ऑस्ट्रेलिया को अमरीका और चीन में से एक का चुनाव करना होगा : अमरीका के उपरक्षादलप्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन, दि. २ (वृत्तसंस्था) – ऑस्ट्रेलिया ‘सहयोगी देश’ के रूप में अमरीका और चीन में से एक का चुनाव करें, ऐसी सलाह अमरीका के उपरक्षादलप्रमुख कर्नल टॉम हेन्सन ने दी है| चीन के साथ व्यापारी संबंध महत्त्वपूर्ण हैं या अमरीका के साथ सहयोग, इसका फ़ैसला करने का समय आ चुका है| इस फ़ैसले को ऑस्ट्रेलिया अब टाल नहीं सकता, ऐसा भी कर्नल हॅन्सन ने कहा है| अमरीका और चीन में, प्रशांत महासागर क्षेत्र पर प्रभुता पाने के लिए दौड़ लगी हुई है| ऐसे में, क्या ऑस्ट्रेलिया किसी एक देश का चयन कर सकता है, इस पर जोरों से चर्चा शुरू है| इस पृष्ठभूमि पर, कर्नल हॅन्सन का बयान औचित्यपूर्ण साबित होता है|

अमरीका और चीन‘एशिया प्रशांत’ क्षेत्र में चीन की आक्रामकता बढ़ रही है; ऐसे में, ऑस्ट्रेलिया चीन और अमरीका दोनों को सँभालने की कसरत नहीं कर सकता, ऐसा बताते हुए कर्नल हॅन्सन ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दी| मुख्य रूप से, साऊथ चायना सी क्षेत्र में अमरीका अपने दोस्त राष्ट्रों के समर्थन में चीन के खिलाफ़ खड़ी है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ठोस नीति अपनाएँ, ऐसी उम्मीद कर्नल हॅन्सन ने ज़ाहिर की| ‘साऊथ चायना सी’ में होनेवालीं चीन की आक्रामक गतिविधियों पर ऑस्ट्रेलिया ने तीख़े शब्दों में निषेध व्यक्त नहीं किया है| इस कारण, हमने कुछ भी किया, तो भी उस पर ऑस्ट्रेलिया से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयेगी, ऐसी चीन की धारणा हुई है| इसीलिए ऑस्ट्रेलिया यदि चीन के इन कारनामों का निषेध करने की ठोस भूमिका अपनाता है, तो अमरीका द्वारा उसका स्वागत ही किया जायेगा, ऐसा दावा कर्नल हॅन्सन ने किया|

china-australiaइस दौरान, अमरीका और चीन में चल रहे प्रभुता के संघर्ष में दखल दें या उससे दूर रहें, इस पर ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक क्षेत्र में विवाद शुरू हैं| ऑस्ट्रेलिया के सांसदो के लिए संसद द्वारा जारी की गई सूचनापुस्तिका में, चीन के साथ के व्यापारी संबंधों का महत्त्व अधोरेखित किया गया है| ‘ये संबंध ऑस्ट्रेलिया के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं’ ऐसा बताते हुए, चीन के खिलाफ़ बयानबाज़ी न करने की सूचना इस पुस्तिका में की गई है| इसी पर अमरीका के कर्नल हॅन्सन द्वारा प्रतिक्रिया दी गई है, ऐसा लगता है|

ऑस्ट्रेलिया में विदेश नीति ही बची नहीं है| हमारे देश को नये सिरे से विदेश नीति को अपनाना होगा, ऐसी आलोचना भूतपूर्व प्रधानमंत्री पॉल केटिंग ने की है| अमरीका और चीन में प्रभुता के लिए संघर्ष शुरू है; ऐसे में ऑस्ट्रेलिया अपनी नीति निश्‍चित करें, ऐसी सलाह केटिंग ने दी| वहीं, इस संघर्ष में ऑस्ट्रेलिया किसी एक का पक्ष न लेते हुए तटस्थ रहें, ऐसा बताते हुए, चीनपरस्त नीति अपनाने का आग्रह ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रूड ने किया| वहीं, ऑस्ट्रेलिया के कुछ नेता, चीन की आक्रामकता की ओर निर्देश करते हुए, स्पष्ट रूप से अमरीका का पक्ष अपनाने के अलावा और कोई चारा हे नहीं है, ऐसा दावा कर रहे हैं|

ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री जुली बिशेप ने, अपनी सरकार अमरीका और चीन के बीच संतुलन रखनेवाली नीति अपनाने की कोशिश कर रही है, ऐसा दावा किया है| अमरीका यह ऑस्ट्रेलिया के लिए सामरिक सहयोगी देश है| वहीं, चीन यह आस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापारी सहयोगी देश है| ऐसे में, इन दोनों में संतुलन बनाये रखना ज़रूरी है, ऐसा बिशप ने कहा| लेकिन यह मुमक़िन नहीं हैं, ऐसी चेतावनी देते हुए अमरीका के उपरक्षादलप्रमुख ने, ऑस्ट्रेलिया को अमरीका और चीन में से एक का सहयोगी के तौर पर चुनाव करना होगा, ऐसी निर्णायक चेतावनी दी| इस विषय में हालाँकि ऑस्ट्रेलिया में चर्चा शुरू है, मग़र फिर भी कुछ ही महीनें पहले अमरीका को उसकी सेना के बेस के लिए अपनी भूमि उपलब्ध करा देकर ऑस्ट्रेलिया ने ‘हम किसके पक्ष में हैं’ यह स्पष्ट कर दिया था|

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