‘ब्राह्मोस’ की हवाई आवृत्ति जल्द ही वायुसेना के बेड़े में- ब्राह्मोस ऐरोस्पेस के वरिष्ठ अधिकारी का दावा

मॉस्को/ नई दिल्ली: भारत और रशिया ने संयुक्त रूप से विकसित किए हुए ब्राह्मोस मिसाइल की हवाई आवृत्ति जल्द होने वाले परीक्षण के बाद भारतीय वायु सेना में दाखिल होंगे, यह ‘ब्राह्मोस एयरोस्पेस’ के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। ध्वनि से ७ गुना तेज होने वाले ब्राह्मोस-२ यह हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने का काम शुरू होने की बात अधिकारियों ने कही है।

वायु सेना

ब्राह्मोस मिसाइल की नौदल और जमीन पर हमला करने की आवृत्ति इसके पहले भारतीय संरक्षण दल में दाखिल हुई है। पर लड़ाकू जहाज से भी यह मिसाइल दाग सके इसके लिए इस मिसाइल में काफी बदलाव करने पड़े है। इस मिसाइल के हवाई आवृत्ति का आकार और वजन कम किया गया, जिससे यह हवाई दल के बेड़े में है उपस्थित ‘सुखोई’ विमान में यह मिसाइल बिठाएं जाएंगे। ब्राह्मोस मिसाइल के लिए ‘सुखोई-३० एमकेआई’ यह लड़ाकू विमान में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। पर इस विमान में मिसाइल बिठाने के लिए तैयार किए गए ब्राह्मोस की इस हवाई आवृत्ति का परीक्षण अब तक बाकी है। यह परीक्षण होने के बाद ही यह ब्राह्मोस तैयार किए जाएंगे।

सितंबर के आखिर में अथवा अक्टूबर की शुरुआत में इसका परीक्षण हिंद महासागर में किया जाएगा। उसके उपरांत ब्राह्मोस की हवाई आवृत्ति संरक्षण दल के बेड़े में दाखिल की जाएंगी, ऐसा ‘ब्राह्मोस एरोस्पेस’ के महाव्यवस्थापक प्रवीण पाठक ने कहा है। ब्राह्मोस की हवाई आवृत्ति भारतीय संरक्षण दल के सेवा में दाखिल होने के बाद भारत की संरक्षण सज्जता और मजबूत हो जायेंगी, यह दावा किया है।

ब्राह्मोस की हवाई आवृत्ति का परीक्षण सफल होने पर जमीन, पानी और हवा से हमला करने में सक्षम होनेवाला दुनिया का वह पहला क्रूज मिसाइल होगा। ब्राह्मोस की हवाई आवृत्ति सेवा में दाखिल होने के बाद यह मिसाइल से लैस सुखोई जहाज किसी भी समय प्रतिहमले के लिए तैयार रहेंगी। इसके सिवाय ब्राह्मोस की हमले की क्षमता और गति बढ़ाने के दो अलग कार्यक्रम हात लिए गए हैं। फिलहाल, ब्राह्मोस २९० से ४५० किलोमीटर तक हमला कर सकते हैं। पर ब्राह्मोस मिसाइल की आधुनिक आवृत्ति ६०० किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम होंगी। इसके लिए इस मिसाइल की लंबाई और व्यास में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। जल्द ही इस संदर्भ में परीक्षण शुरू होगा तथा ब्राह्मोस मिसाइल २.८ से ३ मैक मतलब वायु से तिगुने अधिक गति से हमला कर सकता है। पर यह गति ७ से ८ मैक तक बढ़ाने की दृष्टि से संशोधन शुरु किया है। आने वाले पांच वर्षों में ध्वनी से ४ गुना गति से जाने वाला ब्राह्मोस मिसाइल और आने सात वर्षों में ध्वनि से ७ गुना अधिक गति से जाने वाले मिसाइल ब्राह्मोस की हाइपरसोनिक आवृत्ति तैयार होगी यह अनुमान पाठक ने व्यक्त किया है।

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