बर्‍हामदाग बुग्ती के बाद एक और बलुच नेता की भारत के पास आश्रय देने की माँग

नई दिल्ली, दि. २५ (वृत्तसंस्था)- बलुच नेता बर्‍हामदाग बुग्ती के बाद ‘हरबयार मारी’ इस मान्यवर बलुच नेता ने भी भारत के पास राजनयिक आश्रय की माँग की है| उनके बाद, फिलहाल युरोपीय देश में आश्रय लेनेवाले बलुचिस्तान के बाकी नेता भी भारत के पास आश्रय की माँग कर सकते हैं, ऐसी ख़बर है| इन नेताओं को यदि भारत ने आश्रय दिया, तो बलुचिस्तान में शुरू स्वतंत्रता आंदोलन को अधिक मज़बूती मिलेगी| इससे पाकिस्तान अस्वस्थ हुआ होकर, इन नेताओं के आश्रय के विरोध में पाकिस्तान के नेता भारत को धमकी दे रहे हैं|

बर्‍हामदाग बुग्तीबलुचिस्तान लिबरेशन आर्मी के नेता हरबयार मारी ने राजनयिक आश्रय देने का भारत को आवाहन किया है| मारी ये बर्‍हामदाग बुग्ती के बाद के दूसरे बड़े नेता हैं| बलुच नेता अकबर बुग्ती की तरह ही, हरबयार मारी के पिता बलाच मारी की पाकिस्तानी सेना ने सन २००७ में हत्या की थी| उसके बाद. जान को ख़तरा रहनेवाले हरबयार मारी, अफगानिस्तान-ईरान रास्ते से युरोप गये थे|

फिलहाल मारी ब्रिटन में वास्तव्य कर रहे हैं| मारी के हस्तांतरण की माँग पाकिस्तान ने ब्रिटन के पास की थी| पाकिस्तान से बारबार माँग की जाने के कारण ब्रिटन शायद आगे चलकर उन्हें पाकिस्तान को सुपूर्द करेगा, ऐसा डर मारी को लग रहा है| इसी वजह से, भारत या अमरीका उन्हें आश्रय दें, ऐसे मारी ने कहा है|

कुछ ही दिन पहले, बर्‍हामदाग बुग्ती ने भारत के पास आश्रय की माँग की थी| उनकी अर्ज़ी पर भारत गंभीरता से विचार कर रहा है, ऐसी ख़बर है| पाकिस्तान ने इस ख़बर के बाद बुग्ती को ‘आतंकवादी’ ठहराकर, ‘यदि उन्हें आश्रय दिया, तो भारत को ‘आतंकवाद का पुरस्कर्ता’ इस नज़रिये से देखा जायेगा’ ऐसे पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने कहा था|

साथ ही, बुग्ती को पाकिस्तान में वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद ली जायेगी, ऐसी घोषणा पाकिस्तान के अंतर्गत रक्षामंत्री निसार अली खान चौधरी ने की थी|

लेकिन बुग्ती के साथ ही कई बलुच नेताओं को भारत से राजनयिक आश्रय की उम्मीद है| मारी ने भारत में आश्रय की माँग करते समय, अपनी ही भूमि से हदपार होनेवाले और फिलहाल दुनिया भर में बिखेरे हुए बलुचियों के लिए भारत कुछ करें, यह आवाहन किया है|

कई युरोपीय देश बलुच नेताओं को आश्रय देने से इनकार कर रहे हैं| बलुचियों की युवा पीढी को शिक्षा अर्जित करने में दिक्कतें आ रही हैं| भारत ने अपने इन बलुच बांधवों की मदद करनी चाहिए, ऐसी दरख़्वास्त हरबयार मारी ने की|

इसी दौरान, भारत ने बलुचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार हनन का मुद्दा उपस्थित करने के बाद बलुचियों का आत्मविश्‍वास बढ़ा हुआ दिखायी दे रहा है| खुलेआम पाकिस्तान के अत्याचारों का विरोध करनेवाले बलुच नेता अब पाकिस्तान की मीडिया को हिलाकर रख रहे हैं|

इससे पाकिस्तान अस्वस्थ होता दिखायी दे रहा है और संयुक्त राष्ट्रसंघ के व्यासपीठ पर बलुचियों ने चीन और पाकिस्तान के बीच के कॉरिडॉर प्रकल्प का विरोध करते हुए सारी दुनिया का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर खींच लिया है| इसी कारण, आगे चलकर यदि बलुचियों पर अत्याचार जारी रहें, तो पाकिस्तान को उसके गंभीर अंजाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसे आसार दिखाई देने लगे हैं|

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