ब्रेक्झिट पर सार्वमत के चलते युरोपीय महिलाओं पर होनेवाले निर्वासितों के अत्याचार ‘परमाणुबम’ साबित होंगे- निगेल फ़ॅराज

ब्रिटीश नेता निगेल फ़ॅराज का दावा

निगेल फ़ॅराज

युरोप में आनेवाले निर्वासितों के झुँड़ों द्वारा स्थानीय युरोपीय महिलाओं पर किये जानेवाले अत्याचार यह ब्रिटन में चल रही सार्वमत की लड़ाई में ‘परमाणुबम’ फ़ेंकनेवाला मुद्दा साबित होगा,  ऐसा दावा ब्रिटन की ‘युकेआयपी’ इस पार्टी के नेता निगेल फ़ॅराज ने किया । फ़ॅराज के इस वक्तव्य पर ब्रिटन के राजनीतिक दायरे में से तीव्र प्रतिक्रिया उठी है । कुछ ही दिन पहले जर्मनी में एक संगीत के कार्यक्रम के दौरान निर्वासितों के द्वारा महिलाओं का विनयभंग किया जाने का प्रकरण उजागर हुआ था ।

‘युकेआयपी’ पार्टी के प्रमुख निगेल फ़ॅराज ने ‘संडे टेलिग्राफ’ को दिये गए इंटरव्ह्यू में ‘ब्रेक्झिट’ के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए महिलाओं पर होनेवाले हमलों का उल्लेख किया । जर्मनी में पिछले साल कोलोन शहर में हुई घटना की मिसाल देते हुए फ़ॅराज ने, ‘निर्वासितों द्वारा युरोपीय महिलाओं पर होनेवाले हमलें ‘ब्रेक्झिट’ के लिए ‘परमाणुबम’ साबित होंगे’ ऐसा वक्तव्य किया । यह एक बहुत बड़ा सांस्कृतिक मुद्दा होने का दावा भी उन्होंने किया । अपने वक्तव्य का समर्थन करते हुए उन्होंने ‘ब्रिटन की सदस्यता तथा महिलाओं की सुरक्षा के बारे में मैं चिन्ता व्यक्त करना चाहता था’ यह भी स्पष्ट रूप में नमूद किया ।

‘यदि युरोपीय महासंघ में आनेवाले निर्वासितों को खुलेआम  युरोप के पासपोर्ट मिले, तो ये निर्वासित ब्रिटन में भी आ सकते हैं । कोलोन शहर में हुए हमलों की तरह ब्रिटन में भी महिलाओं पर हमलें हो सकते हैं । ब्रिटीश नागरिक ‘ब्रेक्झिट’ के लिए वोट्स देंगे या नहीं, उसपर सब निर्भर करता है । लेकिन यह एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है, यह ध्यान में रखना ही चाहिए’ ऐसा फ़ॅराज ने डँटकर कहा । फ़ॅराज ने इससे पहले भी, तुर्की को महासंघ में प्रवेश देने के मुद्दे को लेकर, ‘ब्रिटन की महिलाएँ सुरक्षित नहीं रहेंगी’ ऐसा वक्तव्य किया था ।

uk-womenजर्मनी के साथ साथ युरोपीय महासंघ के अन्य कुछ देशों में, निर्वासितों द्वारा स्थानीय युरोपीय महिलाओं पर हमलें किये जाने की, बलात्कार की तथा विनयभंग की बढ़ती घटनाएँ सामने आ रही हैं । मई महीने में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में दो युवतियों पर १० निर्वासितों द्वारा बलात्कार किये जाने की घटना ने खलबली मचा दी थी । बर्लिन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान यह भयानक हादसा हुआ । इस मामले में १४ से १७ साल के ३ युवाओं को गिरफ़्तार भी किया गया होकर, उनमें से दो युवा तुर्की से जर्मनी में आये हुए निर्वासित होने की बात सामने आयी थी।

पिछले हफ़्ते फ़्रँकफर्ट शहर के ‘डर्मसडॅट’ इलाक़े में संगीत के एक कार्यक्रम के दौरान निर्वासितों ने कम से कम २६ महिलाओं का विनयभंग किया होने की बात सामने आयी थी । फ़्रँकफर्ट की पुलीस ने दी हुई जानकारी के अनुसार, गिरफ़्तार हुए तीनों युवा २८ से ३१ उम्रगुट के और पाक़िस्तानी वंश के हैं । महिलाओं पर हुए इन हमलों में और भी आरोपी शामिल होकर, उनकी खोज जारी है ।

गत वर्ष नये साल के स्वागत के लिए ‘कोलोन’ शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में भी उत्तर अफ़्रीका एवं गल्फ देशों से आये निर्वासितों द्वारा महिलाओं का विनयभंग एवं अत्याचार करने की कुल मिलाकर १०४९ घटनाएँ  घटित हुई थीं । जर्मनी जैसे देश में स्थानीय सुरक्षायंत्रणाएँ निर्वासितों पर नियंत्रण रखने में असफल हो रही हैं, यह स्पष्ट रूप में दिखायी दे रहा है । फ्रान्स की ‘कॅले’ इस निर्वासितों की छावनी के पास भी स्थानीय महिलाओं को असुरक्षितता का सामना करना पड़ा, यह बात स्पष्ट हुई थी । स्वीडन के ‘ऑस्टरजुंड’ शहर में निर्वासितों द्वारा स्थानीय महिलाओं पर किये जानेवाले हमलें एवं बलात्कार इनके कारण महिलाओं पर, रात को बाहर निकलने पर पाबंदी भी लगायी गयी थी ।

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