बजट ने दीर्घकालीन विकास की नींव बनाई है – केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन

नई दिल्ली – रेल्वे, सड़कों के निर्माण के लिए आवश्यक पूंजी व्यय को सन २०२१-२२ के बजट में लगभग ३४.४ प्रतिशत से बढ़ाया गया है। विकास के लिए होने वाली पूंजीगत व्यय में इतने बड़े पैमाने पर वृद्धि करके इस बजट में देश के विकास की नींव बनाई गई है, ऐसा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है। केंद्रीय बजट पर की चर्चा का उत्तर देते हुए सीतारामन ने यह भरोसा व्यक्त किया।

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लोकसभा में बजट विषयक चर्चा में बात करते समय उपस्थित किए गए सवाल और संदेह इनका केंद्रीय वित्त मंत्री ने जवाब दिया। कोरोना की महामारी होने पर भी केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधारों के कार्यक्रम पर उतने ही जोर से अमल किया । इस बजट में उसका प्रतिबिंब दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य विषयक सुविधाओं का निर्माण और विकास, कृषि क्षेत्र के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास, इनके लिए किए गए ठोस आर्थिक प्रावधानों के सुपरिणाम अर्थव्यवस्था पर होंगे, ऐसा सीतारामन में स्पष्ट किया।

रेल्वे और सड़कों के निर्माण और सुरक्षा के लिए किए गए पूंजीगत व्यय की मात्रा ३४.५ प्रतिशत से बढ़ाई गई है, इस पर वित्त मंत्री ने गौर फरमाया। दीर्घकालीन विकास की नींव ही इस प्रावधान के द्वारा सरकार ने बनाई है। इससे देश की अर्थव्यवस्था तेज़ी से प्रगति करेगी और अगले कुछ दशकों में भारत की गिनती दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में होंगी, ऐसा सीतारामन ने कहा है।

सरकार ने कोरोना की महामारी का हैंडलिंग बहुत ही सफलतापूर्वक किया। भारत में इस महामारी की मृत्यु दर अन्य देशों की तुलना में बहुत ही कम है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को पहले जैसा बनाना आसान हुआ होकर, अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है यह बात स्पष्ट हुई है, यह बताकर सीतारामन ने उस पर संतोष जाहिर किया। इसी बीच, कोरोना की महामारी से बाहर निकल रहे भारत की अर्थव्यवस्था अब ‘व्ही शेप रिकव्हरी’ अर्थात उछाल के साथ उभरने की तैयारी में होने का विश्वास उद्योग क्षेत्र द्वारा जताया जा रहा है। आन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी, आने वाले दौर में भारत ११.५ प्रतिशत इतनी विकास दर से प्रगति करेगी, ऐसा निष्कर्ष दर्ज किया है।

पिछले २ महीनों में देश में जीएसटी राजस्व रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा होकर, अर्थव्यवस्था पहले जैसी हो रही होने के संकेत इसके मिलने के दावे किए जाते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के इस प्रदर्शन की गूँजें दुनिया भर में सुनाई दे रही हैं। कोरोना की महामारी होने के बावजूद भी भारत में ठेंठ विदेशी निवेश में भारी मात्रा में बढ़ोतरी हुई थी। नज़दीकी दौर में भारत में अधिक बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश का प्रवाह जारी रहेगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

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