ब्रेक्ज़िट की पृष्ठभूमि पर फ्रान्स तथा अन्य युरोपिय देशों के जहाज़ रोकने के लिए ब्रिटन द्वारा इंग्लिश चैनल में चार युद्धपोत तैनात

लंदन – ब्रिटन और युरोपिय महासंघ के बीच हालाँकि ‘ब्रेक्ज़िट डील’ वर हस्ताक्षर हुए हैं, फिर भी दोनों पक्षों में तनाव अगले कुछ समय तक क़ायम रहने के संकेत मिल रहे हैं। ख़ासकर दोनों पक्षों में तनाव निर्माण करनेवाले मुद्दों पर टकराव की संभावना होकर, ब्रिटन ने उसके लिए आक्रामक कदम उठाने शुरू किये हैं। ब्रिटन की सागरी सीमा में फ्रेंच ट्रॉलर्स और अन्य युरोपिय देशों के पोत घुसपैंठ ना करें, इसलिए चार युद्धपोत तैनात किये गए हैं।

brexit-france-europeगुरुवार ३१ दिसम्बर की मध्यरात्रि से पहले ब्रेक्ज़िट समझौते पर अमल करने की शुरुआत हुई है। शुरू के २४ घंटों में ब्रिटन एवं फ्रान्स को जोड़नेवाली सीमाजाँच चौकियों पर कोई भी अनुचित प्रकार होने की ख़बर सामने नहीं आयी है। फिलहाल ब्रिटन समेत कई युरोपिय देशों में कोरोना की पृष्ठभूमि पर निर्बंध लागू हैं। ये निर्बंधों तथा नये साल कीं छुट्टियाँ ख़त्म होने के बाद दैनंदिन व्यवहार तेज़ी से शुरू होने के बाद संभ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है, ऐसा माना जा रहा है। इसके लिए ब्रिटन ने अतिरिक्त सुरक्षाव्यवस्था तैनात करनी शुरू की है।

ब्रिटन और युरोपिय महासंघ में पिछले साल हुईं चर्चाओं में तीन मुद्दें बहुत ही संवेदनशील माने गये थे। उनमें ब्रिटन के सागरी क्षेत्र में ‘मच्छिमारी का अधिकार’ यह मुद्दा सर्वाधिक तनावपूर्ण साबित हुआ था। ब्रिटीश मच्छिमार और राजकीय गुटों ने यह भूमिका अपनायी थी कि युरोपिय देशों के मच्छिमारी पोतों को प्रवेश ना दें। उसी समय महासंघ का प्रमुख सदस्य होनेवाले फ्रान्स ने यह मुद्दा प्रतिष्ठा का बनाया था। ब्रिटन की सागरी सीमा में मच्छिमारी का हक़ और हिस्सा फ्रान्स छोड़ेगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन ने कहा था। इसके बारे में यदि अपेक्षित निर्णय नहीं हुआ, तो ब्रेक्ज़िट का समझौता नहीं होने दिया जायेगा, ऐसा भी धमकाया गया था।

लेकिन ब्रिटन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने यह डटकर कहा था कि किसी भी हालत में सन २०२१ से ब्रिटन की सागरी सीमा में चल रही मच्छिमारी पर ब्रिटन का नियंत्रण रहेगा। ब्रिटन की सागरी सीमा में यदि घुसपैंठ की कोशिश हुई, तो ब्रिटीश नौदल उसका क़रारा जवाब देगा, यह चेतावनी भी जॉन्सन ने दी थी। ब्रेक्ज़िट के मामले में हुए समझौते में ब्रिटन ने हालाँकि फ्रान्स समेत अन्य देशों के पोतों को अपनी सागरी सीमा में आने की अनुमति दी है, फिर भी उसपर कुछ मात्रा में निर्बंध भी लगाये हैं। महासंघ ने हालाँकि उसे मान्यता दी है, फिर भी फ्रान्स द्वारा आक्रामक बयान किये जा रहे होने के कारण ब्रिटन ने युद्धपोत तैनात किये दिखायी दे रहे हैं।

ब्रिटन ने इंग्लिश चैनल की सीमा में चार युद्धपोत तैनात किये होकर, उनमें ‘एचएमएस ट्रेंट’, ‘एचएमएस टॅमर’, ‘एचएमएस टिन’ और ‘एचएमएस मर्सी’ का समावेश है। इनके अलावा ‘एचएमएस सेव्हर्न’ यह युद्धपोत पहले से ही अभ्यास के लिए इंग्लिश चैनल में होने के कारण तैनात युद्धपोतों की संख्या पाँच हुई है। इन युद्धपोतों के साथ ही, निगरानी के लिए हेलिकॉप्टर्स भी तैनात होने की बात बतायी जाती है। ब्रिटन के रक्षा विभाग समेत पूर्व अधिकारियों ने भी इस तैनाती का समर्थन किया है।

‘ब्रिटन ने तैनात किये युद्धपोत, यह प्रतिबंधात्मक कार्रवाई है। ब्रिटीश युद्धपोत विदेशी पोतों के ख़िलाफ़ संघर्ष करने के लिए नहीं भेजे गये हैं। हमारी सागरी सीमा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी हमारी ही है, यह संदेश ब्रिटन द्वारा दिया जा रहा है’, ऐसा पूर्व नौसेनाप्रमुख लॉर्ड ऍलन वेस्ट ने स्पष्ट किया।

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