ऑस्ट्रेलिया पर व्यापारी निर्बंध थोंपने पर चीन के प्रांतों को ‘ब्लॅकआऊट्स’ का झटका

बीजिंग/कॅनबेरा – चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने ऑस्ट्रेलिया पर थोंपे हुए व्यापारी निर्बंधों के परिणाम चिनी जनता को सहने पड़ रहे होने की बात सामने आयी है। पिछले साल चीन की सत्ताधारी हुक़ूमत ने ऑस्ट्रेलिया से आयात किया जानेवाला कोयला ‘ब्लॅकलिस्ट’ करने के निर्देश दिये थे। इस निर्देश के बाद ऑस्ट्रेलिया से होनेवाली आयात बंद होने के कारण चीन की कई ऊर्जा परियोजनाएँ मुश्किल में फ़ँस गयीं हैं। इस वजह से, पिछले दो महीनों में चीन के चार प्रांतों को लगातार ‘ब्लॅकआऊटस्’ का सामना करना पड़ा होने की जानकारी सामने आयी है।

australia-blackout-chinaचीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने हालाँकि स्वच्छ ऊर्जा के लिए महत्त्वाकांक्षी योजनाएँ घोषित कीं हैं, फिर भी वास्तव में आज भी चीन की ईंधन तथा ऊर्जा की ज़रूरत पूरी करने के लिए बड़े पैमाने पर कोयले की आवश्यकता होती है। यह कोयला प्राय: ऑस्ट्रेलिया, रशिया, मंगोलिया तथा अफ़्रीकी देशों से आयात किया जाता है। चीन में आयात होनेवाले कोयले में से लगभग ५० प्रतिशत से भी अधिक कोयला ऑस्ट्रेलिया से आयात किया जाता है। सन २०१९ के आँकड़ों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया से चीन में तक़रीबन १४ अरब डॉलर्स के कोयले की निर्यात हुई थी।

लेकिन पिछले साल में उसमें लगभग ७८ प्रतिशत गिरावट आने की बात सामने आयी है। इस गिरावट के पीछे, गत कुछ महीनों से चीन ने ऑस्ट्रेलिया के विरोध में छेड़ा व्यापारयुद्ध कारण साबित हुआ है। गत वर्ष चीन ने ऑस्ट्रेलिया से आयात होनेवाली मछली, सागरी उत्पादन, कॉटन, मांस और वाईन इनपर भारी मात्रा में आयात कर थोंपे हैं। ऑस्ट्रेलिया से आयात होनेवाला कोयला भी ‘ब्लॅकलिस्ट’ में वर्ग किया गया है। पिछले दो महीनों से अधिक समय से, एक अरब डॉलर्स से अधिक क़ीमत का कोयला होनेवाले ८० से अधिक ऑस्ट्रेलियन जहाज़ चीन के बंदरगाहों में खड़े हैं। लेकिन उनमें से कोयला उतारने से चीन ने इन्कार किया है।

australia-blackout-chinaचीन ने यह कोयला न उतारने के कारण हालाँकि ऑस्ट्रेलियन कंपनियों का कुछ हद तक नुकसान ज़रूर हुआ है, लेकिन उसका सर्वाधिक झटका चिनी जनता और उद्योगक्षेत्र को ही लगा होने की बात सामने आ रही है। चीन के दक्षिणी भाग में होनेवाले हुनान, झेजिआंग, हेनान और जिआंन्गशी इन प्रांतों में लगातार बिजली की सप्लाई खंडित की जा रही है। इन प्रांतों के कारखानों को काम के समय में कटौती करने के निर्देश दिये गये हैं। विभिन्न कार्यालयों को यह बताया गया है कि शून्य तक तापमान होने जितनी ठंड़ पड़ने तक ‘हिटिंग सिस्टिम्स’ चालू ना करें। घरों में होनेवाली बिजली की सप्लाई में भी लोडशेडिंग शुरू किया गया है।

चीन की यंत्रणाओं तथा अधिकारियों ने बिजली का रेशनिंग शुरू किया होने की ख़बर की पुष्टि की है। लेकिन उसके लिए यंत्रणाओं में ख़राबी, मरम्मत का काम और बढ़ा हुआ बिजली का इस्तेमाल, ये कारण बताये गये हैं। वास्तव में कोयले की अपर्याप्त सप्लाई के कारण हुनान, झेजिआंग, हेनान और जिआंन्गशी इन प्रांतों में बिजलीनिर्माण करनेवालीं परियोजनाएँ पूरी क्षमता के साथ कार्यरत ना होने की बात सामने आयी है। कोयले की ज़रूरत पूरी करने के लिए रशिया, इंडोनेशिया और मंगोलिया से कोयला मँगाया जा रहा है। लेकिन कुछ ही हफ़्तों में दाम दोगुने होने के कारण ऊर्जा परियोजनाएँ तथा अन्य तसेच कारखानों को यह नया कोयला बहुत ही महँगा पड़ रहा है, यह स्पष्ट हुआ है।

australia-blackout-chinaचीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ छेड़े हुए व्यापारयुद्ध के पीछे, पिछले दो सालों में ऑस्ट्रेलियन सरकार द्वारा लिये गये निर्णय तथा रिपोर्ट्स कारणीभूत साबित हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया की राजनीति के साथ साथ उद्योग, तंत्रज्ञान, शिक्षा इन क्षेत्रों में भी चीन अपना प्रभाव भारी मात्रा में बढ़ा रहा होने की बात सामने आयी थी। चीन की इस दख़लअन्दाज़ी पर रोक लगाने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने एक के बाद एक क़ानून बनाना तथा आक्रामक फ़ैसलें करना शुरू किया। उसी समय दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी के मुद्दे पर चीन के विरोध में ठोंस भूमिका अपनाकर, तहकिक़ात की भी माँग की। साऊथ चायना सी, हाँगकाँग, ५जी जैसे कई मुद्दों पर ऑस्ट्रेलिया ने चीन का दबाव खुले आम ठुकरा दिया।

इन घटनाओं के कारण बौखला हुआ चीन ऑस्ट्रेलिया को सबक सिखाने के लिए व्यापारयुद्ध का इस्तेमाल कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया पर आर्थिक दबाव बनाकर, अपने विरोध में किये फ़ैसलें और भूमिका बदलने पर मजबूर करने के चीन के ईरादें हैं। चीन ने इकतरफ़ा निर्बंध थोंपने की शुरुआत करने पर उसका झटका चीन को भी लग सकता है, यह बात ऑस्ट्रेलियन नेता तथा विश्‍लेषकों ने जतायी भी थी। लेकिन चीन ने उसे अनदेखा किया था। अब चिनी प्रांतों में हो रहे ‘ब्लॅकआउटस्’ के वास्तव से यही दिखाई दे रहा है कि ऑस्ट्रेलिया पर थोंपा हुआ व्यापारयुद्ध चीन पर ही ‘बूमरँग’ हो रहा है।

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