इंडो-पैसिफिक में चीन को रोक रही अमरीका की ‘नेवल टास्क फोर्स’ में ऑस्ट्रेलिया का समावेश होने के संकेत

‘नेवल टास्क फोर्स’वॉशिंग्टन/कैनबेरा/बीजिंग – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए अमरीका द्वारा गठित हो रही ‘नेवल टास्क फोर्स’ में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने के संकेत प्राप्त हुए हैं। बायडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एलि रैटनर ने अमरिकी संसद के सामने सुनवाई के दौरान इससे संबंधित जानकारी देने की बात सामने आयी है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इससे संबंधित सकारात्मक भूमिका अपनाने का दावा भी किया गया है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने कुछ महीने पहले रक्षा विभाग को चीन संबंधित एक रपट पेश करने के आदेश दिए थे। रक्षा विभाग के असिस्टंट सेक्रेटरी पद के लिए एलि रैटनर के नाम की सिफारिश हुई है और इन्हीं के नेतृत्व में यह रपट तैयार की गई थी। यह रपट रक्षा विभाग के सामने रखने के बाद अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने रक्षाबलों को चीन के खतरे का मुकाबला करने की तैयारी के लिए आदेश दिए थे। इन निर्देशों के अनुसार स्थायी ‘नेवल टास्क फोर्स’ और ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र के लिए एक ‘स्वतंत्र लष्करी मुहिम’ (नेम्ड मिलिटरी ऑपरेशन) की गतिविधियाँ शुरू की गई हैं।

‘नेवल टास्क फोर्स’बीते हफ्ते में रैटनर की अमरिकी संसद की ‘सिनेट आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ के सामने सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान उन्होंने चीन की बढ़ती लष्करी गतिविधियाँ रोकने के लिए अमरीका ने ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में ‘कॉम्बैट क्रेडिबल फॉरवर्ड पोश्‍चर’ गठित करने की गतिविधियाँ जारी करने की जानकारी दी। इसमें ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का भी समावेश हो सकता है, ऐसे संकेत रैटनर ने इस दौरान दिया। चीन की आक्रामकता रोकनेवाले देशों में ऑस्ट्रेलिया की भूमिका बड़ी अहम होगी और इसका टास्क फोर्स में समावेश ज़रूरी है, यह इशारा भी उन्होंने इस दौरान दिया गया। अमरीका का यह ‘स्वतंत्र टास्क फोर्स’ तैवान की लष्करी हमले से ‘नेवल टास्क फोर्स’रक्षा करेगी, इस ओर भी रैटनर ने ध्यान आकर्षित किया।

‘अमरीका की टास्क फोर्स’ में युद्ध की नई संकल्पनाओं का समावेश होगा। यह फोर्स आधुनिक, सक्षम एवं हमेशा के लिए तैयार स्थिति में रहेगा। इस फोर्स में सहयोगी और भागीदार देशों के कार्यक्षम दलों का भी समावेश रहेगा। शत्रु द्वारा होनेवाली किसी भी गलत हरकत को रोकने की एवं आवश्‍यकता पड़ने पर प्रत्युत्तर देने की क्षमता यह फोर्स रखेगी’, यह जानकारी एलि रैटनर ने संसद में हुई सुनवाई के दौरान दी। इसी बीच उन्होंने चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ की क्षमता और कार्रवाईयों का ज़िक्र करके इसके विरोध में हमेशा ही सावधानी बरतना आवश्‍यक होने का इशारा भी दिया।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ‘जी ७’ की बैठक में पश्‍चिमी देशों ने एकाधिकार चला रही हुकूमतों के विरोध में एकजुट होने का इशारा दिया था। बीते वर्ष ऑस्ट्रेलिया और अमरीका के बीच हुई ‘टू प्लस टू’ बैठक में भी दोनों देशों ने सामरिक सहयोग बढ़ाने से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी अफसरों ने चीन विरोधी ‘टास्क फोर्स’ में ऑस्ट्रेलिया के समावेश से संबंधित दिए संकेत बड़ी अहमियत रखते हैं।

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