एअरटेल, रिलायन्स जीओ द्वारा ‘५ जी’ के परीक्षण शुरू – भारत में २०२६ तक ‘५ जी’ के ३३ करोड़ ग्राहक होने का अंदाज़ा

नई दिल्ली – एअरटेल और रिलायन्स जीओ ने देश में ‘५ जी’ का परीक्षण शुरू किया है। एअरटेल ने मंगलवार से और जीओ ने बुधवार से यह परीक्षण शुरू किया। इसके साथ ही भारत में अगले पांच वर्षों के दौरान ‘५ जी’ के ग्राहकों की संख्या किस गति से बढ़ेगी, यह अंदाज़ा जतानेवाली रपट भी प्रसिद्ध हुई है। इसके अनुसार २०२६ तक भारत में ‘५ जी’ के ३३ करोड़ ग्राहक होंगे, यह अंदाज़ जताया गया है। साथ ही प्रति स्मार्टफोन डाटा का इस्तेमाल ४० जीबी तक जा पहुँचेगा, यह दावा भी इस रपट में किया गया है। 

‘५ जी’ के परीक्षणअप्रैल में दूरसंचार मंत्रालय ने देश की चार कंपनियों को ‘५ जी’ तकनीक के परीक्षण की अनुमति प्रदान की थी। साथ ही छह महीनों के भीतर यह परीक्षण पूरा करने के निर्देश भी दिए थे। इसमें इस परीक्षण के लिए आवश्‍यक उपकरणों की खरीद और इन्हें स्थापित करने के लिए दो महीनों की अवधि भी शामिल था। दूसरसंचार मंत्रालय ने ‘५ जी’ परीक्षण के लिए अनुमति प्रदान करने का निर्णय करके १० दिन पहले ही दो महीने पूरे हुए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर भारत की टेलिकॉम कंपनियों ने ‘५ जी’ का परीक्षण शुरू किया हुआ दिख रहा है। सायबर हब के तौर पर जाने जा रहे गुरूग्राम में एअरटेल ने अपने ‘५ जी’ का परीक्षण शुरू किया। ३.५ गिगाहर्टज-जीएच बैण्ड के ज़रिये यह परीक्षण शुरू किया गया है। इससे संबंधित एक वीडियो भी एअरटेल ने पोस्ट किया था। इसके अनुसार परीक्षण के दौरान डाऊनलोड के लिए १००० एमबीपीएस (१ जीबीपीएस) स्पीड़ उपलब्ध हो रहा है। साथ ही अपलोड के लिए १०० एमबीपीएस की स्पीड़ उपलब्ध हो रही है।

ऐसे में रिलायन्स जीओ ने बुधवार से मुंबई में ‘५ जी’ परीक्षण शुरू किया। इस परीक्षण के लिए जीओ ‘एमएमवेव बैण्ड’ का इस्तेमाल कर रही है। इसके बाद जीओ सैमसंग, नोकिया और एरिक्सन कंपनियों की सहायता से जल्द ही देश के अन्य शहरों में भी ‘५ जी’ परीक्षण शुरू करने की तैयारी जुटा रही है। दूरसंचार मंत्रालय ने ‘५ जी’ परीक्षण के लिए हाल ही में ७०० एमएच, ३.५ जीएच और २६ जीएच का स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराया था।

एअरटेल और जीओ के अलावा वोड़ाफोन आयडिया और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को भी ‘५ जी’ परीक्षण की अनुमति प्रदान की गई है। यह कंपनियाँ भी जल्द ही ‘५ जी’ का परीक्षण शुरू करेंगी, यह अंदाजा है। भारत में ‘५ जी’ परीक्षण से चीन को दूर रखने की वजह से चीन की पहले ही बौखलाहट हुई है। यह निर्णय निराशाजनक होने की प्रतिक्रिया भी चीन ने दर्ज़ की थी।

इसी बीच भारत में २०२६ के अन्त तक ‘५ जी’ के ग्राहकों की संख्या ३३ करोड़ तक पहुँचने का अनुमान व्यक्त किया गया है। इसका मतलब यह है कि, देश की २६ प्रतिशत जनसंख्या इस सेवा का उपयोग करेगी। इनमें से ४२ प्रतिशत ग्राहक बड़े शहरों में होंगे, यह अनुमान एरिक्सन मोबिलीटी ने व्यक्त किया है। साथ ही देश में प्रति स्मार्ट फोन डाटा युसेज भी बढ़ेगा, यह बात भी इस रपट में कही गई है। वर्ष २०२६ तक प्रतिस्मार्ट फोन डाटा युसेज ४० जीबी तक जा पहुँचेगा। देश में २०२० तक प्रति स्मार्टफोन १५ जीबी डाटा युसेज हो रहा था। इससे पहले २०१९ तक यही प्रमाण १३ जीबी था।

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