ऑस्ट्रेलिया के ‘पर्थ मिंट’ की तरफ से – सोने पर आधारित ‘क्रिप्टोकरेंसी’ की घोषणा

कॅनबेरा: ‘बिटकॉइन’ दुनियाभर के निवेशकों को आकर्षित कर रहा है, ऐसे में कुछ प्रमुख देश, बैंक, बड़ी वित्तसंस्थाओं ने स्वतंत्र क्रिप्टोकरेंसी शुरू करने की गतिविधियाँ बढ़ाईं हैं। इस पृष्ठभूमि पर, ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी ‘गोल्ड रिफायनरी’ के तौर पर प्रसिद्ध ‘पर्थ मिंट’ ने अपने ‘क्रिप्टोकरेंसी’ की घोषणा की है। नई क्रिप्टोकरेंसी को सोना और अन्य मौल्यवान धातुओं का आधार होगा, एस ‘पर्थ मिंट’ के प्रमुख रिचर्ड हेज ने जाहिर किया है। सोने के आधार की वजह से यह क्रिप्टोकरेंसी विश्वसनीय होगी, ऐसा ‘हेज’ ने कहा है।

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‘वर्तमान के व्यवहार की क्रिप्टोकरेंसी में बड़े पैमाने पर उतार चढाव की श्रृंखला शुरू है, इस वजह से सभी निवेशकों को यह उचित नहीं है। ऐसे समय में क्रिप्टोकरेंसी को सोने का आधार परिवर्तन ला सकता है। क्रिप्टो गोल्ड अथवा क्रिप्टो प्रेशियस मेटल जैसे क्रिप्टोकरेंसी को सोने का आधार महत्वपूर्ण बात है। इन व्यवहारों में डिस्ट्रीब्युटेड लेजर जैसी तकनीक के इस्तमाल के सभी फायदे होंगे। व्यवहार अधिक तेज और सुलभ होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसे कुछ तो आधार होगा’, इन शब्दों में ‘पर्थ मिंट’ के प्रमुख ‘रिचर्ड हेज’ ने सोने पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी का महत्व स्पष्ट किया है।

‘अब तक अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर दाखिल हुई क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी आधार नहीं है और इसे एक व्यक्ति की तरफ से दूसरी व्यक्ति की तरफ कंप्यूटर की मदद से भेजा जाता है। ऐसे समय पर ‘क्रिप्टो-गोल्ड’ जैसी नई क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को उत्साह बढाने वाली साबित होगी’, ऐसा हेज ने कहा है। पर्थ मिन्ट की तरफ से शुरू होने जा रही यह क्रिप्टोकरेंसी सोने के आधार वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी साबित होगी, ऐसा दावा भी हेज ने किया है। उन्होंने ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक का समर्थन करके इसमें की पारदर्शिता निवेशकों को आकर्षित करने वाला मुख्य घटक साबित होगा, इस बात की तरफ ध्यान आकर्षित किया है।

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पिछले कुछ वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर क्रिप्टोकरेंसी का प्रभाव बढ़ रहा है और निवेशक बड़े पैमाने पर इस तरफ आकर्षित होते दिखाई दे रहे हैं। लेकिन उसकी दरों में हो रहे उतार चढाव, तकनीकी उलझन और कोई भी आधार न होना इस वजह से प्रमुख उद्योजक और सरकारी यंत्रणाओं की तरफ से सतर्कता के इशारे दिए जा रहे हैं। इस वजह से सामान्य निवेशक सतर्क हैं। इस पृष्ठभूमि पर, सोने के आधार वाली ‘क्रिप्टोकरेंसी’ बड़ा परिवर्तन लाने वाली घटना साबित हो सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर अमरिकी डॉलर को विकल्प खड़ा करने के लिए रशिया और चीन के साथ साथ कुछ देशों की जोरदार कोशिश शुरू है और नई मुद्रा को सोने का आधार देने की संभावना जताई जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर सोने के आधार वाली क्रिप्टोकरेंसी ध्यान आकर्षित करने वाली है।

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