परमहंस-५६

परमहंस-५६

भैरवी दक्षिणेश्‍वर आकर अब तीन साल बीत चुके थे। इस कालावधि में रामकृष्णजी ने उसके मार्गदर्शन में कई तांत्रिक साधनाएँ संपन्न की थीं। भैरवी ने रामकृष्णजी को भले ही इन साधनाओं के सिलसिले में मार्गदर्शन किया था, मग़र फिर भी इस साधना के प्रवास में भैरवी ही उनसे अनजाने में बहुत कुछ सीख गयी थी। […]

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परमहंस-५५

परमहंस-५५

भैरवी के मार्गदर्शन में रामकृष्णजी की तांत्रिक साधना शुरू थी; लेकिन रामकृष्णजी अपने संपर्क में आनेवाले हर एक से कुछ न कुछ ग्राह्य बातें सीख ही रहे थे, फिर चाहे वह कोई शास्त्रीपंडित हों या दक्षिणेश्‍वर में ठहरा कोई साधुबैरागी। ऐसी कोई बात सीखते हुए, जिस प्रकार कोई नन्हा बालक कोई नयी बात सीखते समय […]

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परमहंस-५४

परमहंस-५४

रामकृष्ण की ख्याति अब दूर दूर तक फैली जा रही थी और दूरदराज़ से लोग उन्हें मिलने आने लगे थे। जिस तरह अपनी समस्याओं का निराकरण होने की आशा से लोग उनके पास आते थे, उसी तरह उनसे आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए मुमुक्षु लोग भी उनके पास चले आते थे। कई लोग तो […]

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परमहंस-५३

परमहंस-५३

भैरवी के मार्गदर्शन में चल रहीं रामकृष्णजी की उपासनाओं के दौरान उन्हें कई ईश्‍वरीय अनुभव हुए। इनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण था, उनकी कुंडलिनी जागृत हो रही होने का अनुभव। ‘इस कालावधि में जब कोई भी मेरे साथ किसी भौतिक या व्यावहारिक बात पर बोलने की कोशिश करता, तब मेरा सिर इस कदर दर्द करता था […]

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परमहंस-५२

परमहंस-५२

इस प्रकार, रामकृष्णजी की परीक्षा करने आये दोनों ख्यातनाम प्रकांडपंडित उल्टे उनके चरणों में लीन होकर उनके भक्त बन गये थे। यहाँ तक कि अब – ‘रामकृष्णजी कौन हैं’ यह शास्त्रार्थों में से संदर्भ प्रस्तुत कर साबित करने के लिए कई बार उन दोनों में मज़ेदार प्रतिस्पर्धा शुरू होती थी। उदाहरण के तौर पर, एक […]

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परमहंस – ५१

परमहंस – ५१

‘मेरी राय में रामकृष्णजी ईश्‍वरीय अवतार ही हैं और इस विषय में मैं किसी भी प्रकांडपंडित से चर्चा-वादविवाद (बहस) करने के लिए तैयार हूँ’ इस भैरवी द्वारा किये गये प्रतिपादन की ख़बर अल्पअवधि में ही दक्षिणेश्‍वर कालीमंदिर में फैल गयी। रामकृष्णजी के असाधारण आचरण के कारण उन्हें पागल क़रार देनेवाले लोगों को आश्‍चर्य का झटका […]

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परमहंस – ५०

परमहंस – ५०

भैरवी के मार्गदर्शन में रामकृष्णजी का अगला आध्यात्मिक प्रवास शुरू हुआ। रामकृष्णजी के रूप में ईश्‍वर ही अवतरित हुए हैं, इस भैरवी की धारणा को अधिक से अधिक मज़बूत बनानेवालीं कई बातें रामकृष्णजी के सन्दर्भ में घटित हो रही थीं। एक बार बातें करते करते रामकृष्णजी ने उसे कहा कि ‘एक बार उन्हें सपना आया। […]

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परमहंस – ४९

परमहंस – ४९

रामकृष्णजी ने दूर से ही देखकर गंगातट पर से अपने पास जिसे ले आने के लिए कहा, उस तेजःपुंज स्त्री का नामाभिधान ‘भैरवी’ है, इस बात का पता हृदय को कुछ ही देर में चला था। यह स्त्री शक्ति उपासना एवं तांत्रिक उपासना मार्ग की अधिकारी स्त्री है और एक ईश्‍वरीय योजना के अनुसार मेरे […]

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परमहंस – ४८

परमहंस – ४८

राणी राशमणि की मृत्यु के साथ दक्षिणेश्‍वर कालीमंदिर का एक महत्त्वपूर्ण पर्व समाप्त हो गया था। लेकिन समय किसी के लिए भी रुकता नहीं है, यही सच है। धीरे धीरे मंदिर की सारी गतिविधियाँ पुनः पूर्ववत शुरू हुईं। रामकृष्णजी भी अपने उपासनामार्ग पर तेज़ी से मार्गक्रमणा कर ही रहे थे। लेकिन अब इस मार्ग पर […]

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परमहंस-४७

परमहंस-४७

मथुरबाबू को रामकृष्णजी में भगवान शिव के एवं साक्षात् कालीमाता के दर्शन हुए, यह ख़बर राणी राशमणि तक पहुँची और उसके मन में रामकृष्णजी के प्रति रहनेवाली सम्मान की भावना कई गुना बढ़ गयी। रामकृष्णजी के वापस आने से, मंदिर की खोयी हुई चेतना फिर से लौटी है ऐसा उसे लग रहा था। फिर भी […]

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