… तो ‘ब्रेक्झिट’ युरोपीय महासंघ को गड्ढ़े में धकेलेगी : जर्मनी के व्हाईस चॅन्सेलर की चेतावनी

बर्लिन, दि. २९ (वृत्तसंस्था) – ‘ब्रेक्झिट’ के मसले पर अगर ग़लत तरीक़े से छेड़छाड़ की गयी, तो युरोप के अन्य देश भी ब्रिटन का मार्ग अपनायेंगे और ‘ब्रेक्झिट’ यह महासंघ को गड्ढे में धकेलनेवाली घटना साबित होगी, ऐसी चेतावनी जर्मनी के व्हाईस चॅन्सेलर द्वारा दी गयी है| ब्रिटन द्वारा अभी तक ‘ब्रेक्झिट’ के लिए ज़रूरी क़ानूनी कार्रवाई शुरू नहीं की है, लेकिन ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे द्वारा, बिना संसद की सहायता के ही यह प्रक्रिया आगे चलाने की तैयारी शुरू की गयी है| इसी समय ब्रिटन में ‘ओपन ब्रिटन’ नामक गुट की स्थापना हुई है| यह स्थानांतरण के मामले में ब्रिटन पीछे ना हटें, इसलिए दबाव बनाये रखने के लिए की गयी कोशिश बतायी जा रही है|

Sigmar Gabriel- युरोपीय महासंघ

‘ब्रेक्झिट यक़ीनन ही एक बुरी घटना है| लेकिन कई लोगों ने डर पैदा किया है कि इस वजह से युरोप को आर्थिक क्षेत्र में बुरा झटका लगेगा| वैसा होने की संभावना नहीं है| ब्रेक्झिट की वजह से निर्माण होनेवाली असली समस्या मनोवैज्ञानिक स्तर पर है| उसी समय, राजनीतिक स्तर पर ब्रेक्झिट एक बडा संकट है|’ ऐसे कहते हुए जर्मनी के व्हाईस चॅन्सेलर सिग्मार गॅब्रिएल ने ‘ब्रेक्झिट’ के मसले पर कड़ी चेतावनी भी दी|

‘ब्रेक्झिट का मसला यदि ग़लत तरीके से सँभाला गया, तो महासंघ बड़े संकट में पड़ सकता है| ब्रेक्झिट की वजह से युरोपीय संघ से बाहर निकलेनवाला ब्रिटन, युरोप की सिर्फ़ अच्छी चीज़ों को खुद के पास रखने की कोशिश करेगा और अन्य मसलों की ज़िम्मेदारी टालने की कोशिश कर सकता है| यह बात युरोपीय महासंघ को रोकनी होगी| क्योंकि यदि ऐसा हुआ, तो अन्य देश भी ब्रिटन के मार्ग पर चलना शुरू करेंगे| ऐसे में, युरोपीय महासंघ गड्ढ़े में जा सकता है|’ ऐसे शब्दों में सिग्मार गॅब्रिएल ने चेतावनी दी|

ब्रिटन और युरोपीय महासंघ में अभी तक ‘ब्रेक्झिट’ के मसले पर बातचीत शुरू नहीं हुई है| इस मसले पर दोनो पक्षों के मत अलगअलग हैं| इन मतभेदों की वजह से ‘ब्रेक्झिट’ की प्रक्रिया और भी प्रलंबित हो रही है| युरोपीय महासंघ ने ब्रिटन को, जल्द से जल्द महासंघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू करने का आवाहन किया है| लेकिन ब्रिटन ने इस बारे में कोई ख़ास उत्साह नहीं दिखाया है|

ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे द्वारा, ‘ब्रेक्झिट’ के मसले पर बातचीत करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों का एक अलग गुट तैयार किया गया है| साथ ही, ‘ब्रेक्झिट’ के लिए स्वतंत्र विभाग और मंत्री की भी नियुक्ती की गयी है| लेकिन प्रक्रिया शुरू करने के बारे में असमंजसता कायम है| वहीं, ब्रिटन के विपक्षी दलों द्वारा ‘ब्रेक्झिट’ के मसले पर सरकार को संकट में लाने की तैयारी की गयी होने की ख़बर भी दी जा रही है|

अगर ब्रिटन की सरकार संसद में ‘ब्रेक्झिट’ का प्रस्ताव लाती है, तो उसका विरोध करने की पूरी तैयारी शुरू हो गयी है| ‘ब्रेक्झिट’ के मसले पर सरकार को फटकार देने के लिए ‘ओपन ब्रिटन’ नामक एक गुट का निर्माण किया गया है| इसी पृष्ठभूमि पर, प्रधानमंत्री थेरेसा में द्वारा, संसद को बाजू में रखते हुए ‘ब्रेक्झिट’ की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कदम उठाये जाने के संकेत दिये जा रहे हैं|

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