जम्मू भाग-१

जम्मू भाग-१

श्रावण महिने में संपूर्ण सृष्टि में एक नवचेतना ही आ जाती है। समूची सृष्टि हरे रंग का लिबास पहनकर सज जाती है। श्रावण मास में भारतभर में विभिन्न प्रकार के व्रत किये जाते हैं, कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक। भारतीयों की दृष्टि से हिमालय हमेशा ही पवित्र एवं पूजनीय रहा है। पवित्रता का स्रोत रहनेवाले […]

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मंगळूर भाग-७

मंगळूर भाग-७

‘यक्षगान’ के दर्शक की भूमिका में बैठे हुए हम ‘यक्षगान’ के अब तक के सफ़र में बिलकुल मग्न से हो गये। है ना! चलिए, तो फिर दर्शक की भूमिका में ही रहकर ‘यक्षगान’ का अगला सफ़र करते हैं। समय के विभिन्न पड़ावों पर इस मानवीय सृष्टि में तरह तरह के परिवर्तन होते रहते हैं और […]

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मंगळूर भाग-६

मंगळूर भाग-६

मंगळूर शहर की संस्कृति के एक अनोखे पहलू को आज हम देखने जा रहे हैं। लेकिन, दूर से कुछ आवाज़ें सुनायी दे रही हैं। चलिए, तो पहले उनके बारे में जानने के लिए उस ओर रुख करते हैं। अरे यहाँ पर तो किसी नाटक के प्रस्तुतीकरण की तैयारियाँ चल रही हैं। हम भी यहाँ के […]

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मंगळूर भाग-५

मंगळूर भाग-५

क्षितिज तक फैला हुआ गहरा नीला जल, दिनभर धूप में चमचमानेवाला, वहीं रात को चाँद-सितारों के साथ बड़े आराम से गपशप करनेवाला जल। मंगळूर के समुद्री तट पर खड़े रहने पर आप यक़ीनन ही यह नज़ारा देख सकते हैं। दूर दूर तक फैली हुई मुलायम रेत का किनारा मंगळूर और उसके आसपास के इला़के में […]

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मंगळूर भाग-४

मंगळूर भाग-४

नवरात्रि के नौ दिनों में ‘मंगलादेवी’ मन्दिर की शोभा अवर्णनीय रहती है। नवरात्रि के नौवें दिन, जिसे ‘महानवमी’ भी कहा जाता है, उस दिन मंगलादेवी की मूर्ति की शोभायात्रा निकाली जाती है और वह भी सजाये गये रथ में से। यहाँ पर इसे ‘रथोत्सव’ कहा जाता है। मंगलादेवी को गहनों से सजाकर इस सुशोभित रथ […]

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मंगळूर भाग-३

मंगळूर भाग-३

मंगळूर शहर का इतिहास रामायणकाल से भी जुड़ा है, यह हम गत लेख में देख ही चुके हैं। अब उसके बाद क्या हुआ इसे देखते हैं। रामायणकाल के बाद महाभारतकाल में पाँच पांडवों में से सहदेव ने इस प्रदेश पर राज किया था, यह बात भी गत लेख में हम जान ही चुके हैं। पुराणकथाओं […]

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मंगळूर भाग-२

मंगळूर भाग-२

आदिम जमाने का मनुष्य जैसे जैसे विकास करने लगा, उसी के साथ साथ सुरक्षा की दृष्टी से यानि कि धूप, तेज, हवा, बरसात, ठंड और तरह तरह के खूँख़ार जानवरों से बचने के लिए उसने घर बनाकर उसमें रहना शुरु किया। चार दीवारें और ऊपर छत स्वरूप के उसके घर में फिर वक्त के साथ […]

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मंगळूर भाग-१

मंगळूर भाग-१

जून का महीना आ भी गया। हमारे भारत में जून के आ जाते ही दक्षिण से लेकर उत्तर तक सभी राह देखते हैं, बरसात की, मानसून की। पहले दक्षिण में कदम रखनेवाले मानसून के उत्तर भारत तक पहुँचने में हालाँकि कुछ दिन तो अवश्य लग ही जाते हैं, मग़र तब भी सारे भारतवासी मानसून की […]

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कांगड़ा भाग-८

कांगड़ा भाग-८

हिमाचल की ज़मीन पर कदम रखनेवाले हर इन्सान का मन यहाँ की कुदरती सुन्दरता मोह ही लेती है। जहाँ देखे वहाँ रंगो की बहार। नीले आसमान के तले, सफ़ेद बर्फ़ का ताज पहने हुए पर्वत और हर पर्वत का अपना एक अलग रंग, पर्वतों के चारों ओर फैला हुआ हरा रंग और उस हरे रंग […]

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कांगड़ा भाग-७

कांगड़ा भाग-७

कांगड़ा की संस्कृति एवं कला पर एक नज़र डालने की बात हम गत लेख के अन्त में ही तय कर चुके हैं, लेकिन पहले कांगड़ा के दो महत्त्वपूर्ण मंदिरों के दर्शन करके फिर उस सफ़र पर चलते हैं। कांगड़ा के इला़के के अन्य दो महत्त्वपूर्ण मंदिर हैं – ‘बैजनाथ मंदिर’ और ‘चामुण्डा देवी का मंदिर’। […]

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