्थगित कर दिया। लेकिन गाँधीजी के इस फैसले से देशभर में उनके खिलाफ नारा़जगी की भावना उत्पन्न हो गयी। असहकार आन्दोलन में गाँधीजी के एक शब्द […]

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