आगरतला भाग – १

आगरतला भाग – १

उत्तर में हिमालय और दक्षिण में सागर को साथ लेकर बसा हुआ हमारा भारतवर्ष! हमारे भारतवर्ष में इतनी विविधता है कि उसे देखकर हम दंग रह जाते हैं। वैसे तो दक्षिणी तथा उत्तरी राज्यों से हम थोड़ेबहुत तो परिचित रहते ही हैं, लेकिन देश के एक कोने में यानि कि ईशान्य दिशा में बसे राज्यों […]

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कोड़ाईकनाल भाग – २

कोड़ाईकनाल भाग – २

गरमी और बीमारी इन दोनों से राहत दिलानेवाला स्थान, कोड़ाईकनाल के रूप में अमरीकी मिशनरी और अंग्रे़जों को मिल गया। १९वी सदी में प्रकाशित हुए इस हिल स्टेशन तक आराम से पहुँचने के लिए २०वी सदी तक इन्त़जार करना पड़ा। इसवी १९१६ में आम लोगों के लिए खुले किये गये मोटरेबल रोड़ द्वारा लोग अपने […]

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कोडाईकनाल भाग – १

कोडाईकनाल भाग – १

वैशाख महीने की गर्मियों ने सबके नाक में दम कर रखा है। इस चढ़ते हुए पारे से छुटकारा पाने के लिए हर कोई अपनी अपनी तरक़ीबें अपना ही रहा है। ऐसे समय केवल दो ही शब्द याद आते हैं – हिल स्टेशन। कुछ समय के लिए ही सही, हिल स्टेशन जानेवालों को इस ते़ज गर्मी […]

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गंगटोक भाग – २

गंगटोक भाग – २

इस गंगटोक शहर में सालभर रंगों के उत्सव का माहौल रहता ही है। कई रंगों के र्‍होडोडेंड्रॉन्स, अनगिनत ऑर्कीडस्, ऊँचाई पर खिलनेवाले प्रिम्युला के फ़ूल; एक या दो नहीं, तो ऐसे बीसों नाम लेने पड़ेंगे। केवल गंगटोक में ही नहीं, बल्कि पूरे सिक्कीम राज्य में ऊपर उल्लेखित तीन फ़ूल तो दिखायी देते ही हैं। केवल […]

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गंगटोक भाग – १

गंगटोक भाग – १

कड़ाके की धूप के कारण जब बेचैनी बढ़ने लगती है और लगातार पसीना बहने लगता है, तब इससे छुटकारा पाने के लिए हर किसी के मन में यह इच्छा तीव्रता से उत्पन्न होती है कि कुछ दिनों के लिए ही सही, लेकिन किसी ऊँचे पहाड़ पर या जहाँ बरफ से ढँके पर्वत हों, ऐसी किसी […]

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नासिक भाग – ४

नासिक भाग – ४

प्रभु श्रीरामचन्द्रजी के चरणस्पर्श से और परमात्मत्रयी के निवास से नासिक की यह भूमि पावन हुई है। नासिक की यह भूमि जितनी पावन है, उतनी ही वह सुजलाम् सुफलाम् भी है। नासिक की इस उपजाऊ मिट्टी में ऊगनेवाली प्रमुख फसल है, अँगूर की। नासिक का नाम लेते ही अँगूर की याद आती है, इतना नासिक […]

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नासिक भाग – ३

नासिक भाग – ३

ब्रह्मगिरि पर उद्गमित गोदावरी जब नासिक शहर में प्रवेश करती है, तब उसके दक्षिणी तट पर बसे स्थान को ‘नासिक’ इस नाम से जाना जाता है; वहीं उत्तरी तट पर बसे स्थान को ‘पंचवटी’ इस नाम से जाना जाता है। प्रभु रामचन्द्रजी के वास्तव्य से यह स्थान पावन हुआ ही है, साथ ही ऐसा भी […]

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नासिक भाग – २

नासिक भाग – २

त्र्यंबकेश्वर से कुछ ही दूरी पर स्थित ‘ब्रह्मगिरि’ पर्वत में उद्गमित गोदावरी नदी जब नासिक में प्रवेश करती है, तब पूरे नासिक शहर को ही वह एक पुण्यभूमि, तीर्थक्षेत्र, मुक्तिक्षेत्र बनाती है। गोदावरी के उद्गमस्थल पर ही भगवान शिव ‘त्र्यंबकेश्वर’ इस रूप में विराजमान हैं; वहीं, नासिक में इसके दोनों किनारों पर कई छोटे-बड़े मन्दिर […]

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नासिक भाग – १

नासिक भाग – १

रामायण कई ह़जार वर्ष पूर्व इस भारतभूमि पर घटित हुआ। सदियाँ बीत गयीं, मग़र फ़िर भी जनमानस पर आज भी रामायण की मोहिनी क़ायम है। मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम, आनंदिनीस्वरूप उनकी शक्ति – पत्नी सीतामाई और उनके बन्धु लक्ष्मण इन तीनों के प्रति आज भी भारतवासियों के मन में अपरम्पार प्रेम तथा अत्यधिक पूज्य भाव है। दरअसल […]

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मदुराई भाग – ३

मदुराई भाग – ३

लगभग १५ वर्ष पूर्व जब मदुराई जाने का अवसर प्राप्त हुआ था, तब मदुराई शहर में प्रवेश करते ही दिखायी दिये थे, बड़े बड़े कटआऊट्स। फिर मदुराई के भीतर प्रवेश करने के बाद यह समझ में आया कि भव्यता और मदुराई, सुन्दरता और मदुराई इनका रिश्ता बहुत ही पुराना है। इस भव्यता और सुन्दरता का […]

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