ब्रिटेन हमास को आतंकी संगठन घोषित करेगा – इस्रायल ने किया स्वागत और हमास ने जताया गुस्सा

लंदन/जेरूसलम – गाज़ापट्टी की हमास सीरफिरी, जहाल, ज्यू द्वेषी संगठन है और जल्द ही इसका समावेश आतंकी संगठनों में किया जाएगा, ऐसा ऐलान ब्रिटेन की अंदरुनि सुरक्षामंत्री प्रिती पटेल ने किया| इस वजह से आनेवाले दिनों में ब्रिटेन में हमास का झंड़ा फहराने पर एवं सभा का आयोजन करनेवालों के साथ हमास के लिए निधि इकठ्ठा करनेवालों पर कार्रवाई की जाएगी| यह निर्णय अहम होने का बयान करके इस्रायल ने इसका स्वागत किया है| तो, हमास ने इस निर्णय पर गुस्सा व्यक्त किया है और यह मॉंग भी की है कि, ब्रिटेन ने पहले की हुई गलतियों की माफी मॉंगे|

आतंकी संगठनमुस्लिम ब्रदरहुड की गाज़ापट्टी में स्थित शाखा और ईरान समर्थक जहाल संगठन, यह हमास की पहचान है| वर्ष १९८७ में स्थापित होने के साथ ही हमास ने इस्रायल के विनाश के नारे लगेए हैं| हमास को इस्रायल का अस्तित्व मंजूर नहीं है| इसलिए इस्रायल के साथ कोई भी बातचीत या समझौता मुमकिन ना होने की बात हमास करता है| सशस्त्र संघर्ष शुरू करके इस्रायल को खत्म किए बगैर पूरे पैलेस्टिन का क्षेत्र पाया नहीं जा सकता, ऐसी हमास की भूमिका है|

हमास के सैन्य गुट के तौर पर पहचाने जानेवाले ‘इज़ अल-दीन अल-कासम ब्रिगेड’ या ‘अल-कासम ब्रिगेड’ संगठन इस्रायल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष का ज़िम्मा संभाल रहा है| अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने हमास की राजनीतिक एवं अल कासम ब्रिगेड नामक सशस्त्र संगठन को आतंकी घोषित किया था| तो, ब्रिटेन ने सिर्फ अल कासम ब्रिगेड को आतंकी संगठन घोषित करके हमास को आज तक राजनीतिक दल के तौर पर मंजूरी प्रदान की थी|

आतंकी संगठनलेकिन, प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने ब्रिटेन की सत्ता संभालने के बाद इस विषय पर ब्रिटेन की भूमिका में बदलाव किया गया है| हमास को आतंकी संगठन घोषित करके उस पर पाबंदी लागने का निर्णय भी जॉन्सन सरकार की आक्रामक भूमिका का हिस्सा माना जाता है| ब्रिटेन के शीर्ष अखबार ने हमास पर पाबंदी लगाने की खबर प्रसिद्ध की है| ब्रिटेन की अंदरुनि सुरक्षामंत्री प्रिती पटेल से इस विषय पर सवाल किया गया तब उन्होंने इस खबर की पुष्टी की| साथ ही अगले हफ्ते इसका अधिकृत ऐलान किया जाएगा, यह भी पटेल ने कहा|

‘इस्रायल के विनाश के नारे लगा रहा हमास के राजनीतिक और सैन्य संगठन में फरक नहीं किया जा सकता| इस्रायल के द्वेष से भरी हमास असल में सीरफिरा, चरमपंथी सशस्त्र संगठन है, ऐसी आलोचना पटेल ने की| इस वजह से ब्रिटेन में मौजूद हमास के समर्थकों पर कार्रवाई तीव्र हो सकती है| हमास के लिए निधि इकठ्ठा करनेवालों को कम से कम १४ वर्ष की जेल हो सकती है| साथ ही हमास के झंड़े उठानेवालों को और इसके लिए सभा का आयोजन करनेवालों की गिरफ्तारी भी हो सकती है|

हमास ने अपनी वेबसाईट के माध्यम से ब्रिटेन के इस निर्णय पर गुस्सा व्यक्त किया है| ‘इतिहास में की हुई गलतियों की मॉंफी मॉंगने के बजाए और गलतियां सुधारने के बजाय ब्रिटेन पैलेस्टिनियों पर अत्याचार करनेवालों का समर्थन कर रहा है’, ऐसी आलोचना हमास ने की| साथ ही इस्रायल की आक्रामकता को सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से जवाब देना, पैलेस्टिनियों का अधिकार होने का बयान करके हमास ने इस्रायल विरोधी संघर्ष जारी रखने की बात स्पष्ट की| साथ ही ब्रिटेन में मौजूद अपने समर्थक इस निर्णय का जोरदार विरोध करें, यह आवाहन भी हमास ने किया है|

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